उत्तर भारत के अस्पतालों में आने से डरे विदेशी मरीज दमघोंटू हवा ने दी मेडिकल टूरिज्म को तगड़ी चोट
उत्तर भारत के अस्पतालों में आने से डरे विदेशी मरीज दमघोंटू हवा ने दी मेडिकल टूरिज्म को तगड़ी चोट
देश की मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री के सामने दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत की जहरीली होती हवा ने एक एक नई बाधा खड़ी कर दी है. दिल्ली की दमघोंटू हवा के कारण विदेशी रोगी भारत, खास तौर से उत्तर भारत के शहरों के अस्पतालों में आने को लेकर डरे हुए हैं.
हाइलाइट्समेडिकल टूरिज्म उद्योग को कोविड-19 के प्रतिबंधों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा था. मेडिकल टूरिज्म कंपनियों को अब उत्तर भारत में बिगड़ती हवा के बारे में विदेशियों से सवाल मिल रहे हैं. इस चिंता को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भी महसूस किया है.
नई दिल्ली. कोविड-19 महामारी की मंदी से उबर रही देश की मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री के सामने दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत की जहरीली होती हवा ने एक एक नई बाधा खड़ी कर दी है. दिल्ली की दमघोंटू हवा के कारण विदेशी रोगी भारत, खास तौर से उत्तर भारत के शहरों के अस्पतालों में आने को लेकर डरे हुए हैं. मेडिकल टूरिज्म उद्योग को कोविड-19 महामारी के दौरान उड़ानों के बंद होने और अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा था. उसने हाल ही में इस मंदी से उबरना शुरू ही किया था.
अब मेडिकल टूरिज्म के बिजनेस में लगी कंपनियों को उत्तर भारत में बिगड़ती हवा के बारे में विदेशियों से सवाल मिल रहे हैं. इस चिंता को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भी महसूस किया है. जो भारत को एक मेडिकल टूरिज्म सेंटर के रूप में बढ़ावा देने और ब्रांडिंग करने में लगा हुआ है. गुरुग्राम स्थित मेडिकल टूरिज्म कंपनी ग्लोबल केयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव तनेजा के मुताबिक उत्तर भारत में वायु प्रदूषण में हाल ही में वृद्धि बढ़ी हुई मांग के बावजूद इंडस्ट्री की ग्रोथ में एक बड़ी बाधा साबित हुआ है. तनेजा ने up24x7news.com.com को बताया कि जब तक हालात बेहतर नहीं हो जातो और प्रदूषण की समस्या हल नहीं हो जाती, तब तक हम कारोबार में थोड़ी कटौती कर रहे हैं. यह रोगियों के साथ-साथ हमारे देश की प्रतिष्ठा के लिए भी अच्छा नहीं है.
मरीजों को भारत नहीं बुलाना समझदारी
दूसरी मेडिकल टूरिज्म कंपनियों ने भी इसी तरह की चिंताओं को सामने रख रही हैं. eExpedise Healthcare के सीईओ अमित शर्मा ने कहा कि अध्ययनों ने साबित किया है कि वायु प्रदूषण लंबी और छोटी अवधि दोनों में ही बड़ी बीमारियों का कारण बनता है. इसलिए हम अपने रोगियों के स्वास्थ्य को जोखिम में नहीं डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से दीवाली के बाद उत्तर भारत में वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा स्तर पर रहा है. स्मॉग के कारण घरों में भी लोगों पर इसका असर हो रहा है. जब तक हवा साफ और बेहतर नहीं हो जाती, तब तक विदेशों से भारत में मरीजों को आमंत्रित करने से थोड़ा पीछे हटना समझदारी है.
सरकार ने मेडिकल टूरिज्म उद्योग की चिंताओं के महसूस किया
सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (SEPC) द्वारा मेडिकल टूरिज्म उद्योग की चिंताओं को स्वीकार किया गया है. SEPC, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक शाखा है, जो विदेशों में भारत के मेडिकल टूरिज्म उद्योग को बढ़ावा देने में लगी हुई है. SEPC के अध्यक्ष सुनील तलाती ने up24x7news.com.com को बताया कि बढ़ता प्रदूषण मेडिकल टूरिज्म उद्योग के विकास में बाधा बन रहा है. उन्होंने कहा कि महामारी के बाद मेडिकल टूरिज्म क्षेत्र वास्तव में अच्छा काम कर रहा था. इसमें काफी ग्रोथ देखी गई और सेवा निर्यात परिषद ने भी इस क्षेत्र को कई गुना बढ़ाने में मदद करने के लिए नए विचारों को प्रस्तावित और क्रियान्वित किया.
Delhi Air Pollution: GRAP-4 स्टेज लागू, ट्विन टावर का मलबा उठने का काम रुका
इलाज की सुविधाओं के साथ पर्यावरण भी साफ रहना जरूरी
तलाती ने माना कि उत्तर भारत में मौजूदा वायु-प्रदूषण के कारण मेडिकल टूरिज्म उद्योग कुछ कठिनाइयों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि विदेशी रोगी ऐसे समय में आने के बारे में थोड़ा आशंकित हैं. क्योंकि वायु प्रदूषण कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है. उन्होंने कहा कि चूंकि हम भारत को वैश्विक मेडिकल टूरिज्म सेंटर के रूप में स्थापित कर रहे हैं. इसलिए यह जरूरी है कि इलाज की बेहतर सुविधाओं के अलावा हमारा पर्यावरण भी स्वस्थ हो.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Air pollution, Air pollution delhi, Delhi air pollution, Patient, Weather in North IndiaFIRST PUBLISHED : November 12, 2022, 12:18 IST