UP में अखिलेश ने कैसे पलटी बाजी क्या PDA फॉर्मूला रहा हिट जानिये सच्चाई

UP Lok Sabha Election Results 2024: क्या है वो पीडीए फॉर्मूला जिसने बनाया समाजवादी पार्टी को यूपी की राजनीति का बादशाह. अखिलेश यादव ने इस बार माई (मुस्लिम-यादव) से हटकर पीडीए पर फोकस किया जिसका मतलब है, पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक. उनके इस दांव के सामने बीजेपी की सारी रणनीतियां चारों खाने चित हो गईं.

UP में अखिलेश ने कैसे पलटी बाजी क्या PDA फॉर्मूला रहा हिट जानिये सच्चाई
UP Lok Sabha Election Results 2024: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश (यूपी) में समाजवादी पार्टी (SP) ने शानदार प्रदर्शन किया. सपा यूपी में 37 सीटें जीतकर सांसदों की संख्या के मामले में देश भर में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसने यूपी में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को दूसरे नंबर पर धकेल दिया. ये अखिलेश यादव की अगुआई वाली पार्टी के लिए बड़ी कामयाबी है. बीजेपी (240 सीटें ) और कांग्रेस (99 सीटें) के बाद समाजवादी पार्टी तीसरी ऐसी पार्टी होगी जिसके संसद में सबसे ज्यादा सांसद होंगे.  समाजवादी पार्टी के अप्रत्याशित प्रदर्शन से राजनीतिक जानकार भी हैरान हैं. एक्जिट पोल के आंकड़े भी यूपी में बीजेपी को ठीक ठीक पोजीशन में बता रहे थे, लेकिन जब मंगलवार को काउंटिंग शुरू हुई तो माहौल ही बदल गया. इंडिया गठबंधन के प्रदर्शन, खास तौर से समाजवादी पार्टी पर किसी को भी यकीन नहीं हुआ. लेकिन ऐसे क्या कारण रहे कि पिछली बार महज पांच सीटों पर सिमट जाने वाली समाजवादी पार्टी ने ऐसे लोकसभा क्षेत्रों में भी जीत हासिल की, जिनको बीजेपी का गढ़ माना जाता है. अयोध्या भी ऐसी ही एक सीट है, जहां भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाने का बीजेपी के श्रेय लेने के बाद भी समाजवादी पार्टी ने बाजी मार ली.   ये भी पढ़ें- कौन है केरल में 3 सीट जीतने वाली मुस्लिम लीग? क्या है जिन्ना से कनेक्शन अखिलेश ने गढ़ा नया नारा समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जानते थे कि अगर बीजेपी से पार पाना है तो कुछ नया करना होगा. अखिलेश को इसके लिए अपना वोट आधार बढ़ाने की जरूरत थी. पहले समाजवादी पार्टी का नारा होता था एमवाई (मुस्लिम और यादव). लेकिन इस बार उन्होंने एक नया नारा गढ़ा, पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक. गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को 80 में से 62 सीटों पर चुनाव लड़ना था. उसने केवल पांच यादव उम्मीदवार उतारे. ये सभी उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य थे.  कैसे बढ़ाया वोट शेयर समाजवादी पार्टी ने ओबीसी समुदाय से जुड़े 27, मुस्लिम समुदाय के चार, आरक्षित सीटों पर 15 दलित उम्मीदवारों को टिकट दिया. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 11 स्वर्ण जातियों (4 ब्राह्मण, 2 ठाकुर, 2 वैश्य, 1 खत्री) के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. अखिलेश यादव जानते थे कि मुस्लिम और यादव वोटर तो उनके साथ है, लेकिन अगर वोट शेयर को बढ़ाना है तो गैर यादव ओबीसी जातियों का समर्थन हासिल करना होगा. इसके लिए उन्होंने छोटे दलों से हाथ मिलाया. ये भी पढ़ें- Explainer: दक्षिण में कदम रखते ही उत्तर में BJP का आंगन सूना, हिंदी बेल्ट ने कैसे किया ‘खेल’? पीडीए जीत का बड़ा कारण समाजवादी पार्टी का यह पीडीए फैक्टर ही था जिसके सामने बीजेपी के किसी फॉर्मूले या किसी समीकरण की दाल नहीं गली. अखिलेश यादव को पीडीए पर इतना भरोसा था कि उन्होंने चुनाव से पहले ही कह दिया था कि इस बार ज्यादातर दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक (मुसलमान) समुदाय के लोग सपा का का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा था कि इसके सामने बीजेपी की कोई भी चाल काम नहीं आएगी. उन्होंने पहली बार जून, 2023 में पीडीए फॉर्मूले के बारे में सार्वजनिक रूप से बोला था और दावा किया था कि पीडीए ही एनडीए को हराएगा. Tags: 2024 Lok Sabha Elections, Akhilesh yadav, Bhartiya Janata Party, Samajwadi party, UP ElectionFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 19:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed