नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि गुजरात सरकार ने गोधरा कांड के बाद 2002 में हुए गुजरात दंगों को रोकने के लिए सेना को बुलाने के लिए कोई देरी नहीं की. शाह ने कहा कि पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल ने भी गुजरात सरकार राज्य सरकार के इस कदम को तेजी और निष्पक्ष ढंग से उठाया गया कदम कहा था. कांग्रेस पर 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि दिल्ली में कई सिख मारे गए, लेकिन 3 दिन तक कांग्रेस सरकार ने कुछ भी नहीं किया.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि गुजरात सरकार ने दंगों को रोकने के लिए सेना को बुलाने के बारे में कोई देरी नहीं की. जैसे ही गुजरात बंद की अपील हुई, हमने सेना को बुला लिया. सेना को पहुंचने में थोड़े समय की जरूरत होती है. जबकि गुजरात सरकार ने कोई देरी नहीं की और न्यायालय ने भी इसकी सराहना की. गृह मंत्री अमित शाह का ये बयान शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उसने जाकिया जाफरी की एक याचिका को खारिज कर दिया. कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया ने एसआईटी से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य लोगों को दी गई क्लीनचिट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
‘मोदी जी बिना कुछ बोले इतने साल विषपान करते रहे, मैंने उन्हें दर्द झेलते देखा है…’ गुजरात दंगों पर अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि आर्मी का हेडक्वार्टर दिल्ली में है और इस शहर में बड़ी संख्या में सेना तैनात है. फिर भी 1984 के सिख विरोधी दंगों में कई सिखों की मौत हुई लेकिन 3 दिनों तक कुछ भी नहीं किया गया. अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इस मामले को लेकर कितनी एसआईटी बनी? जब हमारी सरकार सत्ता में आई तो हमने इसके लिए एसआईटी बनाई. 1984 के सिख दंगों पर कांग्रेस सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते उन्होंने कहा कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया?
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Tags: Amit shah, Gujarat RiotsFIRST PUBLISHED : June 25, 2022, 12:22 IST