IC-814 में मौजूद था कौन VIP यात्री जिसकी कंपनी छापती है 70 देशों की नोट करेसी

जब भारत का ये विमान काठमांडू से उड़ा तो इसमें एक बहुत ज्यादा हाईप्रोफाइल यात्री सवार था, इसने भारत पर अतंरराष्ट्रीय दबाव जबरदस्त तरीके से बढाया.

IC-814 में मौजूद था कौन VIP यात्री जिसकी कंपनी छापती है 70 देशों की नोट करेसी
हाइलाइट्स इस शख्स की कंपनी आज भी दुनिया की सबसे बड़ी करेंसी प्रिंटिंग कंपनी है ये करेंसी प्रिंटिंग कंपनी 70 देशों से ज्यादा के लिए नोट और स्टैंप पेपर छापने का काम करती है ये वीआईपी यात्री स्विस इतालवी शख्स था, जिसके कारण यूरोप में हलचल मच गई नेटफिलिक्स पर जारी ओटीटी सीरीज आईसी-814 के रिलीज होने के बाद ये लगातार चर्चाओं में है. क्या आपको मालूम है कि इस हाईजैक फ्लाइट में एक ऐसा हाईप्रोफाइल वीआईपी शख्स मौजूद था, जिसका नाम आज तक सामने नहीं आया. अब आ रहा है. ये शख्स दुनिया की सबसे बड़ी नोट छापने वाली कंपनी के मालिक थे. जिनकी कंपनी तब 70 से ज्यादा देशों के नोट करेंसी को छापती थी. इस हाईप्रोफाइल इतालवी व्यावसायी के विमान पर होने के बाद दुनियाभर से भारत पर विमान पर सवार यात्रियों को रिहा करने का दबाव पड़ने लगा. इटली से लेकर यूरोप तक से इस बड़े व्यावसायी की जानमाल की सुरक्षा के लिए दनादन फोन आऩे लगे. इनके लिए फोन कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों तक ने कर डाले. इनकी कंपनी केवल केवल नोट करेंसी ही नहीं छापती है बल्कि पासपोर्ट, स्टैंप पेपर, सेक्युरिटीज भी छापती है. जाहिर सी बात है कि आज भी इस कंपनी का लोहा पूरी दुनिया में चलता है. इसका प्रिटिंग सेटअप भी दुनिया में सबसे बड़ा है. कई अफ्रीकी से एशियाई देशों की करेंसी यहीं से छपा करती है. इस शख्स की विमान में मौजूदगी ने दबाव बढ़ा दिया जब भारत कंधार में हाईजैक करके खड़े कर दिए गए विमान यात्रियों को रिहा कराने के लिए लगातार बात कर रहा था, तब उस पर इस विदेशी व्यावसायी की विमान में मौजूदगी बड़ा अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा रही थी. वह सही मायने में विमान का सबसे बड़ा वीआईपी यात्री था. जिसका नाम है रॉबर्टो जियोरी, जो स्विस-इतालवी व्यवसायी हैं. वह थे दुनिया की सबसे बड़ी नोट छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के मालिक रॉबर्टो जियोरी उस समय डे ला रू के मालिक थे, जो ब्रिटेन की एक कंपनी है. दुनिया के 90% करेंसी-प्रिंटिंग कारोबार को नियंत्रित करती है. 2000 में टाइम की एक रिपोर्ट के अनुसार , जियोरी अपनी साथी क्रिस्टीना कैलाब्रेसी के साथ काठमांडू में छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे. टाइम की रिपोर्ट में कहा गया कि वह उस समय स्विट्जरलैंड के सबसे अमीर व्यक्तियों में एक थे. वह शख्स अकेले 200 मिलियन डॉलर दे देता रिपोर्ट में कहा गया है, “इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 814 के आठ दिनों तक अपहरण के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब अपहरणकर्ताओं ने भारत सरकार से 200 मिलियन डॉलर की मांग की. उन्हें अंदाजा नहीं था कि इकोनॉमी क्लास में बैठा कोई बंधक आसानी से उन्हें इतनी बड़ी रकम का चेक दे सकता है.” तब स्विट्जरलैंड ने एक खुफिया दल कंधार भेजा फ्लाइट में जियोरी की मौजूदगी भारत सरकार पर दबाव बढ़ाने वाली थी क्योंकि स्विट्जरलैंड ने गुप्त रूप से कंधार में एक विशेष काफिला भेजा था ताकि उसकी तत्काल रिहाई की सुविधा की मांग की जा सके. हालांकि, इस कूटनीतिक हस्तक्षेप और भारत सरकार द्वारा लिए गए संभावित परिणामी रुख को और भी दिलचस्प बनाने वाली बात यह है कि भारत में डे ला रू की कथित संदिग्ध व्यापारिक गतिविधियां हैं. कौन सी ये कंपनी डे ला रू एक वैश्विक कंपनी है जो करेंसी नोटों की छपाई तथा बैंक नोटों में इस्तेमाल होने वाले सुरक्षा धागे और सुरक्षा होलोग्राम जैसे फीचरों के उत्पादन के कारोबार पर हावी है, जिसको छापकर दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों को भेजती है. यह फर्म 2016 तक ये कंपनी भारत को भी नोट के कागज और अन्य सामग्रियां उपलब्ध कराती थी. इस कंपनी कुछ समय तक भारत के भी नोट छापे. 2016 में इस फर्म का नाम पनामा पेपर्स में में भी आया कि इसने भारत से बैंकनोट अनुबंध हासिल करने के लिए अपने भारतीय एजेंट को अपनी सहायक कंपनी पोर्टल्स के माध्यम से 15% कमीशन का भुगतान किया था. भारत में विवादित कारोबार पिछले कुछ सालों में भारत में इसका कारोबार विवादों से घिरा रहा है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार , यह कंपनी पहली बार 2010 में विवादों में आई थी, जब इसकी आंतरिक जांच में पाया गया था कि भारत को सप्लाई किए गए कुछ वॉटरमार्क वाले करेंसी पेपर गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे थे. रिहाई के बाद जियोरी ने क्या कहा हफ़्तेभर विमान को कंधार एयरपट्टी पर खड़े रखने के बाद अपहर्ताओं ने विमान को छोड़ दिया. उसके बाद जब विमान से जियोरी दिल्ली पहुंचे तो उन्होंने कहाकहा, विमान में मैंने जो अनुभव किया, उसने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया. मुझे नहीं पता कि यह क्या है: हिंदू धर्म या भारतीयों का तथाकथित भाग्यवाद लेकिन जिस तरह से यात्री पूरे समय शांत रहे, वो वाकई अनुकरणीय था. उसमें बच्चे भी थे. उन्होंने कहा, मैंने खुद से कहा, अगर विमान में इतालवी या फ्रांसीसी लोग होते, तो वो शायद इसे इतने लंबे समय तक नहीं बर्दाश्त कर पाते. Tags: Air india, Aircraft operation, Netflix india, Plane accidentFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 22:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed