Kisan Mahapanchayat: SKM नहीं बल्कि ये 40 किसान संगठन कर रहे महापंचायत जानें इनकी मांगें
Kisan Mahapanchayat: SKM नहीं बल्कि ये 40 किसान संगठन कर रहे महापंचायत जानें इनकी मांगें
Kisan Mahapanchayat: संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) अपना आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी कर चुका है कि वो जंतर-मंतर पर बुलाये गए विरोध का हिस्सा नहीं है. इस विरोध का आह्वान भारतीय किसान यूनियन के गैर-राजनीतिक किसान संगठन बीकेयू एकता सिधुपुर के जगजीत सिंह डल्लेवाल (Punjab farmer leader Jagjit Singh Dallewal) ने किया है जिसको देशभर की करीब 40 से ज्यादा किसान संगठनों द्वारा समर्थन दिया गया है.
नई दिल्ली. दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुलाई गई किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) के आह्वान पर अब सवाल खड़े हो गए हैं. इस पर संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) अपना आधिकारिक स्पष्टीकरण भी जारी कर चुका है. इसके बाद अब यह साफ और स्पष्ट हो गया है कि इस विरोध का आह्वान भारतीय किसान यूनियन के गैर-राजनीतिक किसान संगठन बीकेयू एकता सिधुपुर के जगजीत सिंह डल्लेवाल (Punjab farmer leader Jagjit Singh Dallewal) ने किया है जिसको देशभर की करीब 40 से ज्यादा किसान संगठनों का समर्थन बताया जा रहा है.
Kisan Mahapanchayat के आह्वान के बीच आया SKM का बड़ा बयान, कहा-हमने नहीं बुलाया कोई विरोध, हम इसके हिस्सा नहीं!
इस बीच देखा जाए तो एसकेएम ने मीडिया को जारी एक स्पष्टीकरण में साफ किया है कि आज सोमवार को जंतर-मंतर पर बुलाई किसान महापंचायत या विरोध संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का आह्वान नहीं है. यह आह्वान 2020-21 के किसानों के विरोध के दौरान एसकेएम का हिस्सा रही कुछ किसान यूनियनों की ओर से किया गया है. बीकेयू एकता सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दल्लेवाल इस विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि बाकी किसान संघ और नेता इसका हिस्सा नहीं हैं.
जंतर-मंतर पर ये संगठन कर रहे विरोध
बीकेयू एकता सिधुपुर का समर्थन करने वाले किसान संगठनों की बात की जाए तो इनमें राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ, भारतीय किसान यूनियन अम्बाबता, भारतीय किसान यूनियन सिरसा, भारतीय किसान एकता, भारतीय किसान यूनियन खौसा, भारतीय किसान नौजवान यूनियन, अन्नदाता किसान यूनियन हरियाणा, बुंदेलखंड किसान यूनियन, भारतीय किसान मजदूर यूनियन, हरियाणा किसान यूनियन, खेती बचाओ मोर्चा, किसान मजदूर महासंघ ओडिसा, भारतीय किसान यूनियन असली अराजनैतिक, भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ, राष्ट्रीय किसान संगठन आदि प्रमुख रूप से शामिल है.
इसके अलावा किसान समाज संगठन, टोल हटाओ संघर्ष समिति, पंजाब बॉर्डर एरिया किसान यूनियन, कर्नाटक स्टेट फार्मर्स फेडरेशन, किसान जवान भलाई यूनियन, किसान गन्ना संघर्ष कमेटी, दोआबा किसान वेलफेयर सोसाइटी, पगड़ी सम्भाल लहर, भारतीय किसान यूनियन मानसा, भारतीय किसान यूनियन माझा, किसान संघर्ष कमेटी, पंजाब किसान मजदूर यूनियन, आजाद किसान संघर्ष कमेटी, किसान मजदूर संघर्ष एसोसिएशन, भारतीय किसान यूनियन आर्य, किसान यूथ विंग पंजाब, भारतीय किसान एकता, भारतीय किसान एकता कालांवाली, दि ल्ली देहात किसान संघर्ष कमेटी, किसान क्रांति महाराष्ट्र, राष्ट्रीय किसान महासंघ केरल, बुंदेलखंड किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी आदि संगठनों का समर्थन प्राप्त है.
किसान यूनियनों की ये हैं खास मांगें
इस बीच किसानों की महापंचायत की मांगों की बात करें तो इसमें किसान लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ की मांग को प्रमुखता से उठाने वाले हैं. इसके अलावा जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग भी कर रहे हैं.
इसके अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाने की भी मांग कर रहे हैं.
वहीं देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त करने, बिजली बिल 2022 रद्द करने, गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाने और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरंत करने की मांग के लिए ही किसान महापंचायत का आह्वान किया गया है.
किसानों का कहना है कि वह पंचायत के समापन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक का कहना है कि यदि सरकार किसी भी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो उसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Farmer Protest, Kisan Andolan, Kisan Mahapanchayat, Samyukt Kisan Morcha, SKMFIRST PUBLISHED : August 22, 2022, 12:19 IST