गोरखपुर विश्वविद्यालय: नाथपंथ की धरोहर सहेजने की पहल बनेगा म्यूजियम
गोरखपुर विश्वविद्यालय: नाथपंथ की धरोहर सहेजने की पहल बनेगा म्यूजियम
योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि नाथपंथ पर आधारित एक इनसाइक्लोपीडिया तैयार किया जाए, जिसमें नाथपंथ की परंपराओं, योगियों के चिन्हों और उनके विचारों को समाहित किया जाए.
गोरखपुर: महायोगी गुरु गोरखनाथ और नाथपंथ की समरसता परंपरा को संरक्षित करने और प्रचारित करने के लिए गोरखपुर में एक नए म्यूजियम की आवश्यकता महसूस की जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में इस पर जोर दिया कि नाथपंथ से जुड़े चिन्हों, पांडुलिपियों और साहित्यिक योगदानों को संरक्षित किया जाना चाहिए. उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ शोधपीठ से इस दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय ऋषि-मुनियों और संतों की परंपरा सदैव समाज को जोड़ने वाली रही है. महायोगी गुरु गोरखनाथ ने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए समाज में समरसता और समानता का संदेश दिया. उन्होंने जाति और वर्ग भेद से ऊपर उठकर नाथपंथ को सर्वसमाज के कल्याण का मार्ग बताया.
इनसाइक्लोपीडिया की तैयारी
योगी आदित्यनाथ ने सुझाव दिया कि नाथपंथ पर आधारित एक इनसाइक्लोपीडिया तैयार किया जाए, जिसमें नाथपंथ की परंपराओं, योगियों के चिन्हों और उनके विचारों को समाहित किया जाए. उन्होंने पीतांबर दत्त द्वारा संकलित “गोरखवाणी” का भी जिक्र करते हुए इसे हिंदी साहित्य में एक अमूल्य योगदान बताया.
नाथपंथ की व्यापकता
मुख्यमंत्री ने नाथपंथ की देशव्यापी उपस्थिति पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब सहित देश के विभिन्न हिस्सों में नाथपंथ की प्राचीन परंपराएं आज भी जीवंत हैं, और तमिलनाडु के दूरदराज क्षेत्रों में नाथपंथ की पांडुलिपियों का मिलना इसकी व्यापकता का प्रमाण है.
Tags: Gorakhpur news, Local18FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 16:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed