कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का असर आतंक के गढ़ बारामुला में बंपर वोटिंग

लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण में कश्मीर घाटी के बारामुला में भी वोटिंग हो रही है. यहां दोपहर तीन बजे तक वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूट चुके थे.

कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने का असर आतंक के गढ़ बारामुला में बंपर वोटिंग
लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण में सोमवार को कुल 49 सीटों पर वोटिंग हो रही है. इसमें अमेठी, रायबरेली, लखनऊ जैसी कई हाईप्रोफाइल सीटें हैं. लेकिन, एक और सीट है कश्मीर की बारामुला, जो इस चुनाव में बेहद खास है. इस सीट से जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला मैदान में हैं. पीडीपी की ओर से फयाज अहमद मीर चुनाव लड़ रहे हैं. हम इस सीट की आज इसलिए चर्चा कर रहे हैं क्योंकि यहां पर शानदार वोटिंग हो रही है. दोपहर तीन बजे के आंकड़ों के मुताबिक यहां पर 44.9 फीसदी वोटिंग हो चुकी थी. इससे पहले 2019 के चुनाव में यहां केवल 34.57 फीसदी वोट पड़े थे. संभावना जताई जा रही है कि मतदान खत्म होने के साथ इस सीट पर वोटिंग प्रतिशत 50 को पार कर जाएगा. सबसे संवेदनशील सीट दरअसल, बारामूला लोकसभा देश का एक सबसे संवेदनशील क्षेत्र है. यह लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित क्षेत्र रहा है. यहां की फिजा में लंबे समय से भय और डर का माहौल रहा है. इस डर और भय की वजह से लोग अपने घरों से वोट देने नहीं निकलते थे. लेकिन, अब माहौल बदल गया है. 2019 में केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भी संस्पेंड कर दिया गया. अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से यहां पहली बार चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में एक और बड़ी बात हुई है. इस बार किसी भी संगठन ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा नहीं की है. पहले वोटिंग बहुत कम बीते करीब-करीब सभी चुनावों में बारामुला में वोटिंग का प्रतिशत काफी कम रहा है. 2019 के लोकसभा में 34.89 फीसदी वोट पड़े थे तो 2014 में 39.13 फीसदी, 2009 में 41.84 फीसदी और 2004 में 35.65 फीसदी. कश्मीर घाटी में 1990 के दशक में आतंकवाद का प्रकोप बढ़ने के साथ ही बारामुला सहित इलाके की अन्य सीटों पर वोटिंग प्रतिशत काफी कम हो गया था. कई सीटों पर यह आंकड़ा 10 से 20 फीसदी के बीच आ गया था. लेकिन, अब घाटी की स्थिति में काफी बदलाव हुआ है. इससे पहले चौथे चरण यानी 13 मई की वोटिंग के दिन श्रीनगर में भी बहुत अच्छी वोटिंग हुई थी. 2024 में इस सीट पर 38.49 फीसदी वोटिंग हुई जबकि 2019 में यहां केवल 24.06 फीसदी वोट पड़े थे. Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 16:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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