बिजली के प्लग में लगी तीसरी पिन क्या काम करती है

आपके घरों में बिजली से चलने वाले बहुत से उपकरण होंगे उन सभी को बिजली से कनेक्ट करने के लिए आपको उनसे लगे थ्री पिन प्लग को शॉकेट में लगाना होता है. इस प्लग में तीन पिन होती हैं दो पिन में तो प्लस और माइनस के तार लगते हैं लेकिन तीसरी पिन क्यों होती है.

बिजली के प्लग में लगी तीसरी पिन क्या काम करती है
हाइलाइट्सबिजली के प्लग में तीसरी पिन का रोल खासा अहम होता हैये अर्थिंग पिन का काम करता है जो अक्सर हमें बिजली के खतरों से बचाता हैबिजली के सभी उपकरणों में ये तीन पिन वाला प्लग होता है आप अपने घरों में देखते हैं और तमाम बिजली के उपकरणों को जब घर में इस्तेमाल करते होंगे तो देखते होंगे कि उनके यूज के लिए आप जब उनके प्लग्स को शाकेट में लगाते हैं तो ये आमतौर पर तीन पिन वाले होते हैं. ज्यादातर बिजली के प्लग तीन पिन वाले होते हैं. क्या आपने ध्यान दिया कि ऐसा क्यों होता है. हालांकि कभी आपने इन्हें अगर खोलकर देखा हो तो इसके तीन पिनों में तीन तार जुडे़ होते हैं. इन तीन पिनों दो का आकार तो बराबर और एक जैसा होता है लेकिन तीसरी पिन इन दो पिनों की तुलना में कुछ मोटी होती है. इस पिन को सामान्य तौर पर एक हरे रंग के तार से जोड़ दिया जाता है. इस तार को अर्थ का तार कहते हैं. क्या आप जानते हैं कि प्लग में इस तीसरी पिन का काम क्या होता है. तीसरी पिन और हरे रंग के तार में सामान्य स्थितियों में कोई भी बिजली की धारा नहीं बहती है. इस तार का एक सिरा जिस बिजली के उपकरण का आप इस्तेमाल कर रहे होते हैं , उससे जुड़ा होता है. और हर रंग के तार वाला पिन प्लग के जरिए जिस प्वाइंट से जुड़ता है वो उसे अर्थिंग या पृथ्वी से जोड़ देता है. इसे इलैक्ट्रिक ग्राउंडिंग भी कहते हैं. तब बिजली का झटका लगता है कभी कभी ऐसा होता है कि विद्युत उपकरण में कोई दोष हो जाता है तब इस उपकरण में बिजली की धारा प्रवाहित होने लगती है. ऐसी स्थिति में अगर कोई उस उपकरण को छू ले तो उसे बिजली का झटका लगेगा. बिजली के झटके की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि मनुष्य के शरीर में से कितनी बिजली की धारा किस मात्रा में प्रवाहित हो रही है. अगर उसके हाथ भीगे हों तो शरीर से अधिक बिजली की धारा प्रवाहित होगी. इसका कारण है कि गीली त्वचा सूखी त्वचा की तुलना में बिजली की सुचालक होती है और ऐसी स्थिति में व्यक्ति को भयानक झटका लगेगा. इससे उसकी मृत्यु भी हो सकती है. तीसरी पिन के जरिए अर्थिंग का काम तीसरी पिन का प्रयोग या अर्थिंग एक ऐसा तरीका है जो दोषी उपकरणों से लगने वाले बिजली के झटकों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है. मेंस से चलने वाली सभी उपकरणों के लिए ये बहुत जरूरी है कि उनका धरती के साथ उचित तौर पर संबंध स्थापित करा दिया जाए, प्लग की तीसरी पिन यही काम करती है. तो झटका नहीं लगेगा यदि बिजली की तीसरी पिन के जरिए अर्थिंग सही तरीके से हो रही हो तो बिजली उपकरण के खराब होने पर अगर उसकी बॉडी में करंट प्रवाहित भी होने लगता है तो बिजली का झटका लगेगा भी तो ज्यादा खतरनाक नहीं होगा या झटका लगेगा ही नहीं. इस तरह बिजली प्लग की तीसरी पिन आपको सबसे ज्यादा सुरक्षा देने वाली होती है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Electric, ElectricityFIRST PUBLISHED : July 28, 2022, 17:49 IST