हल्द्वानी में इस जगह है गायत्री माता का मंदिर जानिए 150 साल पुराने देवस्थान का इतिहास
हल्द्वानी में इस जगह है गायत्री माता का मंदिर जानिए 150 साल पुराने देवस्थान का इतिहास
Gayatri Mata Temple in Haldwani: गायत्री माता का मंदिर हल्द्वानी शहर के बाजार क्षेत्र की मटर गली में स्थित है. जबकि मंदिर का इतिहास करीब 150 साल पुराना है.
रिपोर्ट- पवन सिंह कुंवर
हल्द्वानी. उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर के सबसे पुराने मंदिरों की बात करें, तो इस फेहरिस्त में गायत्री माता का मंदिर (Gayatri Mata Temple in Haldwani) सबसे पहले स्थान पर होगा. यह मंदिर शहर के बाजार क्षेत्र की मटर गली में स्थित है. मंदिर की मान्यता और मंदिर का इतिहास करीब 150 साल पुराना है. इस मंदिर की खास बात यह भी है कि यह मंदिर वट के पेड़ के नीचे स्थित है. इस मंदिर में माता गायत्री के साथ-साथ भगवान शंकर और शनिदेव की प्रतिमा भी प्राण प्रतिष्ठित की गई है.
इस मंदिर को माता गायत्री के नाम से जाना जाता है. मंदिर सुबह 6 बजे खुलता है और शाम करीब 7 बजे बंद होता है. मंदिर में हर रोज श्रद्धालु पहुंचते हैं. स्थानीय लोग भी पूजा-अर्चना के लिए यहीं आते हैं. यहां सुबह-शाम भजन-कीर्तन किए जाते हैं.मंदिर में वट सावित्री की पूजा भी की जाती है.वट सावित्री व्रत पर महिलाएं बड़ पूजन के लिए मंदिर आती हैं और विधि-विधान से पूजा करती हैं.
मंदिर समिति के अध्यक्ष त्रिलोक चंद्र गुप्ता बताते हैं कि माता गायत्री को हल्द्वानी का रक्षक भी कहा जाता है. माता गायत्री मंदिर की और पूरे हल्द्वानी शहर की रक्षा करती हैं. यहां सुबह-शाम भक्त मंदिर में माता की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि गायत्री मंदिर हल्द्वानी शहर का सबसे पुराना मंदिर है. भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर इस मंदिर में आते हैं और माता गायत्री अपने किसी भी भक्त को निराश नहीं करती हैं और उनकी झोली खुशियों से भर देती हैं.यह मंदिर लोगों की आस्था और विश्वास का भी प्रतीक माना जाता है.
गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
गायत्री माता की आरती
जयति जय गायत्री माता,जयति जय गायत्री माता ।सत् मारग पर हमें चलाओ,जो है सुखदाता ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री ।दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे ।भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि ।अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता ।सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे ।कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी ।जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे ।यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै ।विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जयति जय गायत्री माता,जयति जय गायत्री माता ।सत् मारग पर हमें चलाओ,जो है सुखदाता ॥
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Tags: Haldwani newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 14:20 IST