बांग्लादेश हिंसा से यूपी के इस शहर को झटका ठप हुआ व्यापार करोड़ों फंसा
बांग्लादेश हिंसा से यूपी के इस शहर को झटका ठप हुआ व्यापार करोड़ों फंसा
बांग्लादेश में हुई हिंसा का असर अब भारत पर भी देखने को मिल रहा है. वहां हुई तख्तापलट ने सभी को चौंका दिया है. इसका असर भारत में व्यापारियों पर भी पड़ रहा है. यूपी के एक शहर पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है.
बांग्लादेश में हुई हिंसा का असर अब भारत पर भी देखने को मिल रहा है. वहां हुई तख्तापलट ने सभी को चौंका दिया है. इसका असर भारत में व्यापारियों पर भी पड़ रहा है. यूपी के एक शहर पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा है.
इस शहर का नाम फिरोजाबाद है. यानी जिसे कांच की नगरी भी कहा जाता है. इस पर भी बांग्लादेश में हुई हिंसा का असर देखने को मिल रहा है. जिस वजह से व्यापारी काफी टेंशन में दिख रहे हैं.
कांच के व्यापारियों का माल बांग्लादेश में तैयार कर भेजा जाता था. इस साल दीपावली के लिए भी व्यापारियों को करोड़ों रुपये के ऑर्डर मिले थे. लेकिन अब माल के ऑर्डर कैंसल हो रहे हैं जिससे कांच उद्योगों को करोडों रुपये का झटका लगा है.
देश-विदेश में कांच का निर्यात करने वाले उद्योगपति ललितेश जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि बंग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद अशांति का माहौल है और इसका असर यूपी में कांच उत्पादन पर दिखाई दे रहा है.
हर साल लगभग 70 करोड़ का व्यापार
फिरोजाबाद का व्यापारी कांच के विभिन्न आइटमों को तैयार कर विदेशों में भेजता है. त्योहारों और अन्य उत्सवों पर कांच उद्योग का हर साल लगभग 70 करोड़ का व्यापार होता है. जिसमें बंग्लादेश से भी यहां के व्यापारियों को अच्छे ऑर्डर मिलते हैं.
व्यापारी ने बताया कि अगर बंग्लादेश के हालात ऐसे ही रहे तो यहां के व्यापारियों द्वारा पूर्व में भेजे गए माल के पैसे का भुगतान नहीं हो पाएगा और विदेशों में भेजी जाने वाली सस्ती चूड़ी व कांच के अन्य आइटम, घरेलू उत्पादन आदि के निर्यात पर भी रोक लग जाएगी.
त्योहारों पर फिरोजाबाद से लेकर पश्चिम बंगाल तक के सैकड़ो छोटे-बड़े व्यापारी बंग्लादेश के व्यापारियों से लेनदेन करते हैं. इसी बात को लेकर यहां के व्यापारी टेंशन में है कि अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो कांच उद्योग को करोड़ो रुपए के व्यापार का झटका लग सकता है.
चाय के कप सेट से सादा कटिंग की चूड़ियों के मिलते हैं ऑर्डर
कांच व्यापारी ने बताया कि फिरोजाबाद में तैयार होने वाले कांच के विभिन्न आइटमों को बंग्लादेश भेजा जाता है. जिनमें चाय के कप सेट, मोटे कांच वाले प्रेस ग्लास, छह और 12 प्याली वाले पुटिंग सेट, फूलदान, डिनर सेट के अलावा सस्ती दर वाली चौपेला, हरी रेशम और सादा कटिंग वाली चूड़ी बांग्लादेश में भेजी जाती है.
लेकिन अब व्यापारियों में टेंशन है कि आखिर कैसे इस समस्या से कैसे निपटा जाए क्योंकि साल 2023 में महज 40 से 50 करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ है. अगर यही हालात रहे तो बांग्लादेश में उत्पन्न अशांति के कारण पश्चिमी बंगाल में बैठे व्यापारी मुस्लिम देशों में माल भेजने से कतराएंगे और कांच उद्योग को फिर से बड़ा झटका लग सकता है.
Tags: Bangladesh, Local18FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 14:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed