मुर्दा पानी में तैरता रहता है लेकिन जिंदा आदमी डूब जाता हैक्यों होता है ऐसा

नदियों में अक्सर मुर्दा शरीर तैरता हुआ दीख जाता है लेकिन अक्सर जिंदा लोगों के डूबने से मृत्यु की खबरें आती हैं. आखिर क्यों ऐसा होता है..शरीर तो वही होता है. वजन भी वही. क्या है इसके पीछे की वजह

मुर्दा पानी में तैरता रहता है लेकिन जिंदा आदमी डूब जाता हैक्यों होता है ऐसा
हाइलाइट्स मृत्यु के बाद होने वाले परिवर्तनों के कारण शरीर पानी पर तैरता है नदी के पानी में मृत शरीर समुद्र की तुलना में जल्दी सड़ता है शरीर जब फूल जाता है तो उसका वजन कई हिस्सों में बंट जाता है हम सभी ने मृत शरीर को नदियों में पानी तैरते हो सकता है देखा हो..खबरें तो जरूर पढी होंगी कि अमुक नदी में तैरता हुआ मृत शरीर मिला. कोरोना के दौर में बिहार और उत्तर प्रदेश की नदियों में कई शव बहते हुए देखे गए, जिसकी खबरें सुर्खियों में रहीं. क्या आपने कभी सोचा कि आखिर वो कौन सी बात है कि जिंदा इंसान तो पानी में डूब जाता है लेकिन मृत शरीर पानी पर आराम से तैरता रहता है. जिंदा व्यक्ति को भी अगर पानी पर तैरना है कि उसके लिए उसको मेहनत करनी होती है. हाथ-पैर चलाना होता है. लेकिन मुर्दा तो आराम से बिना हाथ पैर चलाए तैरता है. क्या इसके पीछे कोई खास वजह है या ये कोई चमत्कार सरीखी बात है. हम इस बारे में यही कहेंगे इसकी जो वजह है वो साइंस से जुड़ी है. ये होती है इसकी वजह दरअसल किसी वस्तु का पानी पर तैरना उसके घनत्व पर निर्भर करता है और इस बात पर भी कि वो कोई पानी पर रहने के लिए कितना पानी अपने अलग-बगल से हटाती है. जिस चीज का घनत्व ज्यादा होता है वो पानी में डूब जाती है. जब तक इंसान जिंदा रहता है, तब तक उसके शरीर का घनत्व पानी के घनत्व से ज्यादा होता है. इंसान के पानी में डूबने के दौरान उसके फेफड़ों में काफी मात्रा में पानी भर जाता है. इसी वजह से उसकी मृत्यु हो जाती है गौर करने वाली बात यह है कि मनुष्य की मृत्यु होते ही उसका शरीर पानी में ऊपर की तरफ आना शुरू नहीं करता बल्कि पानी की सतह तक बिल्कुल नीचे तक चला जाता है. तब वो चीज पानी पर तैरने लगती है वैज्ञानिक आर्किमिडीज के सिद्धान्त के अनुसार कोई वस्तु पानी में तब डूब जाती है जब वह अपने भार के बराबर पानी नहीं हटा पाती. अगर उस वस्तु के द्वारा हटे हुए पानी का भार कम हो तो वस्तु पानी में तैरती रहती है. मृत होने के बाद क्यों तैरता है शरीर जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसके अंदर गैस पैदा होने लगती है, जिससे उसका शरीर पानी में फूलने लगता है. फूलने की वजह से शरीर का आयतन बढ़ जाता है, घनत्व कम हो जाता है. इस स्थिति में शव ऊपर आकर पानी पर तैरने लगता है. मृत शरीर में कौन सी गैसें बनती हैं इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब व्यक्ति मृत हो जाता है तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली काम करना बंद कर देती है. शरीर डीकंपोज होने लगता है. मृत शरीर में बैक्टीरिया उसकी कोशिकाओं और ऊतकों को खत्म करना शुरू कर देते हैं. बैक्टीरिया के कारण शरीर के अंदर मौजूद विभिन्न गैसों जैसे मीथेन, अमोनिया, कार्बन डाइऑक्साइड,हाइड्रोजन सल्फाइड, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन शामिल हैं. जब ये गैस बनती और निकलती हैं तो ये तैरने लगता है. पानी में डूबने के बाद मृत शरीर तुरंत ऊपर नहीं आता बल्कि इसमें कई दिन भी लग सकते हैं. हवा की तुलना में पानी में सड़न की प्रक्रिया धीमी होती है; ताजे पानी की तुलना में समुद्री पानी में सड़न की प्रक्रिया धीमी होती है, तथा स्थिर पानी की तुलना में बहते पानी में सड़न की प्रक्रिया धीमी होती है. हालांकि इसकी गति पानी के तापमान पर भी निर्भर करती है, ये जितना ठंडा होगा, उसका सड़ना उतना ही धीमा होगा. गहरे ठंडे पानी में पड़ा कोई मृत शरीर शायद कभी भी वापस सतह पर नहीं आ सकता. क्यों बहुत सी चीजें पानी पर तैरती हैं आमतौर पर हम पानी में बहुत सारी चीजें तैरते देखते हैं. लकड़ी, कागज, पत्ते. बर्फ भी ऐसी चीज है जो पानी में डूबती नहीं. सामान्य सा नियम यह है कि भारी चीज पानी में डूब जाती है, लेकिन हल्की चीज पानी में तैरने लगती है. Tags: Dead body, Dead body found, Floating Dead Bodies, Science, Science factsFIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 20:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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