गुजरात चुनाव: बरकरार है ‘मोदी का जादू’ BJP के लिए यूं ही नहीं अहम है पीएम का तूफानी कैंपेन
गुजरात चुनाव: बरकरार है ‘मोदी का जादू’ BJP के लिए यूं ही नहीं अहम है पीएम का तूफानी कैंपेन
Gujarat Elections: पीएम नरेंद्र मोदी का जादू अब भी गुजरात के लोगों के दिलों पर बरकरार है. इससे साफ है कि उनका तूफानी चुनावी प्रचार बीजेपी के लिए कितना अहम है.
हाइलाइट्सगुजरात में बीजेपी अभी भी सबसे बड़े वोट-कैचर नेता के रूप में पीएम मोदी पर ही निर्भर है.गुजरात के लोगों में पीएम मोदी की लोकप्रियता किसी 'पहेली' से कम नहीं है. कई वोटरों को भाजपा उम्मीदवार की परवाह नहीं है, लेकिन पीएम मोदी की परवाह जरूर है.
गांधीनगर. पीएम नरेंद्र मोदी पिछले आठ साल से भले ही दिल्ली में हों लेकिन उनकी पार्टी अभी भी गुजरात में सबसे बड़े वोट-कैचर नेता के रूप में उन पर ही सबसे ज्यादा निर्भर है. गुजरात के लोगों में पीएम मोदी की लोकप्रियता किसी ‘पहेली’ से कम नहीं है. ऐसा लगता है कि कई वोटरों को भाजपा उम्मीदवार की परवाह नहीं है, लेकिन पीएम मोदी की परवाह जरूर है. खेड़ा जिले के एक गांव के एक वृद्ध मुस्लिम मतदाता, साबिर मियां ने कहा कि ‘अभी भी मोदी जी का ही जादू है, हमारे दिल में मोदी ही हैं.’ पीएम मोदी ने रविवार को खेड़ा में एक रैली को संबोधित किया था.
अहमदाबाद से नर्मदा जिले में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ तक की यात्रा में वड़ोदरा और आणंद से गुजरते हुए भाजपा के पोस्टरों पर सभी देख सकते हैं कि राज्य में ‘शांति और भरोसा’ का वादा करने वाले अन्य नेताओं के साथ नरेंद्र मोदी का ही प्रमुख चेहरा है. जहां पार्टी पिछले 27 साल से सत्ता में है. गुजरात के पूर्व सीएम रहे मोदी भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वह पहले ही यहां 19 रैलियां कर चुके हैं और सूरत में एक रोड शो कर चुके हैं. शनिवार (3 दिसंबर) को राज्य में चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले पीएम मोदी 11 और रैलियां करने वाले हैं. उन्होंने दिन में तीन रैलियों के बाद अपने बड़े रोड शो के बाद रविवार की रात सूरत में बिताई और 1 दिसंबर को पहले चरण में होने वाले मतदान के लिए विभिन्न सीटों पर सोमवार को चार और रैलियां करेंगे. वह 1 दिसंबर को दो दिनों के लिए गुजरात वापस आएंगे. वे दूसरे चरण की सीटों के लिए सात और रैलियों के साथ अहमदाबाद में एक रोड शो और रैली के साथ अपने प्रचार अभियान को खत्म करेंगे.
AAP लड़ाई में नहीं, वोट काटने आए
गुजरात में पीएम मोदी के लिए इस तरह का तूफानी प्रचार अभियान कोई नया नहीं है. 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राज्य में 30 से अधिक रैलियां कीं. जिसमें सुर्खियां बटोरने वाले प्रचार अभियान के अंत में समुद्री विमान की सवारी भी शामिल थी. कांग्रेस उस चुनाव में एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी थी, जिसने भाजपा को 99 सीटों के मामूली बहुमत तक सीमित कर दिया था. जबकि इस बार आम आदमी पार्टी (आप) मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रही है. पहली बार वोट डालने जा रहे यज्ञ ब्रह्मबत कहते हैं कि AAP लड़ाई में नहीं है, वोट काटने आए हैं. गुजरात में इस बार बीजेपी का कोई मुकाबला नहीं है.
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कांग्रेस का ग्राफ गिरा
जबकि खेड़ा के उदेला गांव के साबिर मिया कहते हैं कि ‘मेरे गांव में जब कोई समस्या होती थी तो कांग्रेस का कोई भी हमें देखने नहीं आता था. उनमें बहुत अंतर्कलह है.’ गुजरात में कांग्रेस का ग्राफ 2017 में बढ़ने के बाद गिरावट की ओर जाता दिख रहा है. पीएम मोदी के प्रचार अभियान के हमले से पार्टी को और नुकसान हुआ है. यहां तक कि स्थानीय कांग्रेसियों का कहना है कि गुजरात चुनाव के बीच भारत जोड़ो यात्रा में नर्मदा कार्यकर्ता मेधा पाटकर को जगह देना राहुल गांधी की ओर से सही नहीं था. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करने के लिए अपने अभियान में कुछ ऐसा ही किया है. पीएम मोदी महिला वोटरों के बीच भी एक हिट बने हुए हैं. महिला सशक्तिकरण एक प्रमुख विषय है. जैसा कि केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा चलाने वाली महिलाओं में देखा गया है. यह मोदी का शांति और सुरक्षा का वादा है, जो यहां भी गूंजता दिख रहा है.
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Tags: Assembly elections, Gujarat Assembly Election, Pm narendra modiFIRST PUBLISHED : November 28, 2022, 12:50 IST