Explainer: कैसे चुनावों में कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक में चला परिवारवाद
Explainer: कैसे चुनावों में कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक में चला परिवारवाद
Loksabha Result2024 : इस लोकसभा चुनाव में परिवारवाद भी एक बड़ा मुद्दा था. कई नेताओं ने अपने भाषणों में इसे कोसा. मजे कि बात है कि परिवारवाद को कोसने वाली पार्टियों ने भी सियासी घराने के लोगों को टिकट दिए.
हाइलाइट्स लोकसभा चुनावों में 80 सियासी परिवारों से 43 प्रत्याशी जीते सबसे ज्यादा 18 ऐसे प्रत्याशी कांग्रेस से जीते तो 12 बीजेपी से महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा परिवार के लोगों ने लड़ा चुनाव
इस बार के चुनावों में एक बड़ा मुद्दा परिवारवाद भी था, जो नेताओं के भाषणों में छाया रहा. जो पार्टियां परिवारवाद का विरोध करती हैं, उन्होंने सियासी घराने के प्रत्याशी खड़े किए और दूसरी पार्टियों ने भी. करीब 80 ऐसे सियासी परिवारों ने इस चुनावों में शिरकत की. जिसमें 43 ने चुनाव जीता. इसमें 18 ने कांग्रेस से जीता तो 12 ने बीजेपी से जीत हासिल की.
राष्ट्रीय अंग्रेजी समाचार पत्र हिंदू ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट में सियासी घराने या सियासी परिवार उनको कहा गया है, जिनके परिवार से पहले भी लोग सांसद या विधायक रह चुके हैं. ऐसे सियासी परिवार के भाई-बहन, माता-पिता, चाचा, चाची, दादा-दादी, पति या पत्नी आदि को इस चुनावों में तकरीबन सभी सियासी पार्टियों ने टिकट दिया. ये सभी सियासी परिवार ऐसे हैं, जिनसे जुड़े विधान सभा या परिषद, लोकसभा, राज्यसभा का हिस्सा रहे या हैं या मंत्री पद पर रह चुके हैं या हैं.
इनमें जो प्रमुख दल शामिल थे, उसमें 25 से 45 वर्ष के आयु के उम्मीदवार शामिल हैं और जिन पार्टियों ने टिकट दिया, उसमें बीजेपी, कांग्रेस, आप, एआईटीसी, बीजेडी, डीएमके, जेडी(एस), जेडी(यू), एलजेपी(आरवी), एनसीपी(एसपी), आरजेडी, शिवसेना, शिवसेना (यूबीटी), टीडीपी, वाईएसआरसीपी सभी शामिल हैं.
कांग्रेस और बीजेपी से चुनाव में उतरे सियासी घराने
कांग्रेस ने 35 सियासी घरानों से जुड़े लोगों को टिकट दिया, उसमें 18 लोग जीते और 17 को हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी ने 23 ऐसे परिवार के लोगों को टिकट दिया, जिसमें 12 जीते और 11 हार गए. बीजेडी ने ऐसे 04 लोगों को टिकट और सभी हार गए. लोक जनशक्ति पार्टी ने 03 सियासी परिवारों को टिकट दिया और सभी तीन जीते. तेलुगुदेशम के साथ भी यही रहा यानि 03 सियासी परिवार और तीनों जीते. शिवसेना ने दो परिवार के लोगों को चुनाव लड़ाया और दोनो पर जीत गए. कांग्रेस ने इस बार 35 राजनीति परिवारों से 35 लोगों को चुनाव टिकट दिया, जिसमें 18 लोग जीते.
लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने परिवार के 5 सदस्यों को चुनाव मैदान में उतारा था. खुद भी और पत्नी डिंपल यादव सहित 3 चचेरे भाइयों को भी चुनाव लड़ाया. यादव परिवार के सभी 5 चेहरे चुनाव जीतने में सफल हो गए हैं. अब लोकसभा संसद में यादव परिवार के सभी 5 नेता एक साथ नजर आएंगे.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सुब्रत पाठक को 1,70000 वोटों से हराया. उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मैनपुरी में योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह को करीब 2,21000 वोटों से करारी शिकस्त दी. धर्मेंद्र यादव ने आजमगढ़ से बीजेपी के प्रत्याशी भोजपुरी अभिनेता दिनेश लाल उर्फ निरहुआ 1.5 लाख से ज्यादा वोटों से हराया. अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनाव जीते. चाचा शिवपाल सिंह यादव के आदित्य यादव बदायूं से जीते
लालू यादव की बेटी और पासवान के बेटे
उल्लेखनीय उम्मीदवारों में आरजेडी के फाउंडर और पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य भी शामिल हैं, जो सारण सीट से हार गईं. लेकिन उनकी दूसरी बेटी मीसा भारती ने पाटलीपुत्र से चुनाव जीत लिया. उन्होंने बीजेपी के रामकृपाल यादव को हराया.
लोजपा (रालोद) पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान हाजीपुर (सु) सीट से जीते. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने नई दिल्ली सीट से जीत हासिल की. कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के पुत्र करण भूषण सिंह विजयी हुए.
तीन बार के भाजपा विधायक एल.ए. रवि सुब्रमण्यम के भतीजे तेजस्वी सूर्या ने बेंगलुरु दक्षिण सीट से जीत हासिल की. निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद के बेटे प्रवीण कुमार निषाद संत कबीर नगर सीट से हार गए. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी चुनाव जीत गए. (फाइल फोटो)
शिंदे के बेटे और ममता बनर्जी के भतीजे
महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के पुत्र डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे कल्याण सीट से विजयी हुए. पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री और एआईटीसी नेता ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने डायमंड हार्बर सीट से जीत हासिल की. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ए.के. एंटनी के बेटे अनिल के. एंटनी पठानमथिट्टा सीट से चुनाव हार गए. वह बीजेपी के टिकट पर चुनावों में खड़े हुए थे.
देवेगौडा के पोते रेवन्ना
हासन निर्वाचन क्षेत्र से जेडी (एस) के उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना चुनाव में हार गए. पूर्व प्रधानमंत्री और जेडी (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा के पोते ने कई महिलाओं द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाए जाने के बाद सुर्खियां बटोरीं. इन आरोपों के लिए वह वर्तमान में विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच का सामना कर रहे हैं. देवेगौडा परिवार प्रधानमंत्री मोदी के साथ(PTI)
हालांकि देवेगौड़ा परिवार में उनके बेटे और जेडीएस के प्रमुख कुमारस्वामी चुनाव जीत गए हैं. उनके दामाद मंजूनाथ बेंगलुरु देहात सीट से जीते.
ऐसे सबसे ज्यादा उम्मीदवार किस राज्य से
इसमें सबसे ज्यादा उम्मीदवार महाराष्ट्र से चुनाव मैदान में थे. इस प्रदेश ने 13 सियासी परिवारों के उम्मीदवारों को मैदान में देखा. 08 जीते और 05 हारे. कर्नाटक इस मामले में दूसरे नंबर पर रहा, जहां 11 सियासी घरानों से 06 प्रत्याशी जीते और 05 हारे. बिहार में 09 परिवारों के प्रत्याशी खड़े हुए औऱ 05 जीते तो 04 हारे. ओडिशा में 06 परिवारों से दो जीते और 04 हारे. आंध्र में 05 सियासी परिवारों से खड़े प्रत्याशियों में 4 जीते और एक की हार हो गई. उत्तर प्रदेश में 05 सियासी परिवारों ने चुनावों में शिरकत की और 03 जीते तो दो हारे.
पूरे भारत में सियासी वंशवादी परिवार हैं. बेशक इसमें सभी पार्टियां शामिल हैं.
नेहरू-गांधी परिवार
नेहरू-गांधी परिवार का कांग्रेस पार्टी से जुड़ाव 1920 के दशक में मोतीलाल नेहरू के साथ शुरू हुआ , जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य था. उनके बेटे जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में परिवार अधिक प्रभावशाली हो गया. वह देश के पहले प्रधानमंत्री बने तो उसके बाद परिवार की बेटी इंदिरा गांधी पीएम बनीं. फिर राजीव गांधी पीएम बने. इस परिवार से इस बार राहुल गांधी रायबरेली और वायनाड दोनों चुनाव क्षेत्रों से जीते.
मौजूदा दौर में कौन है देश का सबसे बड़ा सियासी परिवार
देश के इस सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे से कुल 13 लोग हैं. जिसमें मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, डिंपल यादव, शिवपाल यादव, राम गोपाल यादव, अंशुल यादव, प्रेमलता यादव, अरविंद यादव, तेज प्रताप सिंह यादव, सरला यादव, अंकुर यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव शामिल हैं. जिसमें पांच लोगों ने इस चुनावों में हिस्सा लिया.
Tags: 2024 Loksabha Election, Loksabha Election 2024FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 17:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed