रिटायरमेंट के बाद विजिलेंस के चंगुल में फंस गए IFS अधिकारी कैसे जुटाई आमदनी से 300 गुना ज्यादा संपत्ति
रिटायरमेंट के बाद विजिलेंस के चंगुल में फंस गए IFS अधिकारी कैसे जुटाई आमदनी से 300 गुना ज्यादा संपत्ति
Haldwani News: रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशन चंद पर विजिलेंस ने केस दर्ज कर मुसीबत बढ़ा दी है. उन पर सबसे बड़ा आरोप कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ रेंज में डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर तैनाती के दौरान का है. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ रिजर्व में सैकड़ों पेड़ कटवा दिए बल्कि अवैध निर्माण के साथ बिना मंजूरी के टाइगर सफारी शुरू कराने का भी आरोप है.
हाइलाइट्सइंडियन फॉरेस्ट सर्विस से रिटायर होने के बाद निगरानी विभाग ने शुरू की थी जांचकॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण, पेड़ कटवाने और फर्जी नौकरी देने जैसे आरोप लगेरिटायर्ड अधिकारी पर आय से 300 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप
हल्द्वानी. रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी किशन चंद समेत कई फॉरेस्ट कर्मचारियों की मुसीबत बढ़ गई है. इनके खिलाफ विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का आरोप है. इसके साथ ही जगह-जगह तैनाती के दौरान वित्तीय गड़बड़ी और सरकार के नियमों के खिलाफ काम करने का भी आरोप है, जिसकी शुरुआती जांच विजिलेंस पहले ही कर चुकी है.
आईएफएस किशन चंद पर सबसे बड़ा आरोप कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ रेंज में उनकी डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर तैनाती के दौरान का है. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ टाइगर रिजर्व में सैकड़ों पेड़ कटवा दिए बल्कि अवैध निर्माण के साथ बिना मंजूरी के टाइगर सफारी का काम भी शुरू करने का आरोप है. इसीलिए विजिलेंस से इस मामले में किशन चंद समेत पेड़ काटने वाले ठेकेदार, उस समय वहां तैनात रेंजर और फॉरेस्ट कर्मचारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है.
कई और लोग आएंगे जांच के दायरे में
विजिलेंस ने किशन चंद के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम 1980, भारतीय वन अधिनियम 1972, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, आईपीसी की धारा 420, 466, 467 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. माना जा रहा है कि अब जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी कई और फॉरेस्ट अधिकारी जांच के दायरे में आ सकते हैं. इससे पहले साल 2019 में कुछ शिकायतों के आधार पर किशन चंद के खिलाफ विजिलेंस से शुरुआती जांच शुरू की गई थी. इस जांच में किशन चंद पर लगे कई आरोप सच साबित हुए हैं. इसलिए विजिलेंस ने शासन से किशन चंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी.
आय से 300 गुना ज्यादा संपत्ति का अनुमान
विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर के एसपी प्रहलाद मीणा के मुताबिक शासन से मिली अनुमति के बाद किशन चंद और उनके अन्य सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जल्द ही सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक विजिलेंस की शुरुआती जांच में किशन चंद के पास आय से तीन सौ गुना ज्यादा संपत्ति होने का अनुमान है. उनके पास तकरीबन 33 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा विजिलेंस के पास है, जिसमें से महज सात करोड़ की संपत्ति किशन चंद के नाम है जबकि बाकी पत्नी और बच्चों के नाम है. उनके बेटे के नाम एक स्टोन क्रशर जबकि पत्नी के नाम पिरान कलियर में एक पब्लिक स्कूल है.देहरादून में ढाई करोड़ से ज्यादा का मकान है. जिसके लिए पत्नी के ट्रस्ट से लोन लेने का आरोप है. विजिलेंस अब इन बातों की तफ्तीश करेगी.
युवाओं को नौकरी देने के नाम पर ठगा
यहीं नहीं उन पर आरोप है कि नौकरी के दौरान पत्नी के नाम से ट्रस्ट बनाकर उसमें लोगों के जबर्दस्ती डोनेशन करवाया करते थे. हरिद्वार में डीएफओ रहने के दौरान किशन चंद ने ये खेल खेला. यहीं लैंडस्डाउन रेंज में कुछ युवाओं को नौकरी देने के नाम पर उनकी जमीन अपने नाम करा ली.
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Tags: Fraud case, Haldwani news, VigilanceFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 13:41 IST