17000 फीट ऊंचे हिमालय क्षेत्र में स्वयंभू बाबा ने बनाया मंदिर स्थानीय नाराज

Uttarakhand News: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के 17,000 फीट ऊंचे हिमालय क्षेत्र सुंदरढुंगा के एक हिमनद से निकलने वाली पवित्र झील के पास स्वयंभू बाबा ने अवैध रूप से मंदिर का निर्माण कर लिया है. बाबा से मंदिर निर्माण की ऐसी वजह बताई, जिसे सुनकर हर कोई सन्न रह गया.

17000 फीट ऊंचे हिमालय क्षेत्र में स्वयंभू बाबा ने बनाया मंदिर स्थानीय नाराज
सुष्मिता थापा. बागेश्वर. उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के 17,000 फीट ऊंचे हिमालय क्षेत्र सुंदरढुंगा के देवी कुंड में एक कथित बाबा के स्नान करने पर विवाद खड़ा हो गया है. स्वयंभू बाबा ने एक हिमनद से निकलने वाली पवित्र झील के पास अवैध रूप से मंदिर का निर्माण भी किया है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है. बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मामले को जांच के लिए पुलिस को सौंप दिया गया है. शुरुआती जांच में कई बातें सामने आ रही हैं. बाबा को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. कहीं आदि कैलास तो कहीं योगी चैतन्य आकाश के नाम से जाना जाता है. साथ ही बाबा कानपुर के रहने वाले हैं और खुद को देहरादून निवासी बताते हैं. बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने कहा, ‘लकड़ी और पत्थर से बनी संरचना एक छोटा सा मंदिर है. यह अवैध है और इसे लावारिस भूमि पर बनाया गया है.’ कोंडे का मानना है कि स्थानीय लोगों ने ही बाबा की मंदिर को बनाने में मदद की, जब उसने उन्हें यह बताया कि उसे स्वप्न में मंदिर निर्माण किए जाने का ‘दैवीय आदेश’ मिला है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि कथित स्वयंभू बाबा मंदिर में पिछले 10-12 दिन से ही रह रहा है. इसी दौरान उसने ‘देवी कुंड’ नाम की पवित्र झील में स्नान किया है. कोंडे ने कहा, ‘स्थानीय लोग झील को पवित्र मानते हैं और साल में एक बार उसमें अपने देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्नान कराते हैं.’ बाबा के झील में स्नान करने से आसपास के गांवों के लोगों में नाराजगी है, जिनका मानना है कि ऐसा करके उसने पानी को अपवित्र कर दिया है. इससे पहले कुछ ग्रामीणों का कहना था कि बाबा को अल्मोड़ा द्वाराहाट से बाहर का रास्ता दिखाया गया तो उन्होंने हिमालीय क्षेत्र चिल्ठा मंदिर का रुख किया. यहां भी बाबा ज्यादा दिन नहीं रह पाए तो इन्होंने सुंदरदूंगा जैसे कठिन और नो मैंस लैंड को चुना, जो कि नंदा देवी बॉयोस्फेयर का बॉर्डर एरिया है. बाबा ने यहां रहकर स्थानीय लोगों से दोस्ती की. बाबा नेताओं के करीब पहुंचे. बाबा का कहना था कि बागेश्वर को योग और सुन्दरडूंगा को अध्यात्म का केंद्र बनाना है. इसके लिये बाबा सीएम धामी के दरबार में भी पहुंचे. जनता दरबार में उन्होंने सीएम के साथ फोटो भी खिंचवाई और अपने सोशल मीडिया अकाउंट में साझा की.अभी शुरुआती जांच में ही कई चीजे सामने आई हैं और अब जनता भी बाबा के बारे में जानने की इच्छुक है. देवी कुंड एक पर्यावरणीय दृष्टि से अतिसंवेदनशील ग्लेशियर क्षेत्र है, जिसके कारण सरकार ने यहां कई नियम लागू किए हैं. इन नियमों का उल्लंघन करने पर वन विभाग द्वारा दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. नियमानुसार, ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों में टेंट लगाकर रहना भी मना है लेकिन बाबा ने इस क्षेत्र में मंदिर का निर्माण कर डाला, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है. उच्च हिमालय क्षेत्र में इस तरह का कोई भी निर्माण कार्य उचित नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक जांच टीम गठित की है, जो 18 जुलाई को कपकोट से देवी कुंड के लिए रवाना होगी. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि बाबा का सत्यापन अभी नहीं हो पाया है, लेकिन जल्द ही सत्यापन किया जाएगा. साथ ही, बिना वेरिफिकेशन के ग्लेशियर रेंज या अन्य क्षेत्रों में रह रहे अज्ञात व्यक्तियों, संतों, और बाबाओं के सत्यापन के लिए भी अभियान चलाया जाएगा. Tags: Bageshwar News, Shocking news, Uttarakhand newsFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 24:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed