लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर वसूली कैबिनेट सचिवालय में ही काम करता था विकास यादव

Vikas Yadav News: न्यूज18 को 29 नवंबर, 2023 की एक कैट का आदेश प्राप्त हुआ है. दस्तावेज के अनुसार यादव ने कैबिनेट सचिवालय में अपनी प्रोबेशन की पुष्टि के लिए कैट का दरवाजा खटखटाया था.

लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर वसूली कैबिनेट सचिवालय में ही काम करता था विकास यादव
अमेरिका में रहे खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के अमेरिकी सरकार के आरोप के कारण चर्चा में आए विकास यादव को लेकर भारत में परत दर परत जानाकरियां सामने आने लगी है. न्यूज18 को 29 नवंबर, 2023 का केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) का एक आदेश प्राप्त हुआ है. दस्तावेज के अनुसार, यादव ने कैबिनेट सचिवालय के सुरक्षा महानिदेशालय में अपनी प्रोबेशन की पुष्टि के लिए कैट का दरवाजा खटखटाया था. अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने विकास यादव पर ये आरोप लगाए हैं. कैट ने पिछले साल विकास यादव की कैबिनेट सचिवालय के सुरक्षा महानिदेशालय में प्रोबेशन की पुष्टि की थी, जिससे यह साबित होता है कि यादव की अंतिम नौकरी कैबिनेट सचिवालय में थी, जैसा कि अमेरिकी अभियोग में दावा किया गया है. विकास यादव की एफबीआई के साथ भारतीय एजेंसियों को तलाश है. कैट के निर्णय में 09.10.2023 को उप सचिव, विमानन अनुसंधान केंद्र, सुरक्षा महानिदेशालय (कैबिनेट सचिवालय) द्वारा पारित कार्यालय आदेश संख्या 255/2023 का उल्लेख किया गया है. कैट के निर्णय में कहा गया है, ”उक्त आदेश एसएफओ (जीडी) के पद पर सफलतापूर्वक प्रोबेशन पूरा करने और कंफर्मेशन की बात कहता है. यह 13.11.2015 से प्रभावी माना जाएगा. आवेदक (विकास यादव) के वकील ने प्रस्तुत किया कि 09.10.2023 के कार्यालय आदेश के आलोक में आवेदक की शिकायतें निवारित हो गई हैं और इसलिए वर्तमान ओए निरर्थक हो गई है.” दिल्ली में रहता था विकास यादव दस्तावेज से पता चलता है कि विकास यादव दिल्ली के एंड्रयूज गंज एक्सटेंशन में सरकारी आवास में रहता था और उनके पिता का नाम राम सिंह यादव है. भारत सरकार का कहना है कि विकास यादव अब उसके साथ काम नहीं कर रहा है. न्यूज18 ने शनिवार को रिपोर्ट किया था कि दिल्ली पुलिस की एंटी-टेरर विंग स्पेशल सेल ने पिछले साल एक वसूली मामले में विकास यादव को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है, और तिहाड़ जेल में कुछ महीने बिताने के बाद विकास यादव अब बाहर है. मामला अदालत में लंबित है. महत्वपूर्ण बात यह है कि जांच में पता चला कि विकास यादव ने शिकायतकर्ता, राज कुमार वालिया से एक अंडरकवर एजेंट के रूप में मुलाकात की थी. एफआईआर में कहा गया है कि वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी के रूप में खुद को पेश कर रहे थे. यादव ने एनआईए कार्यालय के बाहर वालिया से मुलाकात की और फिर उसे अगवा कर पैसे वसूले. पुलिस अधिकारियों को समाचार रिपोर्टों के माध्यम से विकास यादव की वांछित स्थिति के बारे में पता चला. सूत्रों ने संकेत दिया कि यादव ने पिछले साल एक पार्टी में एक सामान्य मित्र के माध्यम से वालिया से मुलाकात की थी. एफआईआर में क्या एफआईआर के अनुसार विकास यादव ने शिकायतकर्ता राज कुमार वालिया से मुलाकात की, जो रोहिणी में रहते हैं और पश्चिम दिल्ली के मोती नगर इलाके में एक कैफे और लाउंज चलाते हैं. वास्तव में इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल की गई है. यादव और उनके सहयोगी अब्दुल्ला ने वालिया को बताया कि उन्हें गंभीर खतरा है और 11 दिसंबर को दिल्ली में एनआईए कार्यालय के पास मिलने के लिए बुलाया. रिपोर्ट के मुताबिक वालिया अपने दोस्त अभिजीत के साथ विकास यादव से मिलने गए. वहां विकास अपने दोस्त अब्दुल्ला के साथ मौजूद थे. इसके बाद अब्दुल्ला ने उन्हें कार में धकेल दिया. आरोपियों ने शिकायतकर्ता को प्रताड़ित किया और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर पैसे की मांग की. आरोपियों ने वालिया को पीटा, इंजेक्शन लगाए और उनकी गर्दन के पीछे मारा. उन्होंने शिकायतकर्ता के कैफे से एक बैंक चेकबुक भी ले ली और खाली चेकों पर उनके हस्ताक्षर करवा लिए बाद में उन्हें उनकी कार के पास छोड़ते हुए चुप रहने की धमकी दी. एफआईआर में बताया गया कि वापस लौटने पर वालिया ने पाया कि आरोपी ने कैफे में रखे 50,000 रुपये भी चुरा लिए और सभी सीसीटीवी रिकॉर्डिंग्स को डिलीट कर दिया. पुलिस को दिए बयान में यादव ने बताया कि उनके पिता बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में काम करते थे और 2007 में उनका निधन हो गया था. यादव की शादी 2015 में हुई थी. एफबीआई का आरोप अमेरिकी अभियोग के अनुसार यादव विकास, अमानत नाम से भी जाने जाते हैं. वह भारत के नागरिक और निवासी हैं. इस अभियोग के समय वह भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत थे, जहां भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) स्थित है. यादव ने अपनी स्थिति को ‘सीनियर फील्ड ऑफिसर’ के रूप में वर्णित किया, जिनकी जिम्मेदारियां ‘सुरक्षा प्रबंधन’ और ‘खुफिया जानकारी’ में थीं. उन्होंने अपने नियोक्ता का पता नई दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बताया, जहां रॉ का मुख्यालय है. Tags: Central government, Delhi policeFIRST PUBLISHED : October 20, 2024, 09:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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