किसी छावनी से कम नहीं बालाजी का ये मंदिर! वजह है खास

गाजियाबाद के हिंडन विहार में स्थित बालाजी हनुमान मंदिर में काफी कड़ी सुरक्षा देखने को मिलती है. मंदिर में प्रत्येक दिन बालाजी का विशेष श्रृंगार किया जाता है, बालाजी महाराज को महंगे आभूषण पहनाए जाते है. इस वजह से यहां कड़ी सुरक्षा की गई है.

किसी छावनी से कम नहीं बालाजी का ये मंदिर! वजह है खास
गाजियाबाद: गाजियाबाद के मेरठ रोड पर शिव मंदिर बालाजी धाम मौजूद है. अन्य मंदिरों की अपेक्षा यहां काफी ज्यादा सुरक्षा देखने को मिलती है. मंदिर में मुख्य रूप से बालाजी महाराज की पूजा होती है और उनका दरबार भी लगता है. इस दरबार में बड़ी संख्या में दिल्ली एनसीआर के लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं. शादीशुदा व्यक्ति नहीं चढ़ाते हैं बालाजी को चोला शिव मंदिर बालाजी धाम के महंत मच्छेन्द्रपुरी ने लोकल 18 की टीम को बताया कि वह मंदिर की देखभाल वर्ष 2001 से कर रहे हैं. इस मंदिर में बालाजी महाराज की सिद्ध पीठ मूर्ति है, जिसमें बालाजी महाराज को चोला आज भी शादीशुदा व्यक्ति नहीं चढ़ाता है. गाय के घी के द्वारा ही बाबा का चोला चढ़ाया जाता है. प्रत्येक सोमवार को बालाजी का शृंगार होता है, जिसमें 3 घंटे का समय लगता है. गाय के दूध से दही से पंचामृत से बालाजी का स्नान किया जाता है. इसके बाद उनको चोला चढ़ाया जाता है. बचे हुए सिंदूर से सभी भक्तों के मस्तक पर टीका लगाया जाता है. कहा जाता है कि कि इस टीके से भक्तों के कष्टों का निवारण होता है. मंदिर में भारी सुरक्षा के पीछे के सवाल महंत ने बताया कि यहां भगवान को महंगे आभूषण चढ़े हुए हैं. मंदिर में बालाजी महाराज सोने से लदे हुए हैं. ऐसे में मंदिर में किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घट जाए. इसलिए मंदिर की सुरक्षा अन्य मंदिरों के मुकाबले काफी ज्यादा सख्त है. चुनाव की वजह से सुरक्षा कम मंदिर में राधा कृष्ण, भगवान सीताराम, भगवान शिव परिवार, देवी माता और अन्य कई देवी देवताओं की पूजा होती है. सावन के बाद मंदिर में भस्म आरती की जाती है, जो गाजियाबाद में सिर्फ इसी मंदिर में होती है. चुनाव की वजह से अभी सुरक्षा हटा दी गई है. महंत बताते हैं कि मंदिर में चार गनर और एक सिक्योरिटी ऑफिसर सुरक्षा के लिए तैनात हैं. लेकिन, अभी चुनाव की वजह से पुलिस वाले अभी सेवा नहीं दे रहे हैं. आगे उन्होंने बताया कि कई बार मंदिर और मुझे लेकर धमकियां मिल चुकी हैं. . Tags: Ghaziabad News, Local18FIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 11:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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