कौन सी गुजरात की वो लैब जहां हुआ तिरुपति के लड्डू का परीक्षण बेहद भरोसेमंद
कौन सी गुजरात की वो लैब जहां हुआ तिरुपति के लड्डू का परीक्षण बेहद भरोसेमंद
गुजरात की इस लैब एनडीडीबी काल्फ लैब है, जो दुनियाभर में अपने मानकों और परीक्षण स्टैंडर्ड के लिए विश्वसनीय मानी जाती है. इसी लैब की जांच रिपोर्ट में तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर लड्डू प्रसाद में में पशु वसा की मौजूदगी की पुष्टि हुई.
हाइलाइट्स इस लैब ने 2009 में दूध और दूग्ध उत्पादों के परीक्षण से काम शुरू किया फिर इसमें पशु आहार के परीक्षण जोड़े, सब्जियों, फलों की भी टेस्टिंग होने लगी अब ये दुनिया की बेहतरीन प्रयोगशालाओं में, जो 3500 तरह के टेस्ट करती है
आंध्र प्रदेश में तिरुपति के वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर के लड्डू में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी होने के मामले ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, पूरे देश का ध्यान इस ओर है. इस मामले में लड्डू का परीक्षण देश की जिस लैब में कराया गया, वो गुजरात में है और देश ही नहीं दुनिया में भी अपने मानक टेस्ट को लेकर विश्वसनीय प्रयोगशाला मानी जाती है. ये लैब आणंद में है.
इस लैब का पूरा नाम है एनडीडीबी काल्फ . ये नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) से जुड़ी हुई है. इसके नाम के साथ काल्फ जोड़ने का मतलब है पशुधन और चारा विश्लेषण एवं अध्ययन केंद्र. इसकी स्थापना 2009 में NDDB द्वारा की गई. शुरू में तो इस लैब में दूध और पशु आहार परीक्षण से जुड़े टेस्ट होते थे. लेकिन अब समय के साथ ये लैब दूध, दूग्ध उत्पादों के साथ फलों, सब्जियों, पशु आहार और यहां तक कि डीएनए गुणवत्ता मूल्यांकन का टेस्ट और मूल्यांकन भी करती है.
इसमें 80 प्रोफेशनल काम करते हैं
प्रयोगशाला में 40 विश्लेषकों सहित 80 पेशेवर कार्यरत हैं. ये दुनिया के बेहतरीन परीक्षण उपकरणों से युक्त है, जिससे किसी भी टेस्ट की सटीक रिपोर्ट और मूल्यांकन ही हासिल नहीं किया जाए बल्कि उसका विश्लेषण भी किया जाए. भारत में डेयरी से जुड़ी की कम प्रयोगशालाओं में इतने आधुनिक और बेहतरीन उपकरण होंगे.
कांटिमिनेशन से लेकर दूध के हर तरह के टेस्ट
बेशक इसने अपना काम दूध और दूग्ध उत्पादों के परीक्षण के साथ शुरू किया. फिर इसमें फल और सब्जियां जोड़ी गईं. अब इसने उस दायरे का भी विस्तार कर लिया है. जिसमें तेल, शहद, कीटनाशक, एंटीबायोटिक्स, भारी धातुओं, एफ़्लैटॉक्सिन और डाइऑक्सिन जैसे कांटिमिनेट्स यानि संदूषकों का भी विश्लेषण शामिल कर लिया गया. ये NDDB के नस्ल सुधार कार्यक्रमों और वीर्य परीक्षण सुविधाओं के लिए डीएनए टेस्ट भी करता है. गुजरात के आणंद की एनडीडीबी काफ लैब का मुख्यालय, जहां तिरुपति के लड्डू प्रसादम का परीक्षण हुआ. (courtesay nddb calf)
एक दिन में नहीं बल्कि धीरे धीरे बनी विश्वसनीयता
इस लैब ने अपनी विश्वसनीयता एक दिन में नहीं बनाई. यहां किए जाने वाले परीक्षणों पर आंख बंद करके विश्वास किया जाता है. लैब चरणबद्ध तरीके से खुद को फैलाया. एनडीडीबी कैल्फ को वर्ष 2013 में आईएसओ 17025 के तहत अपना पहला एनएबीएल (राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड) प्रमाणन प्राप्त हुआ, जिसमें करीब 200 परीक्षण शामिल थे.
3500 टेस्ट की रेंज कवर करती है
अब ये पूरी प्रमाणिकता के साथ विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 3,500 टेस्ट कवर करती है. इसे वर्ष 2014 में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि तब मिली जब प्रयोगशाला दूध और डेयरी उत्पाद परीक्षण के क्षेत्र में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के लिए एक रेफरल संस्था बन गई.
2017 में प्रयोगशाला को डेयरी और अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के समर्थन में संगठनों से मान्यता दे दी गई. इसे 2018 में निर्यात निरीक्षण परिषद (ईआईसी) और 2019 में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) द्वारा मान्यता दी गई. गुजरात के आणंद की इस लैब में आधुनिक उपकरण हैं. यहां के स्टाफ को काफी कुशल माना जाता है. ये FSSAI से लेकर ISO और ISI के मानको पर खरी उतरती है और उनके लिए टेस्ट करती है. (courtesay nddb calf)
2019 में, NDDB CALF को और मान्यता मिली, यह FSSAI के तहत डेयरी उत्पादों के लिए एक राष्ट्रीय संदर्भ प्रयोगशाला (NRL) बन गई. 2021 में, इसने दूध की वसा शुद्धता, डेयरी उत्पादों में डाइऑक्सिन के स्तर और शहद की प्रामाणिकता के टेस्ट के काम को शुरू किया.
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) के समर्थन से, CALF भारत में पहली मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला बन गई जो शहद की शुद्धता के लिए विश्वसनीय रूप से परीक्षण करती है.
उच्च गुणवत्ता वाले टेस्ट करती है
फरवरी 2023 में, एनडीडीबी सीएएलएफ को एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया, ताकि इसकी पहुंच को और बढ़ाया जा सके. देश भर में उच्च गुणवत्ता वाले परीक्षण सुनिश्चित किए जा सकें.
एनडीडीबी काल्फ राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की एक सहायक संस्था है, जो मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्था है. भारत की श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीस कुरियन द्वारा 1965 में स्थापित, एनडीडीबी का मुख्यालय गुजरात के आनंद में है, जिसके कार्यालय पूरे देश में हैं.
राजनीतिक हस्तक्षेप से बचती है
अपनी स्वायत्तता बनाए रखने और राजनीतिक हस्तक्षेप से बचने के लिए, बोर्ड ने पारंपरिक रूप से पशुपालन और डेयरी उद्योग में पृष्ठभूमि वाले बोर्ड सदस्यों को नियुक्त किया है 2021 तक एनडीडीबी की अध्यक्षता आमतौर पर केंद्र द्वारा नियुक्त आईएएस अधिकारियों के पास होती थी. फिलहाल एनडीडीबी में 35 से अधिक वर्षों के अनुभव वाले एक अनुभवी उद्योग नेता मीनेश शाह अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गैं.
इन संस्थाओं के मानकों पर खरी उतरती है ये
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस)
इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर स्टेंडर्डाइजेशन (आईएसओ)
एसोशिएशन ऑफ आफिशियल एनिलिटिकल केमिस्ट (एओएसी)
इंटरनेशनल डेरी फेडरेशन (आईडीएफ)
अमेरिकन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (एपीएचए)
काराष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित प्रणालियों का भी पालन
गूगल रिव्यू में तारीफ
अगर गूगल पर इस संस्था के रिव्यू देखें तो लोगों ने इसकी काफी तारीफ की है और इसे विश्वसनीय माना है. इसके आधुनिकक उपकरणों और तकनीक स्टाफ की तारीफ होती रही है. एक रिव्यू कहता है, केमिकल, माइक्रोबॉयोलॉजिकल और जेनेटिक टेस्टिंग में ये तमाम अंतरराष्ट्रीय मानकों पर ग्रेट लैब्रोरेटरी है. इसकी सफाई और प्रबंधन की भी तारीफ होती है.
Tags: Gujarat, Tirupati balajiFIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 12:31 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed