हर घर जल योजना 2024 तक पूरा कराने में जुटी सरकार शुरू होगा नया अभियान
हर घर जल योजना 2024 तक पूरा कराने में जुटी सरकार शुरू होगा नया अभियान
केंद्र सरकार ने 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के ज़रिए पीने के पानी की आपूर्ति का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. अभी 51 प्रतिशत लक्ष्य ही पूरा हुआ है. अधूरे प्रोजेक्टों को मंजूरी, डीपीआर, टेंडर, ठेके जैसे कार्यों के लिए 30 सितंबर की समयसीमा तय की गई है. इसके अलावा सरकार 25 जुलाई से 12 अगस्त तक हर घर जल उत्सव आयोजित करेगी, जिसमें डेढ़ लाख गांवों को प्रमाणित किया जाएगा.
नई दिल्लीः ‘हर घर जल’ योजना के तहत लंबित काम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 30 सितंबर की तारीख तय की है. साथ ही 25 जुलाई से ‘हर घर जल उत्सव’ नाम से एक विशेष अभियान की भी शुरुआत की जाएगी. इस दौरान डेढ़ लाख से ज़्यादा उन गांवों को प्रमाणित किया जाएगा जहां ये योजना 100 प्रतिशत लागू करने का दावा किया गया है.
सरकार ने 2024 तक हर ग्रामीण घर में नल के ज़रिए पीने के पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है. वर्तमान में 51 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो चुका है जबकि अगस्त 2019 में जब ये अभियान शुरू हुआ था, तब ये आंकड़ा 17 प्रतिशत था. न्यूज़ 18 से बातचीत में अधिकारियों ने बताया कि लंबित कामों को हरी झंडी देना, परियोजनाओं की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाना, टेंडर जारी करना और ठेके आवंटित करने के लिए 30 सितंबर तक की डेडलाइन तय की गई है. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि 2024 तक हर घर जल कार्यक्रम को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके.
3 महीने में ही 38.75 लाख नल कनेक्शन
केंद्र सरकार इस बात को लेकर उत्साहित है कि 2022-23 की पहली तिमाही में 38.75 लाख नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में ये आंकड़ा 35.22 लाख का था. कई राज्यों में मॉनसून की भारी बारिश और भीषण बाढ़ के बावजूद इस काम को पूरा किया गया है. सरकार को उम्मीद है कि बारिश का मौसम ख़त्म होते ही काम को फिर से तेज़ी से शुरू किया जाएगा.
25 जुलाई से हर घर जल उत्सव
सरकार ने 25 जुलाई से 12 अगस्त तक हर घर जल उत्सव आयोजित करने का भी फैसला किया है. इस दौरान क़रीब डेढ़ लाख ऐसे गांवों में नल कनेक्शन को प्रमाणित किया जाएगा, जहां ये योजना पूरी तरह लागू करने की बात कही जा रही है. हालांकि इनमें से सिर्फ 11 हज़ार को ही अब तक प्रमाणित किया जा चुका है. इस अभियान के दौरान हर घर जल प्रमाणीकरण पर ज़ोर दिया जाएगा, खासकर उन राज्यों में जहां ये योजना बड़े स्तर पर लागू हुई है. इन राज्यों में गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, बिहार और मणिपुर शामिल हैं. केंद्र सरकार प्रमाणीकरण के काम में ढिलाई को लेकर नाखुश है, इसीलिए इस अभियान की शुरुआत की गई है.
राज्यों ने बताईं अपनी परेशानियां
केंद्र सरकार राज्यों पर पाइपलाइन बिछाने से पहले पर्यावरण व रेलवे मंत्रालय, नेशनल हाइवे अथॉरिटी और गेल जैसी केंद्रीय एजेंसियों से मंजूरी लेने पर और जमीन की उपलब्धता को लेकर राज्य सरकार के विभागों से हरी झंडी लेने पर जोर दे रही है. पिछले महीने हुई बैठक में कई राज्यों ने शिकायत की थी कि उन्हें काम जल्दी निबटाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं क्योंकि पानी के पाइप जैसे कच्चे माल के दाम बढ़ रहे हैं. इससे हर घर जल प्रोजेक्ट की रफ्तार पर असर हुआ है.
बड़े राज्यों में काम की रफ्तार सुस्त
केंद्र सरकार ने अब दिशा-निर्देशों में बदलाव किए हैं ताकि जल्दी क्रियान्वयन हो सके. कच्चे माल की कीमतों में भी ठहराव आ गया है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्य अभी भी योजना को समय पर पूरा करने के लिए जूझ रहे हैं. यहां क्रमशः 15 फीसद, 25 फीसद और 28 फीसद काम ही हो पाया है जो कि राष्ट्रीय औसत 51 फीसद से बहुत कम है. झारखंड में भी काम 21 फीसद ही पूरा हो सका है. ऐसे में केंद्र सरकार ने इस साल इन राज्यों पर फोकस करने की योजना बनाई है.
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Tags: Drinking Water, Modi GovtFIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 15:54 IST