क्यों नागालैंड और अरुणाचल की नंबर प्लेट ले रही हैं गुजरात की बसें जानें वजह
क्यों नागालैंड और अरुणाचल की नंबर प्लेट ले रही हैं गुजरात की बसें जानें वजह
Why Nagaland magnet state for vehicle registration: एक जानकारी के अनुसार गुजरात में 1,000 से अधिक निजी बसों ने अपने वाहन पंजीकरण को अरुणाचल प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया है. जबकि लगभग 300 से ज्यादा ने अपना पंजीकरण नागालैंड में स्थानांतरित कर दिया है. इस तरह से बस ऑपरेटर हर साल करीब 4.5 लाख रुपये बचाते हैं.
Why Nagaland magnet state for vehicle registration: क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि उत्तर और पश्चिम भारत के हाईवे पर दिखने वाले ज्यादातर भारी ट्रक और बसें नागालैंड में रजिस्टर्ड हैं? ऐसा क्यों? एक दिलचस्प खुलासे में यह बात सामने आयी है कि दिल्ली और गुजरात सहित देश भर के कई अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में ट्रक, डंपर और भारी वाहन नागालैंड बल्कि नार्थईस्ट के अन्य राज्यों में भी रजिस्टर्ड हो रहे हैं. इस प्रवृत्ति ने न केवल सवाल खड़े किए हैं बल्कि जिज्ञासा बढ़ा दी है. क्योंकि ये राज्य भौगोलिक रूप से एक-दूसरे से बहुत दूर हैं. फिर भी भारी वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए प्राथमिक स्थानों के रूप में काम करते हैं.
बिजनेस के अधिकांश अन्य सवालों की तरह इसका भी उत्तर है- पैसा बचाना! क्योंकि रोड टैक्स सभी राज्यों द्वारा अपने हिसाब से तय किया जाता है, इसलिए यह पूरे देश में राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होता है. इसीलिए भारी वाहनों का नागालैंड या अरुणाचल प्रदेश में रजिस्ट्रेशन महज एक संयोग नहीं है, इस विकल्प के पीछे एक सम्मोहक तर्क मौजूद है.
रजिस्ट्रेशन फीस और टैक्स बहुत कम
पहले बात नागालैंड की. भारत के अन्य राज्यों की तुलना में नागालैंड की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की रजिस्ट्रेशन फीस और टैक्स बहुत कम है. रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी काफी उदार है. इतनी कि इनमें से अधिकांश ट्रकों को नागालैंड ले जाने भी जरूरत नहीं होती है. बस अपने कागजात और कुछ अतिरिक्त कागजात भेजें और आपका काम हो जाएगा. यही कारण है कि कर्नाटक और तमिलनाडु में रहने वाले बहुत से लोग पीवाई (पुडुचेरी में रजिस्टर्ड) नंबर प्लेट की कारें चलाते हैं. जैसा कि बिजनेस को लेकर एक पुरानी कहावत है, ‘गंदा है पर धंधा है ये!’ ये उसी का एक उदाहरण है.
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गुजरात में नागालैंड की नंबर प्लेट
इसीलिए अगर आपको गुजरात की सड़कों पर नागालैंड या अरुणाचल प्रदेश के नंबर प्लेट वाली बहुत सारी निजी बसें दिखें तो हैरान न हों. NENow News की एक रिपोर्ट के मुताबिक नार्थ ईस्ट के इन राज्यों में रजिस्ट्रेशन कराने वाले बस मालिक उस राज्य के निवासी नहीं हैं, बल्कि वे सभी गुजरात सें हैं. इन लोगों ने पैसा बचाने के लिए अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन इतनी दूर नार्थ ईस्ट के राज्यों में कराया है.
कुछ ने खोल लिए अस्थायी कार्यालय
अखिल गुजरात टूरिस्ट व्हीकल ऑपरेटर्स फेडरेशन (एजीटीवीओएफ) का कहना है कि बड़ी संख्या में उनके सदस्य अब टैक्स बचाने के लिए अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में वाहनों का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं. पटेल ट्रैवल्स, नीता ट्रैवल्स और श्रीनाथ ट्रैवल्स सहित गुजरात के दो दर्जन से अधिक निजी बस ऑपरेटरों ने बसों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सुविधजनक बनाने के लिए कथित तौर पर नागालैंड के दीमापुर और अरुणाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर अस्थायी कार्यालय खोले हैं.
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एक साल में बचते हैं करीब 4.5 लाख रुपये
एक जानकारी के अनुसार गुजरात में 1000 से अधिक निजी बसों ने अपने वाहन पंजीकरण को अरुणाचल प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया है. जबकि लगभग 300 से ज्यादा ने अपना पंजीकरण नागालैंड में स्थानांतरित कर दिया है. एजीटीवीओएफ का कहना है कि बस ऑपरेटर बस पंजीकरण को नागालैंड या अरुणाचल प्रदेश में स्थानांतरित करके हर साल लगभग 4.5 लाख रुपये बचाते हैं. गुजरात में बस मालिकों को प्रति माह 40,000 रुपये टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. जबकि नागालैंड या अरुणाचल प्रदेश में यह दर 2,000 रुपये से भी कम है. उनमें से कुछ ने तो मणिपुर में भी अपनी बसों का रजिस्ट्रेशन कराना शुरू कर दिया है.
हरियाणा भी बन रहा नया सेंटर
इसी तरह उत्तर भारत में हरियाणा भी भारी वाहनों के लिए एक और किफायती सेंटर के रूप में उभर रहा है. उत्तर भारत में बड़ी संख्या में वाहन अब हरियाणा की सीधी पंजीकरण प्रक्रियाओं के कारण पंजीकृत हैं. यही प्रवृत्ति दक्षिण भारत में भी देखी जा रही है. जहां पुडुचेरी कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए वाहन पंजीकरण केंद्र के रूप में काम कर रहा है.
Tags: Arunachal Pradesh News, Bus Operator, Gujarat news, Haryana news, Nagaland News, Transport departmentFIRST PUBLISHED : August 2, 2024, 12:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed