यूपी के इस डॉक्टर ने किया कमाल रिसर्च के बाद इजाद किया नई चिकित्सा पद्धित

शोधकर्ता डॉ. अमित जैन ने बताया कि लगभग 20 वर्षो तक अध्ययन किया और फिर तीन साल तक  रिसर्च के ध्वनि चिकित्सा पद्धति का इजाद किया. . इस ध्वनि चिकित्सा के जरिए कैंसर, तनाव, माइग्रेन, ब्लड से संबंधित कई बीमारियों का इलाज बिना किसी ऑपरेशन के जरिए कर सकते हैं. भारत सरकार ने इस रिसर्च को कॉपी राइट का पत्र भी दिया है और प्रशंसा की है.

यूपी के इस डॉक्टर ने किया कमाल रिसर्च के बाद इजाद किया नई चिकित्सा पद्धित
फिरोजाबाद. वैसे तो बीमार लोगों के इलाज के लिए देश में चार तरह की पद्धति का प्रयोग किया जाता है. लेकिन, यूपी के एक शहर में एक शोधकर्ता ने नई चिकित्सा पद्धति पर रिसर्च कर सबको चौंका दिया है. शोधकर्ता ने रिसर्च में कई तरह की बीमारियों में इस पद्धति का प्रयोग किया गया. इनकी नई पद्धति का बीमार लोगों पर काफी असर भी देखने को मिला है. शोधकर्ता डॉ. अमित जैन का दावा है कि अगर इस पद्धति का प्रयोग लोगों के उपचार में किया जाए तो कई तरह की बीमारी में बिना ऑपरेशन के ठीक किया जा सकता है. वहीं भारत सरकार ने रिसर्चर डॉ. अमित जैन को कॉपी राइट का पत्र भी दिया है और उनके इस शोध की प्रशंसा भी की है. ध्वनि चिकित्सा पद्धति से चौंकाने वाला मिला परिणाम फिरोजाबाद के शोधकर्ता डॉ. अमित जैन ने लोकल 18 को बताया कि हाल ही में ध्वनि चिकित्सा पद्धति पर एक बड़ी रिसर्च की है. फिरोजाबाद के नसिया जी मंदिर में स्थित एक रिसर्च सेंटर में ध्वनि चिकित्सा पर गहरा शोध किया और फिर जो परिणाम देखने को मिला वह वाकई चौंकाने वाला था. उन्होंने बताया कि पिछले 50-60 साल से लोगों को इस पद्धति के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी थी, लेकिन आज भी लोग इस चिकित्सा पद्धित के बारे में अधिक नहीं जानते हैं. वहीं 1992 में कवि धनंजय महाराज द्वारा रचित स्त्रोत को विषयवार पढ़ने के बाद ध्वनि पद्धति के बारे में पता चला. 20 वर्षो तक अध्ययन के बाद शुरूकिया शोध शोधकर्ता डॉ. अमित जैन ने बताया कि लगभग 20 वर्षो तक पहले इसका अच्छे से अध्ययन किया और फिर तीन साल पूर्व इस पर रिसर्च करना शुरु कर दिया. रिसर्च के दौरान पता चला कि शब्द में विशेषताएं होती है और शब्द रुखा, चिकना, कड़वी और मीठा भी होता है.  इसी शब्दों के प्रभाव से यह संभव है कि किसी भी बीमार व्यक्ति को ठीक किया जा सकता है. वहीं उन्होंने बताया कि ध्वनि चिकित्सा के किसी भी शब्द का मारक क्षमता परमाणु विस्फोट से कम नहीं हो सकता है. इसी ध्वनि चिकित्सीय पद्धति से किसी भी बीमारी का इलाज कर सकते हैं. इस रिसर्च के पूरा होने के बाद भारत सरकार द्वारा कॉपी राइट एक्ट प्रमाण-पत्र भी दिया गया है. कैंसर और माइग्रेन में असरदार है यह इलाज डॉ. अमित जैन ने बताया कि 50 से 60 लोगों पर रिसर्च के दौरान पाया कि अगर किसी बीमार व्यक्ति का ध्वनि चिकित्सा से इलाज किया जाए तो उसपर शब्दों का गहरा असर होता है. इतना ही नहीं मरने वाले व्यक्ति को ध्वनि चिकित्सा दी जाए तो वह भी क्रियाशील हो जाता है. इस ध्वनि चिकित्सा के जरिए कैंसर, तनाव, माइग्रेन, ब्लड से संबंधित कई बीमारियों का इलाज बिना किसी ऑपरेशन के जरिए कर सकते हैं. Tags: Firozabad News, Health benefit, Health News, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 14:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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