रात को न करें बांग्लादेश बॉर्डर पर गांव में जा रहा BSF हसीना से है संबंध
रात को न करें बांग्लादेश बॉर्डर पर गांव में जा रहा BSF हसीना से है संबंध
पश्चिम बंगाल के 24 परगना के सीमा से लगे अनेक गांवों के लोगों के साथ सोमवार को बीएसएफ अधिकारियों ने बैठक की. इस बैठक के दौरान ने बताया गया कि वह समुद्र से लगे तटों पर भीड़ न लगायें. इसके अलावा भी रात में मछली पकड़ने भी ना जाए क्योंकि इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और कोई उनका गलत फायदा कर सकता है.
कोलकाता. बांग्लादेश देश में उपजे संकट को देखते हुए बाॉर्जर इलाके में बीएसएफ मुश्तैदी से जुटी हुई. ऐसा इसलिए कि बॉर्डर पार से कोई हमारे देश में घुसपैठ न कर सके. घुसपैठ को रोकने के लिए हमारे जवान बॉर्डर इलाके से लगे गांवों का दौरा कर रहे हैं. साथ ही गांव वालों के सतर्क कर रही है. वह बता रही है कि देश सुरक्षा को देखते हुए आधी रात को बॉर्डर इलाके में मछली पकड़ने न जाएं. साथ ही आपके इलाके में अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे तो बीएसएफ को तुरंत सूचना दे.
पश्चिम बंगाल के 24 परगना के सीमा से लगे अनेक गांवों के लोगों के साथ बीएसएफ अधिकारियों ने बैठक की इस बैठक के दौरान ने बताया गया कि वह समुद्र से लगे तटों पर भीड़ न लगायें। इसके अलावा भी रात में मछली पकड़ने भी ना जाए क्योंकि इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है और कोई उनका इस्तेमाल कर सकता है बीएसएफ अधिकारियों ने गांव वालों से कहा कि यदि उन्हें कोई संदिग्ध व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति जो उनके गांव का ना हो उसकी बाबत कोई भी सूचना मिले तो फौरन बीएसएफ अधिकारियों को सूचित करें।
बीएसएफ कंपनी कमांडरों ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और सुरक्षा बनाए रखने और अवैध गतिविधियों को रोकने में ग्रामीणों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। अधिकारियों ने बताया कि कैसे स्थानीय निवासी सतर्क रहकर और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करके सीमा सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। चर्चा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रात के दौरान सीआरपीसी की धारा 144 के कार्यान्वयन पर भी केंद्रित रही। बैठकों के दौरान चर्चा किए गए मुख्य बिंदुओं में संभावित सुरक्षा उल्लंघनों को रोकने के लिए तटबंध पर अनावश्यक नागरिक आंदोलन पर प्रतिबंध शामिल था। बीएसएफ ने ग्रामीणों को यह भी सूचित किया कि रात के समय सीमा क्षेत्र में मछली पकड़ना सख्त वर्जित है, क्योंकि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। बीएसएफ, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जनसंपर्क अधिकारी श्री ए.के. आर्य, डीआइजी ने कहा कि बीएसएफ नियमित रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में ग्रामीणों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित करती है। बीएसएफ की 68वीं, 05वीं, 85वीं और 102वीं बटालियन की ये बैठकें सीमावर्ती निवासियों के दिल और दिमाग को जीतने के उनके निरंतर प्रयासों को दर्शाती हैं, जिससे आपसी संबंधों को बढ़ावा मिलता है। राष्ट्रीय सुरक्षा और सामुदायिक कल्याण के लिए विश्वास और सहयोग। उन्होंने यह भी बताया कि बीएसएफ ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है और सुरक्षा के अलावा, बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति के बारे में सीमावर्ती ग्रामीणों के बीच जागरूकता बढ़ा रही है। बीएसएफ इन सीमावर्ती गांवों के निवासियों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से संलग्न है।
Tags: Bangladesh, BSF, West bengalFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 15:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed