जानिए मक्का हर साल कैसे करता है लाखों हज यात्रियों का प्रबंधन
जानिए मक्का हर साल कैसे करता है लाखों हज यात्रियों का प्रबंधन
मक्का में सालाना हज हो चुका है. ये इस महीने के शुरू हुए. दरअसल पिछले दो साल कोविड के असर के कारण हज यात्रा को बहुत सीमित कर दिया गया था. इस साल उसके बाद इसे पहली बार सभी के लिए खोल दिया गया. 06 से 09 जुलाई तक मक्का के इस हज में दुनियाभर से 10 लाख लोग पहुंचे. इतने लोगों का आना-जाना, ठहरना और फिर हज के धार्मिक कार्यकलाप में शिरकत करना कैसे होता है. ये मैनेजमेंट कोई आसान नहीं है.
कोविड से प्रभावित दुनिया अब धीरे धीरे उसके सबसे खराब दौर से उबर रही है. इसका असर सऊदी अरब में हर साल होने वाली हज यात्रा पर भी पड़ा लेकिन इस बार जब हज हुआ तो ये दो सालों बाद फिर चहल पहल से भरा हुआ था. इसमें 10 लाख लोगों ने शिरकत की, जिसमें 8.5 लाख लोग दूसरे देशों से गए थे. वैसे ये सालाना धार्मिक आयोजन सऊदी अरब की इकोनामी को मजबूत बढ़त भी देता है. लेकिन ये बात भी सोचने की है जब कुछ तय दिनों के लिए दुनियाभर से लाखों लोग उस शहर में उमड़ आते हैं, जहां की कुल आबादी ही बमुश्किल 20 लाख हो. कैसे तब ये शहर इतने लोगों का इतंजाम कर पाता होगा.
हर साल मुस्लिमों की हज यात्रा के दौरान लाखों लोग मक्का पहुंचते हैं और वहां रीति रिवाजों के हिसाब से तीर्थ यात्रा पूरी करते हैं. सऊदी अरब द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक इस बार वहां 10 लाख लोग पहुंचे. जिसमें करीब 60,000 लोग भारत से गए. हालांकि 2018 में यहां 20 लाख लोग पहुंचे थे तो 2017 में कुल साढ़े 23 लाख से ज़्यादा लोग हज के लिए जुटे थे. ऐसे में ये जानना दिलचस्प है कि लाखों लोगों के लिए भोजन, ठहरने, सुरक्षा और देखभाल के तमाम इंतज़ाम कैसे होते हैं और किसकी क्या भूमिका होती है. इस बार ये कैसे हुआ.
सऊदी अरब सरकार का हज और उमरा मंत्रालय हज के सालाना तीर्थाटन का पूरा ज़िम्मा लेता है. हर साल यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या के मद्देनज़र बेहतर इंतज़ाम करने की चुनौतियां बनी हुई हैं. कुछ लोग हर बार इंतज़ामों को लेकर नाखुशी ज़ाहिर करते हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां लाखों लोगों के लिए इंतज़ाम करने का बीड़ा उठाया जाता है. यात्रियों के रुकने के लिए अस्थायी टेंटों की व्यवस्था की जाती है. भोजन के लिए यहां कई तरह के अस्थायी स्टॉल, भोजनशालाएं और ग़रीबों के लिए भोजन वितरण की व्यवस्था की जाती है. वैसे इस बार जिस तरह ठहरने के साथ बाकि सारे इंतजाम हुए, उसकी मुस्लिम जगत ने तारीफ की है.
हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए सऊदी अरब सरकार ने तकनीक के इस्तेमाल पर भी ज़ोर देना शुरू किया है. 2018 में हाजियों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए ई-ब्रेसलेट सुविधा शुरू की थी और साथ ही, तकनीकी सुविधाओं के बारे में जागरूकता के लिए जेद्दा में हज हैकेथॉन का आयोजन किया गया था. इसके अलावा, सऊदी अरब भारी सुरक्षा बल और सीसीटीवी कैमरे भी तैनात करता है.
हज यात्रियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के मद्देनज़र मक्का और उसके रूट पर कई तरह के मेडिकल सुविधा कैंप होते हैं. सऊदी अरब के अलावा, भारत समेत कई देशों की सरकारें अपने स्तर पर वहां हेल्थ सर्विस कैंप का इंतज़ाम भी करती हैं. इसके अलावा, फ्लाइट्स को लेकर भी कई तरह की रियायतों के साथ, विशेष इंतज़ाम किए जाते हैं. विभिन्न देशों में सरकारी व्यवस्था के साथ ही, प्राइवेट स्तर पर भी हज पैकेज मुहैया करवाए जाते हैं.
भारत में हज कमेटी सरकारी मदद से हज यात्रा का प्रबंधन मुख्य रूप से करती है. देश के हज यात्रियों को भारत सरकार से सब्सिडी मिलती रही है. वहीं, विदेश मंत्रालय, हज कमेटी और जेद्दा स्थित कॉंसुलेट जनरल के परामर्श के साथ हज यात्रा के लिए प्रबंध करता है. विदेश मंत्रालय हर साल 500 से ज़्यादा अधिकारियों व कर्मचारियों को डेपुटेशन पर भेजता है, जो हज यात्रियों की सहायता के लिए सऊदी अरब में मौजूद रहते हैं.
एक आंकड़े के मुताबिक हज यात्रियों की सुविधाओं के लिए 1950 से सऊदी अरब सरकार 100 बिलियन डॉलर से ज़्यादा खर्च कर चुकी है. अब तो खैर हज यात्रियों के यातायात, ठहरने, सेनिटेशन, सुविधाओं और तमाम इंतजामों के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया जाने लगा है. कई एप लगातार हज यात्रियों को हर सूचना देने के साथ उनकी व्यक्तिगत समस्याओं को देखने का काम करते हैं.
वैसे मक्का में हज की तैयारियां सालभर ही चलती रहती हैं. एक बार सालाना हज खत्म होने के बाद सफाई और दूसरी व्यवस्थाएं शुरू होती हैं. इसके बाद हज मंत्रालय अगले हज के लिए तैयारियां शुरू कर देता है. बड़े पैमाने पर हज के दौरान सफाई कर्मचारियों से लेकर तमाम कर्मचारी नियुक्त किए जाते हैं. जो सऊदी अरब से लेकर दूसरे देशों से आते हैं. वैसे ये बात तो तय है कि जब दस लाख या उससे ज्यादा लोग किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने आ रहे हों तो यातायात से लेकर ठहरना, खाना-पीना, सेनिटेशन और दूसरे सभी अरेंजमेंट्स के साथ सुरक्षा का पहलू भी जबरदस्त दबाव में रहता है. इसे कर पाना आसान तो कतई नहीं होता. इसके लिए बहुत बेहतरीन प्रबंधन की जरूरत होती है.
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Tags: Haj Committee of India, Haj yatra, Haj Yatri, Saudi arabiaFIRST PUBLISHED : July 26, 2022, 12:41 IST