यूपी के इस यूनिवर्सिटी में हो रहा है शिखर सम्मेलन नवाचार को मिलेगा बढ़ावा

DDUG में अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (एसीएस) के सहयोग से जैव प्रौद्योगिकी विभाग में संकाय नेतृत्व शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. शिखर सम्मेलन में 51 संकाय सदस्य भाग लेंगे, जिनमें से 12 नेपाल से हैं. प्रतिभागियों का चयन उनके एच-इंडेक्स, स्कोपस और वेब ऑफ साइंस में प्रकाशनों के आधार पर किया गया है. 

यूपी के इस यूनिवर्सिटी में हो रहा है शिखर सम्मेलन नवाचार को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर. DDUG के अनुसंधान और नवाचार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (एसीएस) के सहयोग से जैव प्रौद्योगिकी विभाग में संकाय नेतृत्व शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम में कुलपति प्रो. पूनम टंडन के मार्गदर्शन में 5 और 6 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य युवा संकाय सदस्यों को प्रभावशाली वैज्ञानिक नेता बनने के लिए तैयार करना है. जिससे भारत में एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्र में एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो सके. 51 संकाय सदस्य इस शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग  शिखर सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञ वक्ताओं और एसीएस के अनुभवी कर्मचारियों द्वारा विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जाएगा. इन सत्रों में प्रतिभागियों को वैज्ञानिक नेतृत्व के महत्व, प्रभावी संचार, अनुसंधान में सर्वोत्तम प्रथाओं, पांडुलिपि लेखन, नैतिकता, साहित्यिक और अनुदान लेखन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी जाएगी. इसके साथ ही शोध वित्त पोषण, सलाह, सामुदायिक निर्माण, और नेटवर्किंग पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा. शिखर सम्मेलन में 51 संकाय सदस्य भाग लेंगे, जिनमें से 12 नेपाल से हैं. प्रतिभागियों का चयन उनके एच-इंडेक्स, स्कोपस और वेब ऑफ साइंस में प्रकाशनों के आधार पर किया गया है. वैश्विक अनुसंधान सहयोग को मिलेगी मजबूती यह शिखर सम्मेलन वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, रसायन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, भौतिकी, गृह विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंजीनियरिंग और अन्य विभिन्न विषयों के संकाय सदस्यों को एक मंच प्रदान करेगा. नेपाल के लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय, त्रिभुवन विश्वविद्यालय और माधेश कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों की भी सहभागिता होगी. इस अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी से ना केवल ज्ञान का आदान-प्रदान होगा बल्कि वैश्विक अनुसंधान सहयोग को भी मजबूती मिलेगी. कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि यह शिखर सम्मेलन विश्वविद्यालय की अनुसंधान प्रोफ़ाइल को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उनका विश्वास है कि इससे हमारे संकाय सदस्य वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे और विश्वविद्यालय के शोध कार्यों में भी वृद्धि होगी. Tags: Education, Gorakhpur news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 13:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed