धान के बीज डालने से पहले खेत को ऐसे करें तैयारइन बातों का रखें ध्यान

कृषि एक्सपर्ट डॉ एनसी त्रिपाठी का कहना है कि धान की नर्सरी तैयार करते वक्त किसानों को अच्छे से खेत की तैयारी करनी चाहिए. बीज शोधन के साथ-साथ मृदा शोध भी बेहद जरूरी है. ताकि धान की नर्सरी निरोग रहे. किसानों को अच्छा उत्पादन मिले.

धान के बीज डालने से पहले खेत को ऐसे करें तैयारइन बातों का रखें ध्यान
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : इन दिनों किसान धान की अगली फसल की तैयारी कर रहे हैं. किसान धान की फसल की रोपाई से पहले नर्सरी उगा रहे हैं. नर्सरी उगाने से पहले खेत की अच्छे से तैयारी करना बेहद जरूरी है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि नर्सरी डालने से पहले अगर खेत को बेहतर तरीके से तैयार किया जाएगा तो नर्सरी जल्द तैयार होगी. नर्सरी के पौधे स्वस्थ होंगे. जिसके बाद धान की फसल से किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. कृषि विज्ञान केन्द्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ एनसी त्रिपाठी ने बताया कि पौध डालने से पहले खेत को अच्छी तरह से जोतकर मिट्टी को भुरभुरा कर लें. डिस्क हैरो से जोतकर अंतिम जुताई से पहले गोबर की सड़ी हुई खाद और वर्मी कंपोस्ट मिलाकर खेत को समतल कर दें. अंतिम जुताई के वक्त 2 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से ट्राइकोडर्मा डालकर भूमि का शोध भी कर लें. उसके बाद एक मीटर चौड़ाई रखते हुए क्यारियां बना लें. किसान क्यारी की लंबाई अपनी सुविधानुसार रख सकते हैं. क्यारी बनाकर पौध की बुवाई करने से पानी की खपत कम होगी. साथ ही किसान क्यारी की मेड़ पर बैठकर खरपतवार प्रबंधन भी कर सकते हैं. पौध खराब भी नही होगी. खेत को ऐसे करें तैयार डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि धान की पौध के लिए तैयार की गई क्यारियों में पानी छोड़ने के बाद पाटा लगाकर खेत को समतल कर लें. उसके बाद 80 ग्राम से 100 ग्राम पायराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल 10 प्रति एकड़ के हिसाब से क्यारियों में बिखेर दें. पायराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल 10% बालू (बालू उतनी मात्रा में लें जितना खेत में बिखेर पाएं) में मिलाकर पानी का छिड़काव कर खेत में बिखेर दें. किसान ध्यान रखें कि 100 ग्राम से ज्यादा दवा का इस्तेमाल न करें, नहीं तो पौध के जमाव पर बुरा असर पड़ सकता है. खरपतवार प्रबंधन भी है जरूरी डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि किसान अगर धान की पौध डालते समय पायराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल 10% का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो खरपतवारों का बेहतर प्रबंधन करने के लिए तीसरे दिन पौध में पानी भरकर 500 Ml प्रिटिलाक्लोर 50% ईसी (pretilachlor 50 ec) प्रति एकड़ के हिसाब से बालू में मिलाकर पूरे खेत में छिड़काव कर दें. ऐसा करने से भी खेत में खरपतवार नहीं उगेंगे. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 09:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed