कभी इंडस्ट्री का राजा था कोलकाता क्यों हुआ बदहाल 1-1 कर बंद हुईं फैक्ट्रियां

Britannia factory: कोलकाता एक समय में बिजनेस का बहुत बड़ा गढ़ बन गया था. तकरीबन सारी बड़ी कंपनियां यहां अपनी फैक्ट्रियां और ऑफिस खोलने लगी थीं. लेकिन फिर वो दौर आया जब यहां कल कारखाने धड़ाधड़ बंद होने लगे. उसी कड़ी में ताजा घटना ब्रिटानिया फैक्टी बंद होना है. यह कंपनी 1947 में खोली गई थी.

कभी इंडस्ट्री का राजा था कोलकाता क्यों हुआ बदहाल 1-1 कर बंद हुईं फैक्ट्रियां
कोलकाता (पहले कलकत्ता) शहर अंग्रेजों ने 1690 में बसाया था. तब कोलकाता में केवल छोटे-छोटे गांव थे. उस समय मुर्शिदाबाद ज्यादा बड़ा शहर हुआ करता था. लेकिन जब ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में आई तो कोलकाता का रंग बदलने लगा. ईस्ट इंडिया कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी जॉब चारनॉक ने हुगली शहर से 24 किमी दूर सूतानाटी में एक कारखाना स्थापित किया. तब तक डच (नीदरलैंड्स) और फ्रांसीसी भी आसपास आपने व्यापार केंद्र खोल चुके थे. सूतानाटी में कारखाना स्थापित करने के बाद अंग्रेजों ने न केवल सूतानाटी बल्कि कालीकाता और गोविंदपुरी के जमींदारी अधिकार खरीद लिए थे. इन तीनों गांवों का नक्शा बदलने लगा. इनको सामूहिक तौर पर कलकत्ता कहा जाने लगा था.  1700 में कोलकाता बंगाल प्रेसीडेंसी की राजधानी बन गया. कोलकाता वो शहर था, जहां अंग्रेजों के बड़े-बड़े जहाज लगे होते थे. ये व्यापार का बड़ा केंद्र  बन गया. हजारों टन माल आने और जाने लगा. समुद्र में फोर्ट विलियम के सामने अंग्रेजों के जहाज लंगर डाले रहते थे. मुगल सम्राट अकबर के समय में ही अंग्रेजों ने भारत से व्यापारिक संबंध स्थापित कर लिए थे. इसी दौरान अंग्रेजों ने तत्कालीन मुगल बादशाह फर्रुखसियर से बंगाल में चुंगी का अधिकार हासिल कर लिया.  ये भी पढ़ें– Explainer: लोकसभा को 10 साल बाद मिलेगा नेता प्रतिपक्ष, जानें कब बना था यह पद, कौन था पहला LoP जब कोलकाता था बिजनेस सेंटर इसके बाद तो कोलकाता का वैभव और बढ़ने लगा. लोग अब रोजगार की तलाश में यहां आने लगे. 1735 में यहां की आबादी एक लाख हो गई जो उस समय के लिहाज से बहुत बड़ी बात थी. उस समय शायद ही देश में कोई शहर इतना बड़ा था. समय के साथ जब अंग्रेज भारत में और मजबूत हुए तो कोलकाता व्यापार के साथ सत्ता का भी केंद्र बन गया. वारेन हैस्टिंग्स  को 1773 में बंगाल का गर्वनर बना दिया गया. इस तरह कोलकाता पूरे अंग्रेजी साम्राज्य की राजधानी बन गया. उसके बाद  तकरीबन सारी बड़ी कंपनियां यहां फैक्ट्रियां और आफिस खोलने लगीं चाहे वो देशी हो विदेशी. एक तरह से यह शहर भारत की व्यवसायिक राजधानी बन गया.  ब्रिटानिया ने अपनी फैक्ट्री बंद की कोलकाता या बंगाल में कंपनियां और फैक्ट्रियां बंद होने का सिलसिला तो लंबे समय से चल रहा है. माना जाता है कि राज्य में 50 हजार से कारखाने अब तक बंद हो चुके हैं. हाल ही में एफएमसीजी की दिग्गज कंपनी ब्रिटानिया ने कोलकाता के ताराताला इलाके में अपनी फैक्ट्री बंद करने का फैसला लिया है. यह फैक्ट्री आजादी के समय 1947 में खोली गई थी. यह ब्रिटानिया की सबसे पुरानी प्रोडक्शन यूनिट थी. ब्रिटानिया को उसके बिस्कुट ब्रांड गुडडे और मारीगोल्ड के लिए जाना जाता है. इस ऐतिहासिक फैक्ट्री में काम करने वाले सभी स्थायी कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली है. इसलिए यह बंद होने से किसी कर्मचारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. न ही कंपनी के बिजनेस पर कोई असर होगा.   ये भी पढ़ें– कौन है हिंदुजा फैमिली? भारत से गए ब्रिटेन, अब वहां सबसे रईस; जानिए किस मामले में गए जेल कैसे गिरा बंगाल में औद्योगिक ग्राफ 1850 के बाद कोलकाता के औद्योगिक विकास में और तेजी आई. बंगाल की जूट मिलें बिहार और उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों को रोजगार मुहैया कराते थे. इस राज्य में खासकर टेक्सटाइल सेक्टर ने काफी तरक्की की. लेकिन वही कोलकाता पिछले पांच दशकों में औद्योगिक विकास में पिछड़ता चला गया. हुगली के किनारे बसी लगभग करीब 400 जूट मिलों में से आधी से ज्यादा बंद हो चुकी हैं. इस तरह बंगाल की औद्योगिक ग्राफ भी लगातार गिरता चला गया.  वाममोर्चा सरकार में पिछड़ा राज्य रही सही कसर बंगाल में वाममोर्चा के शासन ने पूरी कर दी. वाममोर्चा के लंबे शासन में बंगाल में लगभग 60 हजार कारखाने बंद हो गए. कर्मचारियों के हक के लिए बनी यूनियनों ने भी खासा नुकसान किया. फैक्ट्रियों के प्रबंधन के साथ उनका 36 का आंकड़ा चलता था जिसकी वजह से काम भी प्रभावित होता था. इसलिए ज्यादातर उद्योगपति यहां कारखाना चलाने से बचने लगे. कारखाने बंद होने से लगभग सात-आठ लाख कर्मचारियों की रोजी रोटी छिन गई. ममता बनर्जी की सरकार आने के बाद बंद कारखाने तो नहीं खुल सके, बल्कि जो चल रहे थे वो एक-एक कर बंद होते चले गए. Tags: Bengal news, CM Mamata Banerjee, Indian FMCG industry, Kolkata NewsFIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 14:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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