बेजुबानों मां कावेरीइन पर ममता लुटाने के लिए अब तक रखी कोख सुनी
बेजुबानों मां कावेरीइन पर ममता लुटाने के लिए अब तक रखी कोख सुनी
करीब 7 साल पहले उन्होंने एक संस्था सोफी मेमोरियल एनिमल रिलीफ ट्रस्ट बनाई. जिसके माध्यम से ये इन सभी जानवरों की सेवा करती है. कावेरी ने बताया कि उन्होंने कोई अपना बच्चा प्लान नहीं किया, और वो अपनी सारी ममता इन्ही जानवरों पर लुटाती हैं.
नोएडा. किसी ने खूब कहा है जिसका कोई नही होता उसका खुदा होता है. विशेषकर बेसहारा एवं घायल जानवरों का. नोएडा की रहने वाली कावेरी भी एक ऐसी महिला हैं, जो बेसहारा व घायल पशुओं के लिए खुदा से कम नहीं हैं. कावेरी को जब भी सड़क, जंगल या सोसाइटी में कोई बेसहारा, असहाय, लाचार, या घायल अवस्था में कोई जानवर मिलता है तो वे उसे तुरंत रेस्क्यू कर पहले उसका ट्रीटमेंट कराती हैं और फिर उन्हे अपने शेल्टर में रखकर उसकी सेवा करती हैं. कावेरी राणा के पास फिलहाल सैकड़ों प्रजातियों के विभिन्न पशु—पक्षी और जानवर हैं.
आईटी सेक्टर की नौकरी छोड़ी
आज मदर्स डे पर हम आपको किसी इंसान की मां की नहीं बल्कि सैकड़ों जानवरों की मां के रूप में देखभाल करने वाली महिला की कहानी बता रहे हैं. जिन्होंने पढ़ाई कर आईटी सेक्टर में नौकरी हासिल की और फिर उसे छोड़कर बेजुबानों की सेवा में जुट गई. कावेरी राणा और उनके पति दोनो ही एनिमल लवर हैं. इनके पास एक दो नहीं दर्जनों प्रजाति के जानवर हैं, जैसे बिल्ली, कुत्ते, घोड़े, गाय, बकरी, बंदर आदि. वे इनसे बेहद प्यार करती हैं. करीब 7 साल पहले उन्होंने एक संस्था सोफी मेमोरियल एनिमल रिलीफ ट्रस्ट बनाई. जिसके माध्यम से ये इन सभी जानवरों की सेवा करती है. कावेरी ने बताया कि उन्होंने कोई अपना बच्चा प्लान नहीं किया, और वो अपनी सारी ममता इन्ही जानवरों पर लुटाती हैं.
19 सालों से लगातार कर रही सेवा
कावेरी राणा ने बताया कि उन्होंने एक बड़ा ग्राउंड किराए पर ग्रेनो के कासना क्षेत्र में लिया है. जहां इन सभी जानवरों को पालती हैं. कई समाजसेवी इनसे जुड़े हैं, जो उनकी मदद करते हैं. कावेरी कहती हैं कि पिता डॉक्टर थे, जिसकी वजह से मन में सेवा भाव था. बीते करीब 19 साल से बेजुबानों का रेस्क्यू कर रही है. जबकि, 7 साल से ये शेल्टर चला रही है. कावेरी और उनके हसबैंड दोनो ही आईटी बैक ग्राउंड से हैं और मल्टीनेशनल कंपनी में उन्होंने काम करते करते लीव लिया और फिर अपना काम शुरू कर दिया.
अपने डॉग की याद में बनाया ट्रस्ट
कावेरी बताती हैं पहले उनके पास एक एक इंडियन फीमेल डॉग थी, जिसका नाम सोफी था. घर के सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे. लेकिन, बीमारी के कारण वो बच नहीं सकी. सोफी की याद में ही उन्होंने ट्रस्ट बनाया और बेजुबानों की सेवा करने का प्रण लिया.
Tags: Animal Welfare, Greater noida news, Hindi news, Mothers Day Special, UP newsFIRST PUBLISHED : May 12, 2024, 14:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed