Explainer :क्या है UPSC IITIIM में दिव्यांग कोटापेपर के समय व उम्र में छूट

ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के विकलांग कोटा के जरिए यूपीएससी एग्जाम में सेलेक्ट होने के बाद यूपीएससी एग्जाम के विकलांग कोटे पर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल देश के जितने भी प्रीमियम इंस्टीट्यूट्स हैं, उन सभी में विकलांग कोटे के तहत दाखिला मिलता है.

Explainer :क्या है UPSC IITIIM में दिव्यांग कोटापेपर के समय व उम्र में छूट
हाइलाइट्स विकलांगता सर्टिफिकेट सक्षम अफसर सर्टीफाई करके देता है UPSC exam में एक घंटे की छूट और 09 प्रयास भी मिलते हैं किसी भी तरह की विकलांगता 40 फीसदी या ज्यादा होनी चाहिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में दिव्यांग व्यक्तियों का आरक्षण बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया गया है. ये कानून चूंकि देश के सभी प्रीमियम सरकारी शिक्षा संस्थानों और नौकरियों पर लागू होता है, लिहाजा इसके लिए दिव्यांगजनों को आगे बढ़ने का अवसर भी हासिल होता है लेकिन अक्सर इस कानून की आड़ में कई बार लोग गलत तरीके से फायदा उठा लेते हैं. जैसा अब तक आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के मामले में नजर आ रहा है. हम यहां जानेंगे कि किस जगह ये आरक्षण कोटा कितना है और उसमें क्या मापदंड हैं. क्या उसके नियम हैं. उससे पहले एक बार ये देख लेते हैं कि देश के किस प्रीमियम इंस्टीट्यूट में कितना आरक्षण है – आईआईटी में 04 फीसदी – एनआईटी में 05 फीसदी – आईआईएम में 05 फीसदी – यूपीएससी में 04 फीसदी यूपीएससी में कितना पीडब्ल्यूडी कोटा यूपीएससी दिव्यांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए कुल रिक्तियों की 4 फीसदी जगह आरक्षित रखता है, लेकिन इसमें कई बार ऐसे लोग इस कोटे से सेलेक्ट हो गए, जिन्हें लेकर अब तक सवाल उठते रहे हैं. इसके लिए एक प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, जिसे तय प्राधिकारी द्वारा सत्यापित कर सकता है, अगर इसमें कोई 40 फीसदी या अधिक विकलांगता वाला उम्मीदवार है, तो वो यूपीएससी में पीडब्ल्यूडी कोटा का पात्र माना जाता है. किस तरह की विकलांगता पर विचार होता है PwD कोटा के लिए तीन प्रकार की विकलांगताओं पर विचार किया जाता है: – अंधापन और कम दृष्टि (3 रिक्तियां) – बहरा और कम सुनाई देता है (9 रिक्तियां) – सेरेब्रल पाल्सी, ठीक हुए कुष्ठ रोग, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित लोकोमोटर विकलांगता (8 रिक्तियां) बहु-विकलांगता वाले उम्मीदवारों के लिए भी 4 रिक्तियां आरक्षित होती हैं, हालांकि इन रिक्तियों की संख्या घट और बढ़ भी सकती हैं. पूजा खेडकर आंखों के विकार से जुड़ी विकलांगता को वजह बताते हुए दिव्यांग कोटे से चुनकर आईएएस ट्रेनी बनकर काम कर रही थीं. इसकी प्रक्रिया कैसे होती है – पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले पीडब्ल्यूडी उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं. – पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को आवेदन प्रक्रिया के दौरान मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र अपलोड करना जरूरी होता है. – पीडब्ल्यूडी श्रेणी के तहत यूपीएससी के लिए अंतिम चयन सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में उम्मीदवार के प्रदर्शन पर आधारित होता है. ज्यादा समय मिलता है और उम्र में छूट भी – यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में दिव्यांग उम्मीदवारों को प्रत्येक पेपर के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलता है. – PwD उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट दी जाती है. – पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा के लिए 9 प्रयास तक कर सकते हैं. की अनुमति है, एससी/एसटी उम्मीदवारों को छोड़कर जिनके पास असीमित संख्या में प्रयास हैं. आईआईटी में कितनी सीटें भारत में आईआईटी और अन्य प्रीमियम इंजीनियरिंग संस्थानों में विकलांगता/विकलांगता कोटा कुल सीटों का 5 फीसदी है, जिसमें जेईई मेन के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दिया जाता है. – राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में पीडब्ल्यूडी कोटा की 50% सीटें गृह राज्य के उम्मीदवारों के लिए और 50% अन्य राज्य के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होती हैं. – ट्रिपल आईटी यानि आईआईआईटी और जीएफटीआई में प्रवेश अखिल भारतीय कोटा, गृह राज्य कोटा और अन्य राज्य कोटा पर आधारित होते हैं, जिसमें 5% पीडब्ल्यूडी आरक्षण शामिल है. राज्य इंजीनियरिंग कॉलेज में पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण राज्य सरकार के नियमों के अनुसार होता है. जेईई परीक्षा में क्या लाभ मिलता है – जेईई मेन परीक्षा में प्रत्येक पेपर के लिए दिव्यांग उम्मीदवारों को एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलता है. – PwD उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति और फ़ैलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता मिलती है. आईआईएम में क्या होता है भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए अपनी 3% सीटें PwD श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रखते हैं. उनके प्रमाण पत्र सक्षम या तय प्रमाणन प्राधिकारी द्वारा सत्यापित होने चाहिए. इशमें 40 फीसदी या अधिक विकलांगता वाले उम्मीदवार इस कोटा के पात्र होते हैं. तीन तरह की विकलांगता पर विचार – अंधापन और कम दृष्टि – बहरा और सुनने में कठिनता – सेरेब्रल पाल्सी, ठीक हुए कुष्ठ रोग, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी सहित लोकोमोटर विकलांगता आईआईएम में क्या है इनके लिए प्रक्रिया – कैट कटऑफ को पूरा करने वाले पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को लिखित योग्यता परीक्षा (डब्ल्यूएटी) और व्यक्तिगत साक्षात्कार (पीआई) राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है. – PwD श्रेणी के तहत IIM प्रवेश के लिए अंतिम चयन उम्मीदवार की पूरी प्रोफ़ाइल – CAT स्कोर, शैक्षणिक प्रदर्शन, कार्य अनुभव और WAT/PI स्कोर पर आधारित होती है. कुछ आईआईएम में अन्य की तुलना में पात्रता मानदंड, कटऑफ, फीस और पीडब्ल्यूडी सीटों की संख्या भिन्न हो सकती है. उदाहरण के लिए, IIM अहमदाबाद में क्वालीफाइंग CAT कटऑफ 80 है, जबकि IIM काशीपुर में 94 है. यहां उन्हें क्या शिथिलता मिलती है – PwD उम्मीदवारों को CAT परीक्षा में प्रत्येक पेपर के लिए एक घंटे का अतिरिक्त समय – PwD उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति और फ़ेलोशिप के रूप में वित्तीय सहायता Tags: Explainer, IIM Ahmedabad, Iit, JEE Exam, UPSC, Upsc examFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 18:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed