Explainer : कहां गोली लगे तो बचा नहीं सकती कोई ताकत इतनी देर में मौत
Explainer : कहां गोली लगे तो बचा नहीं सकती कोई ताकत इतनी देर में मौत
डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी रैली में गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई और वो बाल बाल बच गए लेकिन गोली जरा भी अलग बगल होती तो उनका बचना बहुत मुश्किल था. शरीर के कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जहां गोली लगने पर ऑन द स्पॉट डेथ हो जाती है.
हाइलाइट्स गोली लगने का ये मतलब भी नहीं होता कि हर बार आपकी मौत ही हो जाए शरीर के कुछ हिस्सों में गोली लगने के बाद केवल 40 सेकेंड्स तक जिंदा रह सकते हैं गोली लगने के बाद शरीर में जगह तेजी से फैलने लगता है
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली कर रहे थे तो हमलावर द्वारा उनके ऊपर चलाई गई गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई. वह बहुत किस्मत वाले रहे कि बाल बाल बच गए. यही गोली अगर जरा सा भी उनके सिर में घुसी होती तो वह बहुत गंभीर स्थिति में होते. शरीर के कुछ हिस्से ऐसे होते हैं जहां गोली लगने पर तुरंत मौत हो जाती है लेकिन कुछ हिस्सों पर गोली लगने के घंटों बाद भी आदमी जिंदा रहता है, ऐसा क्यों
दरअसल ये कई बातों पर निर्भर करता है. गोली कैसी है, कहां लगी है. कौन से ऐसे शरीर के हिस्से हैं, जहां गोली लगने के बाद तुरंत मौत हो जाती है. हम ये जानेंगे कि इसके कितनी देर तक कोई जिंदा रह पाता है.
गोली लगने का ये मतलब भी नहीं होता कि हर बार आपकी मौत ही हो जाए. दरअसल शरीर के कुछ भाग बहुत संवेदनशील होते हैं. वहां गोली लगने के बाद बचना बहुत मुश्किल होता है लेकिन कुछ भाग ऐसे होते हैं जहां गोली लगने के कुछ घंटे बाद भी इलाज मिल जाए तो बचने की पूरी गुंजाइश रहती है.
मुख्य तौर पर गोली से होने वाली मौत गोली की प्रवृत्ति, शरीर के किस हिस्से में लगी और इलाज कितनी देर में लगा जैसी बातों पर बहुत निर्भर करती है. कई बार गोली शरीर के संवेदनशील हिस्से में नहीं लगती लेकिन इलाज नहीं मिल पाने से शरीर में खून बहने और जहर फैलने से मृत्यु हो जाती है.
शरीर के कुछ हिस्सों में गोली लगने के बाद 40 सेकेंड्स तक जिंदा रह सकते हैं तो कुछ मामलों में घंटों और कुछ मामलों में इलाज के बाद मृत्यु से बच भी सकते हैं. हम आपको बताएंगे कि शरीर के कौन से हिस्से हैं, जो डॉक्टरों के अनुसार इतने संवेदनशील होते हैं कि एक बार अगर गोली लग जाए तो बचाना मुश्किल हो जाता है.
सवाल – गोली शरीर में जाने के बाद क्या करती है?
– गोली शरीर में जब घुसती है तो पहला काम ये करती है कि आपकी कोशिकाओं को बुरी तरह फाड़ देती है. फिर एक सुरंग की तरह रास्ता बनाते हुए अंदर घुसती है. रास्ते में जो कुछ भी पड़ता है उसको नष्ट कर देती है, चाहे वो खून की शिराएं या मोटी नलियां, अगर कोई ऊतक भी रास्ते में आता है तो उसे भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त करती है. हड्डी रास्ते में आए तो उसे तोड़ देती है लेकिन कई बार मजबूत हड्डी उसे रोक भी लेती है.
सवाल – गोली जाने के कुछ देर बाद क्या होने लगता है?
– जब गोली घुसती है तो वह शरीर में पतली सुरंग बनाती है लेकिन समय बीतने के साथ ये सुरंग और बड़ी होने लगती है, उस सुरंग के आसपास के शरीर के अंग, ऊतक, कोशिकाएं और रक्त नलिकाएं ज्यादा प्रभावित होने लगती हैं. तब खून तेजी से बहना शुरू हो जाता है.
सवाल – गोली के शरीर में जाने के बाद खून बहने के साथ जहर किस तरह फैलने लगता है?
– दरअसल गोली शरीर में जाने के बाद रास्ते में आने वाले शरीर के हर सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित तो करती है लेकिन इसमें कई हैवी मेटल्स भी मौजूद रहते हैं, जैसे लेड, कैल्शियम सिलिकेट, कई बार बुलेट का बारूद भी पूरी तरह जल नहीं पाता. ये सब शरीर में बुरी तरह जहर फैलाने का काम करते हैं. समय गुजरने के साथ ही स्थिति गंभीर होती जाती है. कई बार बुलेट लगने के बाद जरूरत से ज्यादा खून का रिसाव मृत्यु की वजह बन जाता है.
सवाल – किन अंगों में गोली लगने के बाद भी जान बच बचने की संभावना ज्यादा रहती है?
– अगर गोली हाथ, पैर या बाहरी अंगों को छूकर निकल जाए तो बचने की संभावना ज्यादा रहती है. हाथ और पैरों में गोलियां लगने के बाद कुछ घंटे बाद भी इलाज मिल जाए तो उसके बचने की पूरी उम्मीद रहती है लेकिन शरीर के कुछ अंग ऐसे होते हैं जहां गोली लगना खतरनाक हो जाता है.
सवाल – शरीर के ऐसे कौन से अंग हैं, जहां गोली लगने के बाद के खतरनाक स्थिति बन जाती है?
– डॉक्टरों के अनुसार शरीर के दो तरह के अंग होते हैं एक नान वाइटल आर्गन और दूसरे वाइटल आर्गन. वाइटल आर्गन में दिल, दिमाग, किडनी, लिवर जैसे अंग हैं और सीने के आसपास मोटी खून की नलियां. यहां गोली खतरनाक बन जाती है अगर गोली लगने के कुछ ही मिनटों में इलाज शुरू नहीं हुआ तो बचने की गुंजाइश नहीं रहती . दिमाग और दिल में लगी गोली तो तुरंत मार देती है.
सवाल – शरीर के किस अंग में लगी गोली आपको केवल कुछ सेकेंड्स तक ही जिंदा रखती है?
– ब्रेन और दिल पर अगर गोली लगी है तो बचने की संभावना नहीं के बराबर होती है. तब 03 सेकेंड्स से 40 सेकेंड्स के भीतर मौत हो सकती है. माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ के ब्रेन को ही लक्ष्य करके गोलियां मारी गईं थीं, जिसकी वजह से सेकेंड्स में ही उनकी मौत हो गई. कहा जाता है कि सीने, लिवर में जहां मोटी खून की नलियां हैं, वहां अगर गोली लग जाए तो उसी वक्त मौत हो जाती है.
सवाल – पुरानी बंदूकों और नई पिस्तौल से फायरिंग में शरीर को नुकसान पहुंचाने में क्या अंतर होता है?
– पुरानी बंदूकों से गोली उतनी गति से नहीं आती थी और पास से तुरंत निशाना नहीं लेने की सूरत में आदमी के पास बचाव के लिए पोजिशन बदलने का मौका रहता था लेकिन नई बंदूक समय नहीं देतीं और उनसे चली गोलियों की रफ्तार भी खासी तेज होती है.
सवाल – गोली यानि बुलेट किस चीज से बनी होती है?
– गोली पीतल की बनी होती है जिसमें कुछ मात्रा में लेड भी मिला होता है जिसके शरीर के अंदर जाने पर लेड ऑक्साइड का निर्माण होता है जो जहर का काम करती है. फायरिंग में इस्तेमाल होने वाली गोली के मूलतः तीन हिस्से होते हैं. बंदूक से निकलने वाली गोली को कार्ट्रिज कहा जाता है. कार्ट्रिज के तीन हिस्से होते हैं.
इसके सबसे आगे वाले हिस्से को बुलेट कहते हैं जो इंसान के शरीर में प्रवेश कर उसे गंभीर चोट पहुंचाता है. बीच वाले हिस्से को केस या खोखा कहा जाता है, जिसमें बारूद भरा होता है. कार्ट्रिज के सबसे पिछले हिस्से को प्राइमर कंपाउंड कहा जाता है जो फायरिंग के वक्त बारूद में विस्फोट करता है. फायरिंग करते वक्त कार्ट्रिज का खोखा बंदूक से निकलकर वहीं गिर जाता है और बुलेट बंदूक से बाहर निकल जाती है.
Tags: Donald Trump, Gun FireFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 14:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed