Bhagalpur: नवगछिया के केले की बिहार-यूपी समेत कई राज्‍यों में धूम नेपाल के लोग भी दीवाने

Bhagalpur News: भागलपुर के जिले के नवगछिया का इलाका केले की खेती के लिए जाना जाता है. जबकि यहां के केले की बिहार समेत देश के कई राज्‍यों के साथ पड़ोसी देश नेपाल में भी डिमांड है. दरअसल नवगछिया केला अपने स्‍वाद की वजह से ज्‍यादा पसंद किया जाता है.

Bhagalpur: नवगछिया के केले की बिहार-यूपी समेत कई राज्‍यों में धूम नेपाल के लोग भी दीवाने
रिपोर्ट: शिवम सिंह भागलपुर. बिहार के भागलपुर के नवगछिया इलाके की केले की खेती को लेकर अपनी एक अलग पहचान है. बड़े पैमाने पर इलाके किसान केले की खेती करते हैं, इसलिए नवगछिया को लोग केलांचल के नाम से भी जानते हैं. वहीं, यहां के केले की देश के विभिन्न हिस्सों के साथ नेपाल में भी डिमांड है. खासकर त्योहारी सीजन में मांग अधिक बढ़ जाती है. हालांकि कोरोना काल में केले की खेती करने वाले किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. इस दौरान उत्पादन से लेकर व्यापार तक प्रभावित हुआ था. वैसे अब स्थिति सामान्य हो चुकी है और इस त्योहारी सीजन में केले की बिक्री एक बार फिर सामान्य रूप से पटरी पर आ चुकी है. भागलपुर जिले के नवगछिया का केला पूरे बिहार के साथ पश्चिम बंगाल, झारखंड और यूपी जाता है. केला की खेती करने वाले किसानों ने बताया कि कई बार पड़ोसी देश नेपाल में भी गया है. केले की मांग नेपाल के काठमांडू में जबरदस्त है. फेस्टिव सीजन में किसानों को मिल रहा है केले का बेहतर रेट किसान अजय कुमार सिंह बताते हैं कि नवगछिया के विभिन्न हिस्सों में 4 से 5 हजार एकड़ में केले की खेती फैली हुई है. बीते दो वर्षों से कोरोना के कारण बाहरी व्यापारी नहीं आ रहे थे, जिस कारण हमें घाटा हुआ था. इस बार फसल भी अच्छी हुई है और रेट भी सही मिल रहा है. उम्मीद है कि इस बार के मुनाफे से पिछले दो वर्षों में हुए नुकसान की काफी हद तक भरपाई हो जाएगी. एक एकड़ में केले की खेती पर आती है इतनी लागत किसान विवेक कुमार ने बताया कि एक एकड़ में केला की खेती करने पर 1.10 लाख की लागत आती है. अब केले की पौधे से लेकर खाद तक की कीमत बढ़ गई है. वहीं, उन्होंने खेती में होने वाली परेशानियों के बारे में बताया कि नवगछिया का पूरा इलाका बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आता है. गंगा नदी उफनाती है तो बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है, जिसके चलते केले की खेती बुरी तरह से प्रभावित होती है. जबकि समय पर खाद न मिलने के कारण फसल अच्छी नहीं होती है. फसल के मुख्य समय पर खाद की कालाबाजारी भी होती है, तो कभी-कभी अधिक बारिश हो जाने पर उचित कीमत भी नहीं मिल पाती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Bhagalpur news, India Nepal RelationFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 10:53 IST