Almora : रावण परिवार के पुतले बनाने में जुटे युवा जानें क्‍यों खास है अल्‍मोड़ा का दशहरा

Almora Dussehra: अल्मोड़ा में करीब 90 सालों से रावण परिवार के पुतलों का निर्माण किया जा रहा है. वहीं, अल्‍मोड़ा का दशहरा देशभर में खास पहचान रखता है.

Almora : रावण परिवार के पुतले बनाने में जुटे युवा जानें क्‍यों खास है अल्‍मोड़ा का दशहरा
रोहित भट्ट अल्‍मोड़ा. उत्‍तराखंड का अल्‍मोड़ा अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए देश विदेश में पहचान रखता है. जबकि यहां की रामलीला देश भर में मशहूर है. अल्मोड़ा शहर में रावण परिवार के पुतले बनाए जाते हैं और यह सिलसिला करीब 90 साल से बरकरार है. इन पुतलों का निर्माण युवा वर्ग के साथ स्थानीय कलाकार रात भर जागकर करते हैं. अल्मोड़ा के विभिन्न इलाकों में रावण परिवार के 25 से 30 पुतले बनाए जाते हैं. दरअसल अल्मोड़ा के पुतले देश भर में मशहूर हैं. दशहरे के आखिरी दिन इन पुतलों को अल्मोड़ा शहर में घुमाया जाता है और इनको देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ रहती है. इन पुतलों में आपको क्राफ्ट वर्क देखने को मिलता है. स्थानीय निवासी अमन नज्जौन ने बताया कि कोरोना के बाद वह फिर से दशहरे की तैयारी में जुट चुके हैं. 2 साल से कोरोना की वजह से पुतला का निर्माण कम किया गया था, लेकिन इस बार काफी संख्या में युवा वर्ग में उत्साह है और वह रात भर इन पुतलों को बना रहे हैं. वहीं, स्थानीय निवासी अर्जुन बिष्ट ने बताया कि अल्मोड़ा का दशहरा भारत भर में मशहूर है. अल्मोड़ा के नंदा देवी में सबसे पुराना रावण का पुतला बनाया जाता है. इसके साथ उन्होंने बताया कि जब पुतलों का निर्माण शुरू हुआ तो सबसे पहले रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाए जाते थे, लेकिन अब धीरे-धीरे पूरे शहर में करीब 25 से लेकर 30 पुतले यहां बनाए जाते हैं. पुतले बनाने के लिए युवा वर्ग काफी उत्साहित रहता है और 1 महीने पहले से ही इनको बनाना शुरू कर देते हैं. अल्मोड़ा इस मामले में हैं नंबर तीन भारत में तीसरे नंबर पर अल्मोड़ा का दशहरा रहता है. जबकि अल्मोड़ा में बनने वाले रावण परिवार के पुतले भारत में तीसरे नंबर पर हैं. इस मामले में पहला नंबर मैसूर, तो दूसरा कुल्लू मनाली का आता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Almora News, Dussehra Festival, Ravana effigyFIRST PUBLISHED : September 14, 2022, 16:30 IST