दुनिया में कौन सा मजहब तेजी से बढ़ रहा सर्वाधिक लोग किसमें होते हैं कन्वर्ट 

Which Religion is Growing Fastest: दुनिया में इस्लाम सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है. भारत में भी इस्लाम सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है. भारत साल 2050 में इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा.

दुनिया में कौन सा मजहब तेजी से बढ़ रहा सर्वाधिक लोग किसमें होते हैं कन्वर्ट 
हाइलाइट्स 2070 तक इस्लाम धर्म को मानने वालों की संख्या होगी सबसे ज्यादा फिलहाल दुनिया के प्रमुख मजहबों में सबसे बड़ा ईसाई धर्म है 2050 में भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा Which Religion is Growing Fastest: महज 1400 साल पहले अस्तित्व में आने वाला इस्लाम इस समय दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला मजहब है. फिलहाल इस्लाम ईसाई धर्म के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मजहब है. अमेरिका स्थित प्यू रिसर्च सेंटर का कहना है कि मुस्लिमों की आबादी बढ़ने का ट्रेंड यही रहा तो वो समय दूर नहीं है जब वो दुनिया में सबसे ज्यादा हो जाएंगे. उसका अनुमान है कि जितनी तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है उसके हिसाब से साल 2070 तक दुनिया में इस्लाम धर्म को मानने वाले सबसे ज्यादा होंगे.  प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2060 तक पूरी दुनिया में मुस्लिम धर्म को मानने वालों की कुल आबादी साल 2015 के मुकाबले 70 प्रतिशत बढ़ जाएगी. फिलहाल दुनिया के प्रमुख धर्मों में ईसाई धर्म सबसे बड़ा है, जिसके दो अरब से अधिक मानने वाले हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 तक अनुमान के हिसाब से दुनिया में ईसाई धर्म को मानने वाले 2.38 बिलियन यानी करीब 238 करोड़ लोग थे. जबकि, इस्लाम धर्म के अनुयायी 191 करोड़ थे. वहीं, 116 करोड़ लोग हिंदू धर्म को मानने वाले थे. अगर सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देशों की बात की जाए तो इंडोनेशिया पहले नंबर पर है. उसके बाद पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश का नंबर आता है. ये भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर, संभल और अलीगढ़, मुस्लिम बस्तियों में कैसे निकलने लगे मंदिर, जानें पूरी कहानी इस्लाम छोड़ने पर मिलती है मौत की सजा! अगर बात की जाए कि दुनिया में हर साल सबसे ज्यादा लोग किस मजहब में परिवर्तित होते हैं? तो इसका सही जवाब देना तो थोड़ा मुश्किल है. क्योंकि किसी अन्य धर्म में कन्वर्ट होने वालों की संख्या की गणना करना कठिन काम है. क्योंकि कुछ देशों में जब राष्ट्रीय जनगणना होती है तो उनसे उनके धर्म के बारे में सवाल नहीं किया जाता है. अगर धर्म के बारे में पूछा भी गया तो फिर ये नहीं पूछा जाता है कि आप पहले से इस धर्म को मानते थे, या कन्वर्ट होकर इस धर्म में आए हैं. कुछ देशों में कानूनी और सामाजिक परिणाम धर्म परिवर्तन को कठिन बना देते हैं. जैसे कुछ मुस्लिम देशों में इस्लाम छोड़ने पर मौत की सजा दी जाती है.  ये भी पढ़ें- भारत में इतनी धूप होने के बावजूद, लोगों में क्यों हो रही है ‘विटामिन डी’ की कमी, जानें वजह 2010 से 2050 तक इतने लोग जुड़ेंगे इस्लाम से इसीलिए इस्लाम से किसी दूसरे धर्म में परिवर्तित होने के आंकड़े मिलना मुश्किल है. लेकिन जो जानकारी मौजूद है उसके अनुसार धर्म परिवर्तन का वैश्विक मुस्लिम आबादी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि जितने लोग इस्लाम में परिवर्तित होते हैं, उतने ही लोग इस्लाम को छोड़ देते हैं. तो यह आंकड़ा लगभग बराबरी का रहता है. प्यू रिसर्च सेंटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक स्टडी बताती है कि 2010 और 2050 के बीच धर्म परिवर्तन के जरिये इस्लाम को मानने वालों की संख्या में करीब 32 लाख लोग और जुड़ने की संभावना है. हालांकि यह बढ़ोतरी बहुत ज्यादा नहीं है. फिर भी अन्य धर्मों की तुलना में इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मजहब बना रहेगा.  ये भी पढ़ें- ओपी चौटाला जब एयरपोर्ट पर महंगी घड़ियों के साथ पकड़े गए, पिता देवीलाल ने कर दिया था घर से बेदखल अमेरिकी मुसलमानों में 25 फीसदी कन्वर्टेड न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार अमेरिकी मुसलमानों में 25 प्रतिशत दूसरे धर्म से कन्वर्ट हुए हैं. ब्रिटेन में हर साल करीब 6,000 लोग इस्लाम धर्म को अपना लेते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में मुस्लिम धर्म अपनाने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं. द हफिंगटन पोस्ट के अनुसार अनुमान है कि हर साल लगभग 20,000 अमेरिकी दूसरे धर्मों से इस्लाम में कन्वर्ट होते हैं. प्यू रिसर्च के अनुसार, अन्य धर्मों के विपरीत, अमेरिका में इस्लाम अपनाने वालों की संख्या इस धर्म को छोड़ने वाले अमेरिकी मुसलमानों की संख्या के लगभग बराबर है. ये भी पढ़ें- Explainer: आरक्षण से लेकर कश्मीर तक कई मुद्दों पर थे मतभेद, लेकिन नेहरू के मन में था आंबेडकर को लेकर सम्मान  इस्लाम अपनाने वाले 77 फीसदी ईसाई इस्लाम अपनाने वाले लोगों में से 77 फीसदी ईसाई धर्म से हैं, जबकि बाकी 23 फीसदी अन्य धर्मों से हैं. गिनीज बुक के अनुसार, दुनिया भर में 1990 और 2000 के बीच ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की तुलना में लगभग 12.5 मिलियन (125 करोड़) से अधिक लोगों ने इस्लाम अपनाया. 1990 और 2000 के बीच ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की तुलना में लगभग 12.5 मिलियन अधिक लोग दुनिया भर में इस्लाम में परिवर्तित हुए. इसके बावजूद, वैश्विक स्तर पर इस्लाम दूसरे नंबर पर सबसे अधिक संख्या में धर्मांतरण करने वाला धर्म बना हुआ है. ये भी पढ़ें- कौन सा है वो भारत का पड़ोसी मुल्क, जहां रहते हैं बड़ी तादाद में मुस्लिम, पर नहीं एक भी मस्जिद क्या बदल जाएगा इस्लाम बढ़ने से? पहला असर तो भारत पर ही पड़ेगा. भारत साल 2050 में इंडोनेशिया को पीछे छोड़कर सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश बन जाएगा. हालांकि भारत में तब भी हिंदू आबादी, मुस्लिमों से अधिक होगी. लेकिन इसका यूरोप पर तगड़ा असर पड़ेगा. क्योंकि ब्रिटेन और फ्रांस में ईसाइयों की आबादी कुल आबादी के 50 फीसदी से कम हो जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक 2050 में यूरोप में मुस्लिमों की आबादी लगभग दस फीसदी होगी. अमेरिका में 2050 में प्रत्येक 50 लोगों में से एक मुसलमान होगा. जबकि सब-सहारन (सहारा रेगिस्तान के दक्षिण) अफ्रीका में अगर दस ईसाई होंगे तो चार मुस्लिम होंगे. Tags: Christian conversion, Muslim Conversion, Muslim Population, Religious conversionFIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 17:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed