चातुर्मास में जैन मुनि 4 महीने तक त्याग देते हैं ये सभी चीजें
चातुर्मास में जैन मुनि 4 महीने तक त्याग देते हैं ये सभी चीजें
फिरोजाबाद के कोटला चुंगी स्थित नसिया जी जैन मंदिर में चातुर्मास की शुरुआत करने वाले जैन मुनि अमित सागर महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन धर्म में आमजनों को इन चार माह में संयम पूर्वक रहने का उपदेश है.
धीर राजपूत/ फिरोजाबाद: जैन धर्म में चतुर्मास का बड़ा ही महत्व माना जाता है. इस महीने में जैन मुनि एक जगह रुककर पूजा अर्चना करते हैं. फिरोजाबाद में भी जैन धर्म के अनुयाई और जैन मुनि इस मास को बड़े ही शांति से मनाते हैं और एक जगह रुकते हैं. कोटला चुंगी पर स्थित एक जैन मंदिर में जैन मुनि हर साल मंदिर में रहते हैं और प्रवचन करते हैं. वहीं जैन मंदिरों में चतुर्मास में लोगों की भी भारी भीड़ रहती है.
चतुर्मास में चार महीने जैन मुनि करते हैं साधना
फिरोजाबाद के कोटला चुंगी स्थित नसिया जी जैन मंदिर में चातुर्मास की शुरुआत करने वाले जैन मुनि अमित सागर महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन धर्म में आमजनों को इन चार माह में संयम पूर्वक रहने का उपदेश है. इन चार माह में किसी भी प्रकार से क्रोध नहीं करना चाहिए और संयम का पालन करना चाहिए. इन 4 महीनों में व्यर्थ वार्तालाप, अनर्गल बातें, गुस्सा, ईर्ष्या, अभिमान जैसे भावनात्मक विकारों से बचने की कोशिश करनी चाहिए.
इसके साथ ही महाराज जी ने कहा कि लोगों को चातुर्मास में सभी भौतिक सुख-सविधाओं का त्याग कर संयमित जीवन जीना चाहिए. इन चतुर्मास में पंखा, कूलर और अन्य सुख-सुविधाओं के साधनों के साथ ही टीवी और मनोरंजन की चीजों से भी दूरी बना लेनी चाहिए. इन जीव हत्या से बचते हुए सिर्फ घर पर बना भोजन ही करना चाहिए. चातुर्मास में ही जैन धर्म का सबसे प्रमुख पर्व पर्युषण पर्व मनाया जाता है. महाराज जी ने कहा की यदि वर्षभर जो विशेष परंपरा, व्रत आदि का पालन नहीं कर पाते. वे इन 8 दिनों के पर्युषण पर्व में रात्रि भोजन का त्याग, ब्रह्मचर्य, स्वाध्याय, जप-तप मांगलिक प्रवचनों का लाभ तथा साधु-संतों की सेवा में संलिप्त रह कर जीवन सफल करने की मंगलकामना कर सकते हैं. चातुर्मास में महापर्व सम्वत्सरी भी आता है. यह चार माह व्यक्ति और समाज को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास भी है.
जैन मंदिर में महाराज जी करते हैं प्रवचन
फिरोजाबाद के रसिया जी जैन मंदिर में चतुर्मास शुरू होते ही यहां कई धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. इन धार्मिक कार्यक्रमों के बाद यहां लोगों को जैन मुनि अमित सागर महाराज प्रवचन देते हैं और उनको चातुर्मास के महत्व के बारे में भी बताते हैं. जैन मंदिर में शहर भर से जैन धर्म के अनुयाई आकर महाराज जी के प्रवचनों को सुनते हैं और उनका पालन करते हैं.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 16:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed