क्यों जगन रेड्डी के 450 करोड़ के महल पर हो रहा विवाद क्या इस पर गिरेगी गाज!
क्यों जगन रेड्डी के 450 करोड़ के महल पर हो रहा विवाद क्या इस पर गिरेगी गाज!
A hill palace of Rs 450 cr: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी इस समय विवादों के घेरे में हैं. इसकी वजह है विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा हिल पर बना वो महल जिसका निर्माण उनकी सरकार के कार्यकाल में हुआ था. TDP ने आरोप लगाया है कि पर्यटन परियोजना के रूप में बनाया गया यह रिजॉर्ट जगन मोहन रेड्डी के निजी इस्तेमाल के लिए था.
A hill palace of Rs 450 cr: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने अपनी सरकार के कार्यकाल में विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा हिल पर महल का निर्माण करवाया था, जिसकी वजह से वह विवादों के घेरे में हैं. राज्य में अभी सत्ता में आई तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने आरोप लगाया है कि पर्यटन परियोजना के रूप में बनाया गया यह रिजॉर्ट जगन मोहन रेड्डी के निजी इस्तेमाल के लिए था. इस चौंकाने वाले आरोप ने हाल के चुनावों में टीडीपी की प्रभावी जीत के बाद राज्य की पर्यटन परियोजनाओं में पारदर्शिता और शासन में फैले भ्रष्टाचार को लेकर तीखी बहस छेड़ दी है. टीडीपी विधायक गंता श्रीनिवास राव और उनके समर्थकों ने भी इस रिजॉर्ट के सामने विरोध प्रदर्शन किया, जिससे जगन मोहन रेड्डी के लिए हालात और बिगड़ गए.
साल 2021 के अंत में वाईएसआरसीपी सरकार ने रुशिकोंडा हिल पर आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एपीटीडीसी) द्वारा संचालित हरिता रिजॉर्ट के पुनर्विकास की घोषणा की ताकि इसे एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण में बदला जा सके. तब से रिजॉर्ट का 9.88 एकड़ क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिया गया था. आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि क्षेत्र को कई ब्लॉकों में बांटा गया था, और 356.4 करोड़ रुपये की लागत से इमारतों का निर्माण किया जा रहा था. फरवरी में पूर्व पर्यटन मंत्री आरके रोजा ने पुनर्विकास परियोजना का उद्घाटन किया था.
ये भी पढ़ें- वो भारतीय जीनियस, जो एक-दो बार नहीं, बल्कि 6 बार नोबेल अवॉर्ड पाते-पाते रह गए
क्यों है विवाद
टीडीपी ने परियोजना को लेकर बरती जा रही गोपनीयता को लेकर चिंता जताई है और आरोप लगाया है कि वाईएसआरसीपी परियोजना की आड़ में जगन के लिए एक भव्य आवास का निर्माण कर रही है, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह कई मानदंडों का उल्लंघन है. उन्होंने परियोजना के सार्वजनिक स्पष्टीकरण में विसंगतियों का हवाला देते हुए रुशिकोंडा में निर्माण के आसपास की गोपनीयता पर सवाल उठाया. टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने कहा, “मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से विजाग रुशिकोंडा मुद्दे पर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा है. राज्य में रुशिकोंडा जैसी कई चीजें हुई हैं, और हम रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद जनता सब कुछ खुलासा करेंगे.”
विलासिता का प्रतीक
12 बेडरूम और 1,41,433 वर्ग मीटर के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ रुशिकोंडा रिज़ॉर्ट विलासिता का प्रतीक बन गया है. तीन महल शांत रुशिकोंडा पहाड़ियों को तराश कर बनाए गए थे और जगन सरकार ने कथित तौर पर इस परियोजना पर अनुमानित 452 करोड़ रुपये में से 407 करोड़ रुपये खर्च किए थे. कुछ बाथरूम 480 वर्ग फुट जितने बड़े थे. टीडीपी ने तर्क दिया कि यदि इसका निर्माण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किया गया था, तो 7,266 वर्ग मीटर के मीटिंग हॉल की कोई आवश्यकता नहीं थी.
ये भी पढ़ें- 2023 में विदेश से भारत आए रिकॉर्ड 120 अरब डॉलर, जानें पाकिस्तान का क्या हाल?
कलिंग ब्लॉक में पहली मंजिल के मीटिंग हॉल में 2 लाख रुपये की लागत वाला एक झूमर था, जिसमें विशाल गलियारे महंगे आयातित संगमरमर और इसी तरह के झूमरों से सजाए गए थे. कलिंग ब्लॉक में दीवार से दीवार तक स्क्रीन वाला एक होम थिएटर भी है. गजपति और वेंगी ब्लॉक में समान सुविधाएं थीं. सरकार ने आंतरिक सजावट पर 33 करोड़ रुपये और भूनिर्माण पर 50 करोड़ रुपये खर्च किए. बाथरूम सहित पूरे परिसर में सेंट्रल एयर कंडीशनिंग की सुविधा है. विशेष आकर्षणों में समुद्र के सामने वाला डाइनिंग हॉल, सभी बेडरूम में आरामदेह बिस्तर और बाथरूम में स्पा सुविधाएं शामिल हैं.
टीडीपी का आरोप
टीडीपी ने रुशिकोंडा परियोजना के विवाद को भुनाया है और आरोप लगाया है कि यह जगन के ‘कुशासन’ का उदाहरण है. टीडीपी ने कहा, “महल का निर्माण अव्यवहारिक तरीके से किया गया था और इसके उपयोग के संबंध में फैसला नायडू की यात्रा के बाद किया जाएगा.” उन्होंने कहा, “सच्चाई आखिरकार सामने आ गई है. हम वर्षों से यह कह रहे हैं। यह जगन की व्यक्तिगत लाभ के लिए परियोजना थी. यह आंध्र के हित में नहीं है.” विधायक गंता श्रीनिवास राव ने कहा कि रुशिकोंडा रिजॉर्ट के बाथरूम वाईएसआरसीपी सरकार द्वारा गरीबों को प्रदान किए गए घरों से बड़े हैं. उन्होंने कहा, “वाईएसआरसीपी सरकार ने शुरुआत में 91 करोड़ रुपये से एक पांच सितारा होटल के निर्माण की घोषणा की थी. अंततः, उन्होंने विध्वंस और खुदाई पर 95 करोड़ रुपये खर्च किए और बाद में निर्माण लागत को बढ़ाकर 460 करोड़ रुपये कर दिया.”
ये भी पढ़ें- वो प्रधानमंत्री जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बने, कश्मीर विलय में भी थी भूमिका
वाईएसआरसीपी ने दी सफाई
जगन के नेतृत्व वाली पार्टी ने कहा है कि पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य विशाखापत्तनम में पर्यटन को बढ़ावा देना है. पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “रुशिकोंडा की इमारतें सरकारी स्वामित्व वाली संपत्ति हैं, निजी संपत्ति नहीं. वे किसी के नहीं हैं. इन इमारतों का निर्माण पिछली सरकार द्वारा विशाखापत्तनम को दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए किया गया था. यह वर्तमान सरकार पर निर्भर है कि उनका उपयोग कैसे किया जाए.” पूर्व मंत्री गुडिवाडा अमरनाथ ने आरोप लगाया है कि टीडीपी विधायक और कुछ मंत्री जगन के उपयोग के लिए इमारतों को निजी संपत्ति के रूप में पेश करके जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
पर्यावरण को लेकर चिंता
रुशिकोंडा रिसॉर्ट्स के निर्माण को पर्यावरणविदों और कार्यकर्ताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिनका तर्क है कि यह गतिविधि तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) मानदंडों का उल्लंघन करती है. निर्माण को चुनौती देते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) समेत विभिन्न अदालतों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं. सेवानिवृत्त नौकरशाह ईएएस सरमा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमईएफसीसी) को पत्र लिखकर तर्क दिया कि संरचनाएं पर्यटन के लिए नहीं हैं, बल्कि प्रशासनिक राजधानी को विशाखापत्तनम में स्थानांतरित करने के हिस्से के रूप में सीएम कार्यालय के आवास के लिए हैं. सरमा ने एमईएफसीसी से सीआरजेड मंजूरी रद्द करने और कानून का उल्लंघन करने के लिए एपीटीडीसी अधिकारियों को दंडित करने का आग्रह किया.
Tags: Andhra Pradesh, Chandrababu Naidu, Jagan mohan reddyFIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 16:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed