ललित मोदी जो हमेशा हैरान करते हैं और प्याज के छिलकों की तरह नई परतें खोलते हैं
ललित मोदी जो हमेशा हैरान करते हैं और प्याज के छिलकों की तरह नई परतें खोलते हैं
मोदी बिजनेस घराने से ताल्लुक रखने वाले ललित मोदी को देश में आमतौर पर सुपरहिट आईपीएल के लिए जाना जाता है. ये लीग उन्हीं के दिमाग की उपज है. लेकिन आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप के बाद जब यहां उन पर सरकार का फंदा कसने लगा तो वह लंदन भाग गए. पिछले 12 सालों से वहीं से अपने बिजनेस अंपायर को चला रहे हैं लेकिन ललित मोदी हमेशा किसी ना किसी वजह से चर्चाओं में रहते आए हैं.
हाइलाइट्सन्यूयार्क की पेस यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट मोदी का एकमात्र सफल वेंचर आईपीएल हीआईपीएल में आर्थिक गड़बड़ियों में फंसने के बाद 12साल पहले उन्होंने ब्रिटेन में शरण ली, तब से वहीं वह देश के मशहूर मोदी औद्योगिक घराने के वारिसों में हैं, अक्सर सुर्खियों में रहते हैं
सुपर हिट आईपीएल क्रिकेट लीग की शुरुआत करने वाले ललित मोदी की कहानी ऐसे प्याज की छिलकों की तरह लगती है, जिसकी जितनी परतें खुलती हैं, उतनी नई बातें सामने आती हैं. अबकी बार उन्होंने सुष्मिता सेन के साथ अपने संबंधों की बात भी किसी विस्फोट की ही तरह खोली है. हालांकि जानने वाले कहते हैं कि ललित मोदी बगैर सोचे समझे कुछ नहीं करते, लिहाजा उन्होंने ट्विटर पर अपने संबंधों को लेकर जो धमाका किया, उसकी कोई बड़ी वजह तो होती ही.
हालांकि ललित मोदी को बचपन से जवानी तक जानने वाले लोग ये कहते मिल जाएंगे, वो सीधे रास्तों पर कभी नहीं चले, क्योंकि उन्हें लगता था कि आगे जाने का कोई रास्ता कभी सीधा होता ही नहीं. शायद बचपन से पैसा, राजनीति और अनैतिक आचरणों के मिक्सचर के सफल फार्मूले को वह देख-समझ चुके थे. इसलिए उन्होंने अपना रास्ता बनाया जो विवादों से खासा भरा हुआ था.
ललित मोदी और विवादों का चोली-दामन का रिश्ता है. ललित अगर देश के मशहूर औदयोगिक घराने के वारिसों में हैं तो पर्दे के पीछे उनके संपर्क रसूखदार से सियासी लोगों से अब भी प्रगाढ़ कहे जाते हैं. एक जमाने में अगर वह शरद पवार के खासमखास रहे तो राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा से संबंध जगजाहिर रहे हैं.
कई बिजनेस नाकामी की भेंट चढ़े
विवादों के ही चलते ललित मोदी के तमाम बिजनेस या तो नाकामी की भेंट चढ़ गये या फिर विवादों के बीच बंद हो गए. ललित के पास फिलहाल दो बड़ी कंपनियां हैं, जो उन्हें परिवार से विरासत में मिली हैं, ये हैं सिगरेट बनाने वाली गाडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड और दूसरी है इंडियोफिल आर्गनिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड. न्यूयार्क की पेस यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में ग्रेजुएट मोदी का एकमात्र सफल वेंचर आईपीएल ही कहा जा सकता है अन्यथा उनका ट्रैक रिकॉर्ड बिजनेस शुरू करके बंद करने के नाम रहा है.
ललित मोदी ने सुष्मिता सेन के साथ कई तस्वीरें शेयर की जिससे सभी हैरान रह गए. (Instagram)
ईएसपीएन को भारत में वही लेकर आए थे
1994 के दौरान जब देश में केबल टीवी की शुरुआत हो रही थी, तब मोदी ईएसपीएन को भारत में पांच साल के कांट्रैक्ट पर लेकर आए. उनका मुख्य रोल केबल आपरेटर्स से पैसा इकट्ठा करना था, यही बाद में उनके और ईएसपीएन के बीच बड़े विवाद की भी वजह बना. बाद में ये मामला अदालत तक भी गया. 1997 में ईएसपीएन ने अपनी खुद की डिस्ट्रीब्यूशन टीम खड़ी कर ली.
फैशन टीवी के साथ भी किया था करार
इसके बाद मोदी ने केके मोदी ग्रुप के तहत मोदी इंटरटेनमेंट नेटवर्क नाम की नई कंपनी खड़ी की. ये कंपनी वाल्ट डिस्नी के साथ ज्वाइंट वेंचर में खोली गई थी. बाद में जब सरकार ने डिस्नी को जब देश में अपना खुद का चैनल स्थापित करने को हरी झंडी दी तो दोनों का दस साल का समझौता अपने आप ही टूट गया. बाद में मोदी इंटरटेनमेंट ने फैशन टीवी के साथ करार किया लेकिन इन दोनों के बीच भी विवाद होते देर नहीं लगी. मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा. आखिरकर एफटीवी ने अपने इंडिया आपरेशन से हाथ खींच लिये. फैशन टीवी की कंट्रोलिंग मोदी एंटरटेनमेंट के पास पहुंच गई.
अगर आईपीएल ललित मोदी का ब्रेन चाइल्ड है तो देश में सबसे पहले ईएसपीएल चैनल, फैशन टीवी और डिज्नी चैनल लेकर आने वाले शख्स वही थे.
आनलाइन गैंबलिंग से भी जुड़ा था नाम
मोदी का नाम भारत में आनलाइन गैम्बलिंग और लाटरी इंडस्ट्रीज से भी जुड़ा. जब 2002 में सरकार ने आनलाइन गैंबलिंग इंडस्ट्रीज को हरी झंडी दी तो केके मोदी ग्रुप पहला ग्रुप था, जिसने इस बिजनेस में कदम रखा. 2002 में ही मोदी ने केरल में आनलाइन लाटरी शुरू की. लेकिन प्रतिद्वंद्वी कंपनी प्लेविन ने अदालत जाकर मोदी की लाटरी के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया.
मोदी ने हार नहीं मानी और एक साल बाद उन्होंने फिर केरल में आनलाइन लॉटरी बिजनेस में सनसाइन ब्रांड के नाम से प्रवेश किया. बाद में केरल सरकार ने 2004 में इस पर बैन लगा दिया. इस बिजनेस में बाद में काफी लोगों ने मोदी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए पैसा हड़प जाने का आरोप लगाया. दरअसल उन्होंने केरल में पांच लाख रुपये में 100 लोगों को फ्रेंचाइजी दी, जिनमें किसी का पैसा वापस नहीं मिल पाया.
राजस्थान में भी रियल एस्टेट बिजनेस शुरू किया था
मोदी ने इसके बाद अंबर हैरिटेज सिटी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाकर रियल एस्टेट का बिजनेस शुरू किया, जिसका नाम बाद में बदलकर आनंद हैरिटेज होटल्स कर दिया गया. ये कंपनी राजस्थान में कई हैरिटेज साइट लेने के कारण विवादित हो गई. ये सारे सौदे उस समय हुए थे जब राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया हुआ करती थीं. हालांकि अब प्रवर्तन निदेशालय हैरिटेज होटल में भी फेमा नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा है.
ललित मोदी पहले हिमाचल क्रिकेट संघ में घुसे लेकिन वहां उनका निलंबन हो गया तो उन्होंने राजस्थान क्रिकेट संघ के जरिए आगे बढ़ने का रास्ता बनाया और जल्दी ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड में ताकतवर शख्स बन गए.
पहली हिमाचल क्रिकेट संघ में घुसे फिर राजस्थान पहुंचे
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में घुसने के लिए भी ऐसा लगता है कि उन्होंने सोची समझी रणनीति तैयार की थी. वर्ष 1999 में वह पहले उस हिमाचल क्रिकेट संघ से जुड़े, जिसके पास अपना कोई क्रिकेट मैदान तक नहीं था. तब बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने पर उन्हें अगले ही साल निलंबित कर दिया गया. फिर उन्होंने राजस्थान की ओर कूच किया. वह तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पहुंचे. विवादास्पद तरीके से अध्यक्ष चुने गए.
बीसीसीआई में शरद पवार की जीत लिए चलीं चालें
तब भारतीय क्रिकेट में जगमोहन डालमिया की तूती बोलती थी. कहा जाता है कि ललित ही वह शख्स थे जिन्होंने पर्दे के पीछे से बीसीसीआई में अध्यक्ष पद के लिए शरद पवार की जीत के लिए तमाम चालें चलीं. इसके बाद तो उन्हें पवार का खास बनना ही था. वह बीसीसीआई में उपाध्यक्ष बना दिए गए. महज छह साल में बीसीसीआई में इतना बड़ा सफर कोई बिरला ही कर सकता है.
तब इंडियन क्रिकेट में उनकी तूती बोलने लगी
वह नए दोस्त बना रहे थे तो तरक्की के साथ अपने व्यवहार और स्वयंभू कार्यशैली के कारण दुश्मन भी खड़े कर रहे थे. ये समय ऐसा था जब भारतीय क्रिकेट में उनकी तूती बोलती थी. माना जाता है कि इसी दौरान उन्होंने बीसीसीआई को ऐसे ऐसे मंत्र दिए कि उसकी कमाई कई गुना बढ़ गई. जब उन्होंने अपनी डेढ़-दो साल की मेहनत के बाद इंडियन प्रीमियर लीग लांच की, तो वह ऐसे शख्स लगने लगे, जिसका कोई विकल्प ही नहीं था. सफलता की बुलंदियों पर पहुंचने के बाद उतनी ही तेजी से उनका पतन हुआ.
थरूर से विवाद ले डूबा
उन्होंने आईपीएल के लिए मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को आईपीएल का 425 करोड़ का ठेका दिया था, जिसमें उनपर 125 करोड़ कमीशन लेने का आरोप लगा. यही नहीं, ललित मोदी पर आरोप लगा कि उन्होंने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए. कोच्चि टीम की नीलामी और प्रवर्तकों की जानकारी ट्विटर पर साझा करने पर भारी विवाद हुआ. इसमें एक ओर शशि थरूर को यूपीए सरकार से इस्तीफा देना पड़ा तो ललित मोदी के भी उल्टे दिन शुरू हो गए.
अब आलीशान तरीके से ब्रिटेन में रहते हैं
साल 2010 में ही आईपीएल के बाद ललित मोदी को आईपीएल कमिश्नर के पद से निलंबित कर दिया गया. गड़बड़ी के आरोपों के बाद ललित मोदी ब्रिटेन चले गए थे तब से वो वहीं रह रहे हैं. पिछले 12 सालों से वह लंदन की बेहद मंहगी जगह पर आलीशान तरीके से रह रहे हैं.
वहीं से अपने बिजनेस अंपायर को संभालते हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी के खिलाफ नोटिस जारी किया हुआ है. कई बार उन्हें प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने को कहा गया लेकिन वह कभी भारत नहीं आए. इसके पीछे उनका हमेशा एक ही तर्क होता है कि भारत में अंडरवर्ल्ड से उनकी जान को खतरा है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: IPL, Lalit modi, Sushmita senFIRST PUBLISHED : July 15, 2022, 13:39 IST