मोसाद मतलब इजरायल के दुश्मनों का काल धरती हो आकाश कर देता है सर्वनाश
मोसाद मतलब इजरायल के दुश्मनों का काल धरती हो आकाश कर देता है सर्वनाश
मोसाद दुनिया भर की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में एक है. अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा के नाम पर ये कुछ भी कर गुजरता है. हनी ट्रैप से लेकर साम, दाम, दंड, भेद के इस्तेमाल में ये कतई नहीं हिचकता. अपने दुश्मनों को कही भी घुस कर मार देने का इतिहास इसे और अधिक खतरनाक बना देता है.
हाइलाइट्स मिग 21 को अगवा कर लिया था मोसाद ने हनी ट्रैप के इस्तेमाल से भी नहीं हिचकता 'किलिंग मशीन' भी कहलाती है इजरायली एजेंसी
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक जासूसी संगठन माना जाता है. ये महज सूचनाएं जुटाने वाली संस्था ही नहीं है, अपने दुश्मनों को खत्म भी कर देती है. बल्कि कहा जा सकता है कि निशाने पर ले लेने के बाद खत्म करके ही मानती है. यही वजह है कि इसे जासूसी की दुनिया का ‘किलिंग मशीन’ भी कहा जाता है. मोसाद का ताजा निशाना हमास नेता इस्माइल हानिया हैं, लेकिन इससे पहले भी इसने अपने देश की सीमा से बाहर जा कर कई ऐसे हाई प्रोफाइल लोगों को निपटाया है जो इसकी हिट लिस्ट में थे.
सीआईए भी मानती है लोहा
अमरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए भी मोसाद का लोहा मानती है. दोनों देशों की पोलिटिकल लीडरशिप की दखल से इनमें ज्यादातर सहयोग की ही स्थिति रहती है. अमरिकी फिल्मों और वेबसीरीज में भी अक्सर दिखाया जाता है कि मोसाद और सीआईए मिल कर ही काम करते हैं. वैसे भी दोनों देशों के हित और लक्ष्य ज्यादातर मसलों पर एक जैसे ही हैं.
बहुत सारे कारनामे तो पर्दे में ही रह जाते हैं
वैसे तो दुनिया को बहुत कम ही पता चल पाता है कि कौन से कारनामें मोसाद ने कराए. हां, कुछ मामले ऐसे जरूर आते हैं जिनके बारे में मोसाद चाहता है कि दुनिया को पता चले कि ये उसी का कारनामा है, ऐसे ही मसलों को दुनिया जान भी पाती है.
अल मबूह की हत्या
ईरान जैसे विरोधी देश में इस्माइल हानिया की हत्या के पहले मोसाद ने 2010 में दुबई महमूद अल मबूह की हत्या की थी. कहा जाता है कि अल मबूह मोसाद के लिए ही हथियारों की खरीद फरोख्त करता था. मोसाद के हिट स्क्वाड कहे जाने वाले एजेंट्स ने दुबई में छिपे अल मबूह के होटल में उसके कमरे के सामने वाले कमरे में अपना ठिकाना बना लिया. बताया जाता है कि तकिए से दम घोट कर उसे मार दिया. ये कहा जाता है कि मारने से पहले कोई इंजेक्शन लगा कर अल मबूह को पैरालाइज्ड भी कर दिया था.
रैथ ऑफ गॉड
इसके अलावा सातवें दशक का रैथ ऑफ गॉड मिशन बहुत खून खराबे वाला रहा. मिशन के नाम का हिंदी मतलब होता है खुदा का कहर और सच में मोसाद ने कहर ही बरपा दिया. हालांकि इजराइली खिलाड़ियों के साथ भी फिलीस्तीनियों बहुत बुरा किया था. फिलीस्तीनियों ने म्युनिख ओलंपिक के दौरान इजराइल के 11 खिलाड़ियों की हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड को अंजाम दिया था ब्लैक सेंपंटबर नाम के संगठन ने. मोसाद ने इसके एक एक सरगना को दुनिया भर में खोज कर मारा. कहा जाता है कि म्युनिख की घटना के बाद से ही मोसाद को दुनिया भर में अपने नागरिकों की हिफाजत करने का जिम्मा भी दिया गया था. इससे उनके अधिकार और बढ़ गए.
ईरानी परमाणु वैज्ञानिक की हत्या
इसके अलावा मोसाद की हालिया चर्चित कारगुराजियों में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक ब्रिगेडियर जनरल मोहसिन फकरीजादेह की हत्या चार साल पहले 2020 में की थी. लेकिन मोसाद का सबसे चर्चित कारनामा ऑपरेशन थंडर बोल्ट रहा. दरअसल, अरब के आतंकियों ने 94 इजरायली नागरिकों से भरा विमान अगवा कर लिया था. आतंकियों से बातचीत दौरान ही मोसाद ने हमला कर आतंकियों को मार गिराया और अपने नागरिकों को छुड़ा लिया. इसी लड़ाई में राष्ट्रपति बेंजमिन नेतान्हू के भाई की जान भी चली गई थी.
नाजी चुकरुस की हत्या
इसी दौर के आस पास मोसाद ने 1965 में उरुग्वे में लातवियाई नाजी के सहयोगी ह्र्बट चुकरुस की हत्या की थी. इसके अलावा मोसाद ने अपने देश के वैज्ञानिक वनुनु को वापस अपने देश लाकर सजा देने के लिए हनी ट्रैप का भी इस्तेमाल किया था. सिंडी नाम से जानी गई एक महिला ने वनुनु को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया और वापस इजरायल ले आई.
मिग 21 का अपहरण
लेकिन अगर मोसाद के हैरतंगेज कारनामे की बात की जाय तो उसने 1968 में मिग 21 फाइटर की टेक्निक को समझने के लिए उसे एक तरह से अगवा कर लिया था. इस जहाज की टेक्नोलॉजी हासिल कर पाने में सीआईए भी नाकाम हो चुकी थी. हालांकि इसमें मोसाद का एक एजेंट पकड़ा भी गया था.
यासिर अराफात के सहयोगी का कत्ल
फिलीस्तीनी नेता यासिर अराफात के निकट सहयोगी खलील अल वजीर को ट्यूनिसिया में टूरिस्ट बन गए मोसाद एजेंटों ने मार दिया था.
मोसाद का हेडक्वाटर इज़रायल के तेल अवीव-याफो में है. इसकी स्थापना 13 दिसंबर 1949 को हुई थी. देश के पहले प्रधानमंत्री डेविड बेन गुरियन ने इसका गठन किया था. शुरु से ही इसकी बड़ी चुनौती फिलीस्तीनियों से मिली, जिन्हें ये लोग आतंकवादी मानते हैं. लिहाजा इसकी ट्रेनिंग भी उसी स्तर की रही है. एक समय तक इसका नाम “हग्गाना” भी रहा है. फिलहाल इसके मुखिया डेविड बरनिया हैं. ये दुनिया की सबसे उन्नत इंफार्मेशन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल भी करती है.
Tags: Iran news, IsraelFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 12:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed