देहरादून में आमने-सामने कौरवों-पांडवों के वंशज! तीर-कमान लेकर किया ठोउड़ा नृत्य

पहली बार देहरादून में ठोउड़ा नृत्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव हो रहा है. जौनसार बावर पौराणिक सांस्कृतिक लोककला मंच एवं सामाजिक संस्था द्वारा यह आयोजन पहाड़ी संस्कृति से दूनवासियों को जोड़ने के लिए किया जा रहा है.

देहरादून में आमने-सामने कौरवों-पांडवों के वंशज! तीर-कमान लेकर किया ठोउड़ा नृत्य
रिपोर्ट- हिना आज़मी देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के पवेलियन ग्राउंड में राज्य की पहाड़ की संस्कृति के रंग बिखरते नजर आए. यहां ठोउड़ा नृत्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जौनसार बावर पौराणिक सांस्कृतिक लोककला मंच एवं सामाजिक संस्था द्वारा यह आयोजन पहाड़ी संस्कृति से दूनवासियों को जोड़ने के लिए किया जा रहा है. जहां एक तरफ ठोउड़ा नृत्य कार्यक्रम के दौरान लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना, तो वहीं उत्तराखंड के पहाड़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी अलग-अलग रंग बिखेरे. कलाकर हुड़का जैसे उत्तराखंड के वाद्ययंत्रों के साथ थिरकते नजर आए. जौनसार बावर पौराणिक सांस्कृतिक लोककला मंच एवं सामाजिक संस्था के महासचिव सतपाल चौहान ने बताया कि पहली बार देहरादून में ठोउड़ा नृत्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव हो रहा है. उन्होंने बताया कि कई महीनों से इसकी तैयारियां की जा रही थी. सतपाल चौहान बताते हैं कि जौनसार संस्कृति में ठोउड़ा नृत्य का बहुत महत्व है. आज भी इतिहास को याद करने के लिए गाथा के रूप में यह आयोजित किया जाता है. आपके शहर से (देहरादून) उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी बद्रीनाथ धाम के कपाट अगले 6 महीने के लिए बंद, इस बार रिकॉर्ड 17 लाख श्रद्धालुओं ने किया दर्शन UKSSSC पेपर लीक मामला: नकल कर पास हुए 100 अभ्यर्थियों को STF ने किया चिन्हित, 45 की गवाही दर्ज देहरादून: 'याद आ जाएगी लखनऊ की नवाबी, बस एक बार आ जाओ बदमाश कबाबी' बड़ी खबरः SC में धामी सरकार का बड़ा यू-टर्न, पूर्व CM त्रिवेंद्र से जुड़ी SLP वापस लेने से पीछे हटी सरकार चारधाम यात्राः इस बार खास रही यात्रा, रिकॉर्ड 45 लाख श्रद्धालु पहुंचे, हेली टैक्सी से 190 करोड़ रुपये आय Sarkari Naukri 2022 : 894 फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती के लिए आवेदन फिर से शुरू, UKPSC ने ओपन की अप्लीकेशन विंडो कोरोना संकट काल में खेती में आया था बूम; मगर अब किसानी छोड़ पुराने काम-धंधों को लौट रहे लोग, जानें वजह 'लेफ्ट तेरा राइट है...', आखिर क्या चाहती है देहरादून पुलिस? बद्रीनाथ के कपाट बंद, चार धाम यात्रा समाप्त; 61 लाख भक्तों ने दर्शन कर तोड़े सभी रिकॉर्ड दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयान से उत्तराखंड में आखिर क्यों मचा है सियासी बवाल? हल्द्वानी में खुला कुमाऊं का सबसे बड़ा आयुर्वेद अस्पताल, सिर्फ 2 रुपये में हो रहा इलाज उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब देहरादून ऋषिकेश देहरादून चमोली नैनीताल पिथौरागढ़ पौड़ी गढ़वाल बागेश्वर रुद्रप्रयाग चम्पावत टिहरी गढ़वाल हरिद्वार अल्मोड़ा उत्तरकाशी ऊधमसिंह नगर हल्द्वानी क्या है उत्तराखंड के जौनसार क्षेत्र का ठोउड़ा नृत्य? उत्तराखंड के लोकनृत्य ठोउड़ा नृत्य में प्रतिभाग करने वाले कलाकार धर्म सिंह चौहान बताते हैं कि उत्तराखंड की जौनसार बावर जनजाति का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है. उन्होंने बताया कि जौनसार जनजाति के लोग अपने को पांडवों का वंशज मानते हैं. उन्हें पाशि कहा जाता है. बावर के लोग अपने आप को कौरवों का वंशज मानते हैं, जिन्हें षाठी कहा जाता है. चौहान ने आगे बताया कि ठोउड़ा नृत्य महाभारत के बारे में बताता है. ठोउड़ा नृत्य में ‘षाठी-पाशि खेलेतु’ गीत गायन किया जाता है. इसका मतलब है जब कौरव और पांडव युद्ध के मैदान में जाते थे, तो उससे पहले वह एक-दूसरे को ललकारते थे. वहीं, सारी कहानी ठोउड़ा नृत्य के माध्यम से लोगों को बताई जाती है. उत्तराखंड के ठोउड़ा नृत्य की खास बात यही है कि इसमें तीर-धनुष आदि से नृत्य किया जाता है. इस नृत्य में कोई महिला नहीं होती है बल्कि पुरुष ही गीत गायन के साथ-साथ नृत्य करते हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Dehradun newsFIRST PUBLISHED : November 21, 2022, 18:03 IST