9 दिनों तक पूरी दुनिया में गूंजती रही गड़गड़ाहट हिलती रही धरती क्या था रहस्य

दरअसल पिछले साल सितंबर के समय पूरी दुनिया में एक गड़गड़ाहट की आवाज पूरी दुनिया में गूंज रही थी. हम बेशक इसको नहीं सुन पाए हों लेकिन साइंटिस्ट उपकरणों ने इसे बखूबी दर्ज किया.

9 दिनों तक पूरी दुनिया में गूंजती रही गड़गड़ाहट हिलती रही धरती क्या था रहस्य
हाइलाइट्स इसे "यूएसओ" यानि अननोन सिस्मिक आब्जेक्ट यानि अज्ञात भूकंपीय वस्तु माना गया फिर 09 दिनों बाद पता लगा कि आवाज का स्रोत दरअसल क्या है ऐसा संकेत दुनिया में पहले कभी नहीं देखा गया, जो हर दर्ज किया गया पिछले साल दुनिया में एक ऐसी चीज हुई जो कभी नहीं हुई थी. एक रहस्यमय आवाज पूरी दुनिया में गूंज रही थी. हर वैज्ञानिक उपकरण पर इसे दर्ज किया जा रहा था. वैज्ञानिक हैरान थे, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं लग रहा था कि ये आवाज कहां से और कैसे आ रही है. इसी वजह से उन्होंने ये माना कि ये आवाज एलियंस की वजह से हो रही है. इसे नाम ही दे दिया गया – यूएसओ..यानि अनआइडेंटिफाइड सिस्मिक आब्जेक्ट्स, जैसा वैज्ञानिक आकाश में दिखने वाली उड़नतश्तरियों के लिए करते रहे हैं और उनसे सालों से कहा जाता है -यूएफओ. हालांकि बाद में साइटिस्ट को पता लग गया कि इसकी वजह क्या थी लेकिन 09 दिनों तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक अंधेरे में थे कि ये हो क्या रहा है. क्यों ये आवाज आ रही है, कहां से आ रही है और सबसे बड़ी बात कि लगातार आ रही है. बाद में पता लगा कि ये आवाज ग्रीनलैंड के पूर्वी छोर पर बने एक फ्योर्ड से आ रही है. अब ये भी सवाल हो सकता है कि ये फ्योर्ड क्या होता है. क्या होता है फ्योर्ड भूगोल में फ्योर्ड या फिओर्ड एक लंबा, संकरा समुद्रीप्रवेश द्वार होता है, जिसके किनारे चट्टानें खड़ी होती हैं. जो किसी ग्लेशियर, अंटार्कटिका,आर्कटिक और उत्तरी या दक्षिणी गोलार्ध के आसपास के भूभाग के तटों पर हो सकता है. एक सच्चा फ्योर्ड तब बनता है जब एक ग्लेशियर घर्षण से यू-आकार की घाटी को काटता है. समुद्र में बाढ़ आने पर ऐसी घाटियां फ्योर्ड बन जाती हैं. जब ये आवाज तीसरे दिन भी जारी रही तो दुनियाभर में वैज्ञानिकों का माथा ठनका कि ये क्या हो रहा है. फिर उन्होंने आपस में पूछना शुरू किया कि इसके पीछे वजह क्या हो सकती है. (image generated by leonardo ai) ग्रीनलैंड में रॉकस्लाइड से पैदा हुआ बड़ा कंपन साइंस जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन में कहा गया कि ये आवाज ग्रीनलैंड के रॉकस्लाइड के कारण डिक्सन फ्योर्ड में तरंगों द्वारा उत्पन्न हुआ. जो ग्रीनलैंड के पूर्वी छोर पर है. इसके कंपन से ऐसी आवाज निकलने लगी, जो पूरी दुनिया में सुनाई पड़ी. ग्लेशियर टूटा और पैदा हुई भूकंपीय तरंगें दरअसल यहां जो ग्लेशियर मौजूद था, उसकी मोटाई दशकों में लगातार तेजी से घट रही थी, इससे पहाड़ का सहारा कमज़ोर हो गया. जब पहाड़ ढहा तो इसने पृथ्वी में कंपन पैदा किया, इससे ग्रह हिला. भूकंपीय तरंगें पैदा हुईं. इन तरंगों की आवाज को दुनियाभर में महसूस किया गया. क्या होता है पर्माफ्रास्ट, जिसकी भी भूमिका  इस घटना की वजह भी जलवायु बदलाव से जुड़ा माना जाना चाहिए. जैसे-जैसे ग्लेशियर पतले होते जा रहे हैं, वैसे वैसे पर्माफ्रॉस्ट गर्म होता जा रहा है. पर्माफ्रॉस्ट वो जमीन होती है जो सालों से बर्फ के घुलमिलकर जमीं होती है. ये खासकर आर्कटिक, अंटार्कटिका और ऊंचे पहाड़ों में पाई जाती है. इसकी वजह से ध्रुवीय क्षेत्रों में भूस्खलन और सुनामी की घटनाएं आम होती जा रही हैं. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे ग्रह गर्म होता जाएगा, हमें ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं और भी देखने को मिलेंगी. ये है वो जगह जो ग्रीनलैंड के पूर्वी छोर पर है. यहां जब ग्लेशियर टूटा तो उसके साथ डेढ़ मील की चट्टान भी टूटकर समुद्र में आ गिरी. फिर इससे जो प्रभाव पैदा हुआ, उससे पूरी दुनिया में रहस्यमयी आवाज गूंजने लगी. (courtesy – Soren Ryesgaard) नौ दिनों तक जारी रही गड़गड़ाहट पिछले साल सितंबर के मध्य में जब दुनिया में अजीबोगरीब गड़गड़ाहट का पता चला, तब दुनियाभर के वैज्ञानिक स्टेशनों पर एक अजीब भूकंपीय संकेत दिखाई देने लगा. हालांकि ये भूकंप की व्यस्त लहरों जैसा नहीं लग रहा था. एक दिन बीता, धीमी गति से कंपन गूंज रहा था. जब ये तीसरे दिन भी जारी रहा, तो दुनिया भर के वैज्ञानिक आपस में बात करने लगे कि आखिर जमीन में ये गड़गड़ाहट क्यों हो रही है. साइंटिस्ट समझ नहीं पाए क्यों आ रही ये आवाज वैज्ञानिकों को इसकी कोई वजह समझ में नहीं आ रही थी. कुछ साइंटिस्ट ने तो इसे एलियन घटना से जोड़कर इसे “अज्ञात भूकंपीय वस्तु” या यूएसओ नाम दे दिया. खैर नौ दिनों बाद कंपन काफी हद तक कम हो गया लेकिन यूएसओ का रहस्य बहुत लंबे समय तक बना रहा. अब जाकर सुलझी ये पहेली अब जाकर ये पहेली सुलझी है. साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, इस मामले को सुलझाने के लिए 15 अलग-अलग देशों के करीब 70 साइंटिस्ट ने 8,000 से अधिक संदेशों का आदान-प्रदान किया. तो ये था इस रहस्यमयी आवाज का स्रोत फिर खोजते खोजते इसका स्रोत पता लगा, जो पूर्वी ग्रीनलैंड में था., वहां ग्लेशियर के गिरने से ऐसे विशाल भूस्खलन का जन्म हुआ. इसमें करीब डेढ़ मील का पहाड़ का टुकड़ा. फिर इसमें से इतना मलबा और बर्फ निकली कि उससे 10,000 ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल को भरे जा सकते थे. और ये सब कुछ काफी दूर तक फैला. जो टुकड़ा टूटा वह डिक्सन फ्योर्ड में गिरा, जिससे 650-फुट ऊंची सुनामी आई. दुनिया की सबसे ऊंची सुनामी. ऐसी सुनामी आज तक कभी नहीं आई. इससे बहुत नुकसान भी हुआ. दुनिया में ऐसी घटनाएं क्या और होंगी फिर फ्योर्ड में ऐसी मेगा-सुनामी लहरें बनीं जो वहां आगे पीछे चलने लगीं, पानी में यह लयबद्ध कंपन. इसने वैश्विक स्तर पर भूकंपीय तरंगों को प्रभावित किया, इसी वजह से पृथ्वी 09 दिनों तक हिलती रही और आवाज होती रही. फिर ये खत्म हो गई.लेकिन माना जा रहा है कि अब दुनिया में ऐसी घटनाएं और होंगी. Tags: Bizarre news, Bizarre story, Earthquake News, OMG News, Science factsFIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 11:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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