कौन है जगदीश उइके जो जहाजों को दे रहा था बम की फर्जी धमकी क्या पता चला

पुलिस फर्जी ई-मेल भेजने वाले आईपी एड्रेस की पड़ताल कर रही थी. इसी दौरान जगदीश उइके का पता चला.

कौन है जगदीश उइके जो जहाजों को दे रहा था बम की फर्जी धमकी क्या पता चला
नागपुर पुलिस ने करीब दो हफ्ते की लंबी तलाशी के बाद उस व्यक्ति को हिरासत में लिया है जिसपर भारतीय विमान सेवाओं को बम की झूठी धमकी देने का शक है. शख्स की पहचान जगदीश श्रीराम उइके के रूप में हुई है. उस पर अलग-अलग एयरलाइन कंपनियों को 354 से अधिक फर्जी ईमेल भेजने का आरोप है. इन ईमेल्स में उसने न सिर्फ जहाजों को निशाना बनाया, बल्कि ट्रेनों को भी टारगेट किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), शीर्ष सरकारी अधिकारियों और विभिन्न महत्वपूर्ण संस्थानों को भी धमकियां दी. तो जगदीश उइके (Jagadish Uikey ) कौन है, क्यों फर्जी ई-मेल भेज रहा था, अब तक क्या-क्या पता चला है? आइए जानते हैं… कौन है जगदीश उइके? जगदीश उइके 35 साल का एक लेखक है. वह पूर्वी महाराष्ट्र के माओवादी प्रभावित गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव का रहने वाला है. नागपुर पुलिस के डीसीपी लोहित मातानी ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उइके ने सिर्फ 11वीं कक्षा तक पढ़ाई की है. उसनेआतंकवाद पर ‘आतंकवाद-एक तूफानी राक्षस’नाम की किताब भी लिखी है. उइके (Jagadish Uikey ) के अनुसार उसकी किताब अमेज़न जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और इसकी कीमत 350 रुपये है. उइके के मुताबिक उसकी किताब “आतंकवाद की सभी सच्चाइयों को सामने रखती है और आतंकवाद के बारे में कई गुप्त जानकारी प्रदान करती है जो पहले किसी लेखक ने दुनिया के सामने नहीं रखी…” उइके यह भी दावा करता है कि वह अपनी किताब की कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा देशहित में दान करता हैं. जांच एजेंसियों ने कैसे उइके को पकड़ा? डिप्टी कमिश्नर श्वेता खेडकर के नेतृत्व में जांच टीम फर्जी ई-मेल भेजने वाले का पता लगा रही थी. इसी बीच एक केंद्रीय मंत्रीय को इसी तरह का मेल आया. जांच टीम ने जब गूगल से इस ई-मेल के आईपी एड्रेस की पड़ताल की तो पता लगा कि मेल भेजने वाला जगदीश उइके है. पुलिस और तह में गई. उसके सिम कार्ड के जरिये एड्रेस निकलवाया. जिसमें उसका पता अर्जुनी मोरगांव दर्ज था. इसी आधार पर नागपुर पुलिस ने उइके को गिरफ्तार कर लिया. क्यों भेज रहा था धमकी वाले फर्जी ई-मेल पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंगल ने TOI को बताया कि उइके की मंशा वास्तव में आतंकवाद से नहीं जुड़ी थी बल्कि वह लोगों का ध्यान आकर्षित करने और पब्लिसिटी स्टंट के लिए ऐसा कर रहा था. उन्होंने कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि उइके अपनी पुस्तक को प्रकाशित करवाने के लिए बार-बार ईमेल के जरिए पीएमओ और अन्य लोगों से संपर्क कर रहा था. लेकिन बाद में उसने हताशा में फर्जी ई-मेल भेजना शुरू कर दिया…” जगदीश उइके ने फर्जी ई-मेल भेजने की शुरुआत जनवरी में की थी. पुलिस कमिश्नर ने आगे कहा कि हम उइके की कॉल डिटेल और लैपटॉप को स्कैन कर रहे हैं. उसके बैंक खातों के लेन-देन की भी जांच की जा रही है. ई-मेल में क्या लिखता था उइके अपने ई-मेल में अलग-अलग जगहों पर बम प्लांट होने की फर्जी खबर देता था. पिछले महीने अकेले 25 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच उसने इस तरह के कम से कम 30 दावे किये. उसके ई-मेल में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस सहित कई प्रमुख राजनीतिक हस्तियों और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी धमकियां थीं. इंडिया टुडे के अनुसार उइके ने अपने ई-मेल में यह भी लिखा था कि उसके पास सुरक्षा से जु़ड़ी “महत्वपूर्ण जानकारी” है और वह अधिकारियों के साथ मिलकर साझा करना चाहता है. पुलिस को और क्या-क्या पता चला पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जांच में जगदीश उइके के जीमेल खाते के सेंट फोल्डर में 354 ईमेल की पहचान की गई है. जिसमें अक्टूबर में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को भेजा गया ईमेल भी शामिल है. उइके की ईमेल एक्टिविटी में एक खास पैटर्न भी सामने आया है. उइके ने अपने लेटेस्ट ई-मेल में दावा किया था कि उसे भारत के भीतर स्लीपर सेल की गतिविधियों के बारे में पता है. पहले भी रहा है पुलिस के रडार पर यह पहला मौका नहीं है जब जगदीश उइके का पुलिस से सामना हुआ. पुलिस ने खुलासा किया कि साल 2021 में भी उइके से दो बार पूछताछ की गई थी. तब भी उसने पीएमओ को जॉब स्कैम से जुड़ा एक ई-मेल किया था. इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस घटना के बाद उइके कथित तौर पर महाराष्ट्र छोड़कर दिल्ली आ गया और यहीं से हालिया धमकियां दी थीं. Tags: Air india, Ashwini Vaishnaw, Special ProjectFIRST PUBLISHED : November 4, 2024, 18:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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