13 तारीख फ्राइडे और उस पर से सितंबर भीक्यों अनलकी माना जाता है आज का दिन
13 तारीख फ्राइडे और उस पर से सितंबर भीक्यों अनलकी माना जाता है आज का दिन
आज 13 तारीख है... सितंबर और फ्राइडे भी ...आज का दिन दुनियाभर में अनलकी माना जाता है...लोग अपने काम रोक देते हैं...यात्राएं नहीं करते..नए काम की शुरुआत नहीं करते...आखिर क्यों 13 तारीख को अनलकी मानते हैं
हाइलाइट्स 13 नंबर हमेशा अनलकी माना जाता है और फ्राइडे से जुड़कर ये और खतरनाक हो जाता है दुनियाभर में जब ऐसा कोई दिन आता है तो लोग कुछ जरूरत से ज्यादा ही डर जाते हैं 13 तारीख और शुक्रवार को लोग यात्राएं नहीं करते और नए काम नहीं करते
आज शुक्रवार है और सितंबर की 13 तारीख भी है. दुनियाभर में 13 सितंबर और फ्राइडे का दिन लोगों के लिए सबसे खौफनाक और डरावना होता है. पता नहीं क्यों दुनियाभर में ये दिन आते ही लोग डर जाते हैं. इसे अनलकी और खतरनाक दिन मानते हैं. सैकड़ों सालों से लोग इस दिन और तारीख को अशुभ मानते आए हैं. इसे लेकर तमाम कहानियां, अंधविश्वास, भ्रम और मिथक सदियों से हैं. कई देशों में लोग इस दिन से इतना ज्यादा घबराते हैं कि घर से बाहर तक नहीं निकलते हैं. ज्यादातर लोग 13 नंबर से दूर ही रहना पसंद करते हैं. इसीलिए होटलों के कमरे, मकानों के पते और वाहनों के नंबर में 13 नंबर का इस्तेमाल नहीं होता है. यहां तक कि कई इमारतों में 13वां फ्लोर ही नहीं रखा जाता है.
यूरोपीय देशों में 13 तारीख को पड़ने वाले शुक्रवार को सबसे ज्यादा अशुभ माना जाता है. यूरोपीय लोगों का मानना है कि इस दिन और 13 के एकसाथ पड़ना अपशकुन की गारंटी होती है. हालांकि, सनातन धर्म में 13 तारीख को बुरा नहीं माना जाता है. हिंदुओं में इसे सबसे शुभ दिन माना जाता है. ग्रीस मान्यताओं में भी शुक्रवार और 13 तारीख को खराब नहीं माना जाता है. फिर यूरोप और अमेरिका में 13 नंबर को लेकर इतने भ्रम और अंधविश्वास क्यों प्रचलित हैं? इस सवाल का सटीक जवाब देना काफी मुश्किल है, लेकिन इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां ‘फ्राइडे द थर्टिंथ’ यानी 13 तारीख वाले शुक्रवार को अपशगुन से जोड़कर देखा जाता है.
क्यों 13 और शुक्रवार का मेल माना जाता है अशुभ?
गणित के नियमों के मुताबिक, 12 नंबर पूर्णांक होता है. साल में 12 महीने, घड़ी में 12 घंटे और राशियां भी 12 ही होती हैं. इसके बाद 13 नंबर को संतुलन की कमी वाली संख्या माना गया है. इसी वजह से इसे अशुभ भी माना जाता है. वहीं, शुक्रवार को लेकर कहा जाता है कि जीसस क्राइस्ट को इसी दिन सूली पर चढ़ाया गया था. ऐसे में लोगों का मानना है कि ये दिन और तारीख जब भी मिलते हैं तो दुर्भाग्य पैदा करते हैं. इस दिन और तारीख के संयोग को अशुभ मानकर लोग घर से बाहर निकलने तक से घबराते हैं. इस दिन और तारीख के संयोग को अशुभ मानकर लोग घर से बाहर निकलने तक से घबराते हैं.
कुछ इस कदर करते हैं लोग 13 नंबर से परहेज
13 नंबर को लेकर लोगों में इतना डर है कि कई होटलों और इमारतों में 13वां फ्लोर ही नहीं होता है. अगर किसी होटल में 13वां फ्लोर होगा भी तो 13 नंबर का कमरा नहीं मिलेगा. कई जगह ना तो 13वां फ्लोर होगा और ना ही किसी कमरे का नंबर 13 होगा. कुछ लोगों में 13 नंबर का इतना खौफ होता है कि वे विमान की 13वीं पंक्ति में बैठकर हवाई यात्रा करने से भी कन्नी काटते हैं. फ्रांस में खाने की मेज पर 13 कुर्सियां होना अच्छा नहीं माना जाता है. यूरोप में ज्यादातर लोग 13 तारीख को फ्लाइट से यात्रा करना पसंद नहीं करते हैं. इसीलिए यूरोप में इस दिन हवाई किराया सस्ता रहता है.
13 नंबर को लेकर क्या हैं हिंदू धर्म में मान्यताएं?
हिंदू धर्म के हिसाब से किसी भी महीने की 13 तारीख को बेहद अहम माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार 13वां दिन त्रयोदशी का होता है, जो भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित दिन होता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव की भक्ति में ही रखा जाता है, जो हर महीने के 13वें दिन ही आता है. महाशिवरात्री भी माघ महीने के 13वें दिन ही मनाई जाती है. हिंदू धर्म के अलावा थाई मान्यता में भी नया साल 13 अप्रैल को ही मनाया जाता है. प्राचीन ग्रीस में पौराणिक कथाओं में एक जीसस भगवान थे, जो तेरहवें सबसे शक्तिशाली परमेश्वर थे. वहीं, 13 नंबर ईमानदार प्रकृति, शक्ति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा 13 नंबर समग्रता, समापन और प्राप्ति का प्रतीक होता है.
क्या इस दिन-तारीख के मेल पर होती हैं दुर्घटनाएं
दुनियाभर में 13 तारीख और शुक्रवार को इसलिए भी बुरा माना जाता है, क्योंकि इस दिन कई बड़ी दुर्घटनाएं हुई हैं. फ्रांस में 13 अक्टूबर 1307 को एक बड़ी दुर्घटना हुई थी. इस दिन शुक्रवार भी था. एक ब्रिटिश वेबसाइट के मुताबिक, इंग्लैंड के एक मेडिकल जर्नल में प्रकाशित 1993 की एक स्टडी में बताया गया कि 13 तारीख के शुक्रवार के दिन ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं. हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं की जा सकी है. एक डच इंश्योरेंस कंपनी के आंकड़ों का कहना है कि 13 तारीख और शुक्रवार को दुर्घटना, चोरी व आग लगने की घटनाएं बाकी दिनों के मुकाबले कम होती हैं. कंपनी के मुताबिक, इस दिन ज्यादातर लोग घर पर ही रहने को प्राथमिकता देते हैं. लोग ज्यादा सजग और जागरूक रहते हैं. इस फोबिया पर फिल्म भी बन चुकी है. ईसाई धर्म के मुताबिक, ईसा मसीह के 13वें शिष्य जुडास ने ही उनकी हत्या की थी.
जीसस क्राइस्ट से गद्दारी करने वाला 13वां शिष्य था
ईसाई धर्म के मुताबिक, जुडास को ईसा मसीह का 13वां शिष्य माना जाता है. जुडास ने ही जीसस के साथ गद्दारी की थी. इसको लेकर एक मान्यता ‘द लास्ट सपर’ के तौर पर कही जाती है.
19वीं सदी में मिथक फैला कि ईसा मसीह के खिलाफ षड्यंत्र करने वाला उनका अनुयायी जुडास अंतिम भोज के समय सबसे देर से पहुंचा. वह भोज की मेज पर बैठने वाला 13वां व्यक्ति था. साथ ही शुक्रवार को ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. इन वजहों से भी 13 और शुक्रवार के संयोग को बुरा माना जाता है. अमेरिका में 19वीं शताब्दी में लगभग सभी फांसी देने की घटनाएं शुक्रवार को ही हुई थीं. लिहाजा, पारंपरिक रूप से शुक्रवार को फांसी देने का दिन ही मान लिया गया. वर्ष 2003 के बेस्ट सेलर ‘दा विंची कोड’ के मुताबिक, ये 13 अक्टूबर 1307 का शुक्रवार था, जब पूरे फ्रांस में सैकड़ों नाइट टैंपलर को मारा गया था.
मिथक को फैलाने में फिल्म ‘फ्राइडे द थर्टिंथ’ की भूमिका
हॉरर फिल्म ‘फ्राइडे द थर्टिंथ’ 1980 में आई थी. शुक्रवार और 13 के संयोग के खतरनाक होने के मिथक को फैलाने में इस फिल्म का सबसे ज्यादा योगदान माना जाता है. फिल्म इतनी हिट हुई कि इसके 12 सीक्वल बनाए गए. इसका 13वां सीक्वल भी बनाया गया, लेकिन रिलीज एक शुक्रवार से 13 तारीख वाले शुक्रवार तक टलती रही. आखिर में इसे रिलीज नहीं करने का फैसला लिया गया. यहां ये सवाल उठना लाजिमी है कि क्या 13वीं फिल्म अशुभ थी? 14वीं सदी में अंग्रेजी के मशहूर लेखक जेफ्री चौसर ने ‘द कैंटरबरी टेल्स’ नाम से कहानियों का संग्रह तैयार किया. इसमें उन्होंने शुक्रवार के अशुभ होने का जिक्र किया था. 17वीं सदी तक ज्यादातर लेखक शुक्रवार के दिन कोई भी नया प्रोजेक्ट लेने से इनकार कर देते थे.
क्या आपने कभी दिन के 13वें घंटे के बारे में सुना है?
साल में 12 महीने और दिन में 12 घंटे होते हैं. लेकिन, क्या आपने 13वें घंटे के बारे में कभी सुना है? जर्मन भाषा में एक कहावत है, ‘अब आ गया 13वां घंटा’. ऐसा तब कहा जाता है, जब कुछ बहुत ही हैरान कर देने वाली घटना हो जाए. बता दें कि ब्रिटेन में शुक्रवार को ही लोगों को फांसी दी जाती थी. गणित के नियमों के मुताबिक 13 प्राइम नंबर है, जो केवल खुद से ही विभाजित किया जा सकता है. इसलिए यह अपने आप में पूर्ण संख्या है.
Tags: Dangerous accidentFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 11:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed