Explainer : किसी हत्या के मामले में क्या होती है पुलिस प्रक्रिया कैसे कोर्ट में होती है सजा

इन दिनों दिल्ली में श्रृद्धा वाकर हत्याकांड ने देश को दहला रखा है. उसके बॉयफ्रेंड आफताब अमीन पूनावाला जिस तरह उसकी निर्मम हत्या की, उससे हर कोई हैरान है कि इस क्रूर और पेशेवर तरीके से भी कोई हत्या कर सकता है. वैसे हत्या के ऐसे मामलों में पुलिस की पूरी प्रक्रिया क्या होती है, वो कैसे केस को आगे बढ़ाती है और ये मामला अदालत में पहुंचता और फिर सजा होती है, इसकी पूरी जानकारी

Explainer : किसी हत्या के मामले में क्या होती है पुलिस प्रक्रिया कैसे कोर्ट में होती है सजा
हाइलाइट्सआफताब द्वारा श्रृद्धा की हत्या मामले के जरिए जाने कि क्या होती है ऐसे मामलों में पुलिस की जांच प्रक्रिया एफआईआर, पूछताछ, जांच और सबूत इकट्ठा करने के बाद क्या होता है पुलिस का अगला कदमपुलिस की कौन सी रिपोर्ट को अदालत संज्ञान में लेकर शुरू करती है मुकदमा और फिर देती है सजा श्रृद्धा हत्या मामले में हत्यारोपी आफताब पुलिस की पकड़ में है. पुलिस उससे लगातार बातचीत करके सबूत और साक्ष्य जुटा रही है. ये मामला उतना सीधा भी है, जितना लग रहा है. वैसे तो आमतौर पर ज्यादा हत्या के मामले कहीं ना कहीं उलझाने वाले होते हैं. अगर पुलिस ने पर्याप्त सबूत और गवाह नहीं जुटाए तो अदालत में ये मामले अक्सर आरोपी के पक्ष में चले जाते हैं. वह बरी हो सकता है. हालांकि आफताब का मामला कुछ अलग है. वह खुद कबूल कर रहा है कि उसने श्रृद्धा की हत्या की. इसके बाद उसने शव के 36 टुकड़े किए. पुलिस ने उसकी निगाहदेही में कई जगहों से जंगलों से कुछ टुकड़े बरामद किए हैं. इन्हें डीएनए जांच के लिए भेजा जाएगा. लेकिन हत्या का मुख्य निशान खोपड़ी या सिर अब तक नहीं मिला है. ये भी माना जा रहा है कि आफताब बहुत शातिर है. उसने हत्या से लेकर बचाव तक की सारी ट्रिक्स टीवी में बहुत से क्राइम प्रोग्राम देखकर सीख रखे हैं. जिस तरह उसने सबकुछ किया और कोई निशान नहीं छोड़े उससे यही लगता है. अब आइए जानते हैं कि ऐसे मामलों में पुलिस की प्रक्रिया क्या होती है, वो क्या करती है, कैसे कड़ियों को इकट्ठा करती है. फिर अदालत में जाती है. आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर ‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ से उठा पर्दा, ये पाकिस्तानी एक्टर निभाते दिखेंगे शोएब अख्तर का किरदार हीरो की पॉपुलर इमेज जैसा नहीं है 'फ्रेडी', कार्तिक आर्यन ने अपने डार्क किरदार का किया खुलासा Agniveer vayu Recruitment 2022: वायुसेना में इन पदों पर आवेदन करने के बचे हैं चंद दिन, 12वीं पास करें अप्लाई, होगी अच्छी सैलरी Nisha Rawal B'day Spl: निशा रावल को पहली नजर में दिल दे बैठे थे करण मेहरा, अब राहें हैं जुदा प्रियंका चोपड़ा से सेलिना जेटली तक, इन एक्ट्रेसेज ने विदेशियों को बनाया था अपना जीवनसाथी- देखें LIST MCD चुनाव में श्रद्धा मर्डर की एंट्री, BJP कैंडिडेट ने 'लव जिहाद' से 'बहनों को बचाने' की खाई कसम MCD चुनाव में BJP ने उतारी स्टार प्रचारकों की फौज, अमित शाह समेत ये 40 दिग्गज संभालेंगे कमान; देखें लिस्ट BJP ने जारी किया AAP नेता मुकेश गोयल का स्टिंग वीडियो, MCD टिकट के बदले मांग रहे 'एक खोखा' 'गांजे का आदी हूं...नशे में की श्रद्धा की हत्या...देहरादून में फेंके शव के कुछ टुकड़े'...पूछताछ में बोला आफताब अक्षय कुमार ने जासूस बनकर पत्नी ट्विंकल खन्ना को किया फॉलो, देखें कपल का मजेदार VIDEO श्रद्धा मर्डर केस में हुए कई बड़े खुलासे, आफताब का झूठ भी बेनकाब; सामने आया 'कातिल' की जिंदगी का एक बड़ा राज राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर फिलहाल आफताब अमीन पूनावाला पुलिस हिरासत में है. अदालत ने उसकी पुलिस हिरासत बढ़ा दी है. हैरानी की बात ये है कि उसने हत्या 18 मई को की थी. उसके बाद धीरे धीरे वह टुकडों को फ्रीज में रखकर उन्हें ठिकाने लगा रहा था. लेकिन पुलिस के पास अभी सबूतों की कमी है. शरीर के अहम अंगों के अलावा हत्या का हथियार बरामद नहीं हुआ है. पुलिस आमतौर पर हत्या के मामलों में किस तरह प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है और इस प्रक्रिया में क्या क्या होता है. वैसे इसमें कई चीजें शामिल हैं और हर कड़ी को सबूतों के साथ जोड़ना पड़ता है. (न्यूज18) आइए अब जानते हैं कि ऐसे मामलों में पुलिस की प्रक्रिया क्या होती है, वो कैसे केस को आगे बढ़ाती है पहला चरण एफआईआर दर्ज करना- एफआईआर दर्ज होने के साथ ही आपराधिक न्याय की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इस मामले में श्रृद्धा के परिचितों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसकी पुलिस जांच कर रही थी. इसी सिलसिले में जो जानकारियां सामने आईं. उसमें आफताब को पकड़ा गया. वह जवाब नहीं दे सका कि गुमशुदा होने के बाद श्रृद्धा के बैंक अकाउंट से उसके पास पैसे कैसे ट्रांसफर हुए. इसके बाद पुलिस पूछताल में उसने हत्या की बात कबूल कर ली. एफआईआऱ एक लिखित दस्तावेज होता है जो किसी संज्ञेय अपराध के होने की सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा तैयार की जाती है. दूसरा चरण जांच शुरू होती है. पुलिस अधिकारी घटना स्थल और संबंधित स्थलों पर जाते हैं. जांच करते हैं. सच्चाई की खोज करते हैं. पुलिस इन बातों की जांच करती है – अपराध स्थल की जांच – साक्षियों और संदिग्ध व्यक्तियों की जांच – बयान रिकॉर्ड करना – तलाशी लेना – संपत्ति जब्त करना – अंगुलियों के निशान, पांव के निशान और अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य इकट्ठा करना (इस मामले में पुलिस अब तक जो सैंपल मिले हैं,उन्हें उसने डीएनए जांच के लिए भेजा है. बैंक खातों, आफताब की खरीद और हर गतिविधि की जांच कर सबूत जुटाए जा रहे हैं) – रिकॉर्डों की सहायता लेना और केस डायरी, दैनिक डायरी, थाना डायरी आदि रिकॉर्डों में प्रविष्टी और नई सूचनाओं को दर्ज करना – गिरफ्तारी करना और बंदी बनाना (पुलिस ने आफताब को पहले से गिरफ्तार किया हुआ है. फिलहाल वह पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में है. इस मामले में पुलिस उसे अपने पास हिरासत में रखकर पूछताछ करती है ताकि हर बात को जान सके. ऐसी जानकारियां हासिल करे जो केस को पुख्ता बनाने में मददगार हो) – अभियुक्त से पूछताछ जांच पूरी होने के बाद संबंधित थाना प्रभारी क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट को कंपलीट रिपोर्ट कहते हैं, इसे चार्जशीट माना जाता है, यही वह रिपोर्ट होती है, जिससे आधार पर अदालती कार्यवाही शुरू हो जाती है. चरण 03 पुलिस थाना प्रभारी जांच पूरी होने के बाद क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट को इस बारे में एक रिपोर्ट भेजता है. यदि अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होता है तो जांच अधिकारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के चार्जशीट का रूप बन जाती है. यदि पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं होता तो थाना प्रभारी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को अंतिम रिपोर्ट कहा जाता है. चरण 04 अदालत चार्जशीट मिलने के बाद मामले का संज्ञान लेती है. मुकदमे की कार्यवाही शुरू हो जाती है. चरण 05 आरोप तैयार किए जाते हैं. अभियोजन पक्ष से उम्मीद की जाती है कि वो अभियुक्त के खिलाफ लगाए अपराध को बिना किसी संदेह के साबित करे. अभियुक्त को बचाव का पूरा मौका मिलता है. वह पुलिस की जांच पर सवाल उठा सकता है. हत्या के मामलों की संगीनता को अपराध के लिहाज से 08 अलग कैटेगरी में बांटा जाता है. उसी के अनुसार इसमें सजा होती है. जरूर नहीं कि हर हत्यारोपी को मृत्यदंड ही हो. (न्यूज 18) चरण 06 यदि मुकदमे का दोष सिद्ध हो जाता है तो अदालत अभियुक्त को दंड दे सकती है. हत्या के मामलों में आमतौर पर सबूत और हत्या की गंभीरता या नेचर को देखते हुए अदालत इस तरह की सजा सुना सकती है – कठोर कारावास – आजीवन कारावास -मृत्युदंड सवाल – क्या हत्या के हर मामले में मृत्युदंड की सजा होती है? – भारतीय दंड संहिता में केवल 08 अपराध ऐसे हैं, जिसमें मृत्युदंड दिया जाता है. ऐसे 07 अपराधों में मृत्युदंड या आजीवन कारावास या 10 साल के कारावास का दंड तय होता है. वैसे मृत्युदंड की सजा केवल बिरले मामलों में ही दी जाती है. आफताब ने जिस तरह श्रृद्धा की हत्या की और उसे इस तरह अंजाम दिया या जघन्य हत्याकांड की श्रेणी में आता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Brutal Murder, FIR, Live in Relationship, Murder, Murder case, Murder In DelhiFIRST PUBLISHED : November 18, 2022, 12:28 IST