पूर्वांचल के इस सीएम सिटी में तेजी से जमीन खरीद रहे हैं लोग क्या है वजह

Gorakhpur News: गोरखपुर में न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. इसके अलावा एम्स और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य सुविधाओं ने भी शहर में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है...

पूर्वांचल के इस सीएम सिटी में तेजी से जमीन खरीद रहे हैं लोग क्या है वजह
रिपोर्ट- रजत भट्ट गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के गोरखपुर को अब “सीएम सिटी” नाम से भी पहचाना जाता है, पूर्वांचल के सबसे तेजी से विकसित होते शहरों में से एक बनता जा रहा है. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से गोरखपुर के साथ-साथ वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में भी विकास कार्यों को प्राथमिकता दी गई है. इन शहरों में बेहतर सुरक्षा, साफ-सफाई और बढ़ती सुविधाओं के चलते लोग यहां बसने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. विशेष रूप से गोरखपुर में बाहरी क्षेत्रों से आकर जमीन खरीदने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे शहर का रियल एस्टेट बाजार फल-फूल रहा है. गोरखपुर में बढ़ता निवेश और विकास पिछले 8-10 सालों में गोरखपुर में विकास की गति तेज हुई है. खासतौर से उसी इलाके से आने वाले योगी आदित्यनाथ के 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर के विकास में तेजी आई है. शहर में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार और प्रशासन का विशेष ध्यान होने की वजह से यहां के निवासियों को बेहतर माहौल मिल रहा है. गोरखपुर में अब रेडिसन ब्लू, कोर्टयार्ड जैसे बड़े होटल और वर्ल्ड क्लास शोरूम खुल चुके हैं. इसके अलावा, डोमिनोज, येलो चिल्ली, रेड चिल्ली जैसे प्रतिष्ठित रेस्टोरेंट्स भी शहर में खुल चुके हैं. डेवलपर और बिल्डरों की रुचि भी गोरखपुर में बढ़ी है, जिसके चलते यहां कई आवासीय मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स का निर्माण हो रहा है. गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा संचालित कई परियोजनाएं, जैसे वसुंधरा एन्क्लेव, मेडिसिटी, और गोरख नगरी अब पूरी हो चुकी हैं या पूरी होने की कगार पर हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य में बेहतर स्थिति गोरखपुर में न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है बल्कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. शहर में नए स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थानों की स्थापना हो चुकी है. जैसे वेटरनरी कॉलेज और संस्कृत विश्वविद्यालय. इसके अलावा एम्स और अन्य प्रमुख स्वास्थ्य सुविधाओं ने भी शहर में अपनी सेवाओं का विस्तार किया है. यह सब चीजें गोरखपुर को एक बेहतर और आधुनिक शहर बना रही हैं, जो लोगों को यहां बसने के लिए आकर्षित कर रहा है. बिहार से आकर गोरखपुर में बसने की होड़ गोरखपुर न केवल उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए बल्कि बिहार के निवासियों के लिए भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. बिहार के कई जिलों जैसे सिवान, सीतामढ़ी और अन्य क्षेत्रों से लोग गोरखपुर में आकर बसने लगे हैं. रजिस्ट्री विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गोरखपुर में जमीन खरीदने वाले 15 से 20 फीसदी लोग बिहार से आते हैं जो यहां अपनी बेहतर जीवनशैली की तलाश में आकर बस रहे हैं. गोरखपुर में बढ़ती संपत्ति की मांग गोरखपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की मांग तेजी से बढ़ रही है. गोलघर, बेतियाहाता और अन्य प्रमुख इलाकों में सर्किल रेट भी लगातार बढ़ रहे हैं. वहीं, गुलरिया और चिलुआताल जैसे क्षेत्रों में रेट अपेक्षाकृत कम हैं. उदाहरण के तौर पर बैंक रोड से गोलघर के आसपास की संपत्ति की कीमत 33,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर से शुरू होती है जबकि चिलुआताल में यह दर 12,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर तक हो सकती है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 20:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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