Almora: पहाड़ जितना कठिनाइयों से भरा है पहाड़ की महिलाओं का जीवन! जानें क्यों
Almora: पहाड़ जितना कठिनाइयों से भरा है पहाड़ की महिलाओं का जीवन! जानें क्यों
महिलाएं लकड़ी बटोरने, घास काटने और पिरूल के लिए जंगली जानवरों के बीच जान जोखिम में डालकर जंगलों में जाती हैं और जंगल से आने के बाद घर के अन्य काम निपटाती हैं. हर रोज की यह दिनचर्या पहाड़ की महिलाओं की जीवनशैली का हिस्सा है.
रिपोर्ट- रोहित भट्ट
अल्मोड़ा. पहाड़ों की महिलाओं का जीवन कितना कठिन होता है, वह शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. हम आपको पहाड़ की संघर्षशील महिलाओं की दास्तां आज बताने वाले हैं. अल्मोड़ा की महिलाएं सुबह और शाम जंगलों में जाकर अपने पालतू जानवरों के लिए चारा काटने, लकड़ियां बटोरने से लेकर घर का चूल्हा-चौका करने तक का सारा काम करती हैं. महिलाएं लकड़ी बटोरने, घास काटने और पिरूल के लिए जंगली जानवरों के बीच जान जोखिम में डालकर जंगलों में जाती हैं और जंगल से आने के बाद घर के अन्य काम निपटाती हैं. हर रोज की यह दिनचर्या पहाड़ की महिलाओं की जीवनशैली का हिस्सा है. यह हाल उत्तराखंड के सभी पहाड़ के गांवों का है, जहां दूरस्थ क्षेत्रों में महिलाएं जंगलों में जाकर घास काटने से लेकर घर का सारा काम खुद करती हैं.
पहाड़ी राज्यों के दृष्टिकोण से देखा जाए तो पहाड़ की महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं. वो ‘पहाड़ की रीढ़’ कही गई हैं. पहाड़ की अर्थव्यवस्था की वो धुरी हैं. घर के काम करने के साथ जंगलों में घास काटने, चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियां बटोरने और चारे और लकड़ी के ढेर को अपने सिर पर लादकर घर लाने तक काफी मेहनत लगती है.
जंगलों से आने के बाद घर तक जाने का रास्ता खड़ी चढ़ाई और टेढ़े-मेढ़े रास्तों से होकर गुजरता है. अल्मोड़ा में भी महिलाएं समूहों में जंगल में चारा और लकड़ी लेने जाती हैं. समूहों में जाने की वजह एक तो साथ हो जाता है और दूसरा जंगली जानवरों का भय भी कुछ हद तक कम हो जाता है. पहाड़ों में गुलदार या जंगली सूअर अकेले व्यक्ति पर ज्यादा हमला करता है. जानवरों का भय होने के बावजूद महिलाएं जान हथेली पर रख अपने पशुओं के लिए चारा लाने हर दिन जंगलों में जाती हैं.
बताते चलें कि पहाड़ों में महिलाओं पर जंगली जानवरों के हमले की खबरें भी अक्सर सामने आती हैं. कई बार महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो जाती हैं, तो कई बार हमले में उनकी जान चली जाती है.
महिलाएं करती हैं इतने काम
सुबह घर के कामकाज, खाना बनाना, बच्चों को स्कूल भेजना, उनका पालन-पोषण और पालतू जानवरों का ख्याल रखना अहम है. इसके अलावा जंगल जाकर उनके लिए चारा लाना, चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियां लाना, खेतीबाड़ी में पति की मदद करना, सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना, जरूरत पड़ने पर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी है. यकीनन पहाड़ की महिलाओं का जीवन वाकई किसी पहाड़ जैसी चुनौतियों से जरा भी कम नहीं है.
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Tags: Almora NewsFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 17:35 IST