दिसंबर में MCD चुनाव दिल्ली-गुजरात में 2 मोर्चों पर AAP को घेरने की तैयारी में भाजपा
दिसंबर में MCD चुनाव दिल्ली-गुजरात में 2 मोर्चों पर AAP को घेरने की तैयारी में भाजपा
पिछले कुछ महीनों से गुजरात और हिमाचल प्रदेश में AAP ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, क्योंकि उसे लगता है कि कांग्रेस द्वारा बनाए गए शून्य को भरने में वह सक्षम है, जो वर्तमान में अपने सबसे खराब राजनीतिक दौर से गुजर रही है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा को लगता है कि अगर AAP को हिमाचल प्रदेश सहित 3 मोर्चों पर एक साथ चुनाव लड़ना पड़ा, तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी दबाव में आ जाएगी.
हाइलाइट्सMCD का एकीकरण होने के बाद यह दिल्ली शहर का पहला नगर निकाय चुनाव होगाMCD चुनाव परिणाम से 2024 के लिए राष्ट्रीय राजधानी की जनता का मूड पता चलेगाआम आदमी पार्टी को गुजरात और दिल्ली के दोहरे मोर्चे पर घेरने की तैयारी में है BJP
नई दिल्लीः सूत्रों के मुताबिक बीजेपी, आम आदमी पार्टी (AAP) को घेरने की तैयारी कर रही है, क्योंकि उसे उम्मीद है कि दिल्ली में नगर निकाय चुनाव भी इस साल दिसंबर में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनावों के साथ ही होंगे. आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय राजनीति में अपने पांव जमाने के लिए दिल्ली और पंजाब के अतिरिक्त देश के अन्य राज्यों में भी राजनीतिक जमीन तलाश रही है. इसी क्रम में पिछले कुछ महीनों से गुजरात और हिमाचल प्रदेश में AAP ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, क्योंकि उसे लगता है कि कांग्रेस द्वारा बनाए गए शून्य को भरने में वह सक्षम है, जो वर्तमान में अपने सबसे खराब राजनीतिक दौर से गुजर रही है. कांग्रेस हिमाचल और गुजरात में कई दशक बाद पहली बार अपने दो दिग्गज नेताओं वीरभद्र सिंह और अहमद पटेल के बिना चुनाव मैदान में उतरेगी.
हालांकि, भाजपा अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को सीमित करना चाह रही है, क्योंकि उसे गुजरात और हिमाचल में निर्धारित विधानसभा चुनावों के साथ ही दिल्ली में नगरीय निकाय चुनाव भी होने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक भाजपा को लगता है कि अगर AAP को हिमाचल प्रदेश सहित 3 मोर्चों पर एक साथ चुनाव लड़ना पड़ा, तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी दबाव में आ जाएगी. भाजपा से जुड़े एक सूत्र ने up24x7news.com से कहा, ‘राष्ट्रीय राजधानी में AAP सरकार के सत्ता में होने के साथ, उसे नगर निकाय को सुरक्षित करने के लिए अपनी पूरी ताकत के साथ एमसीडी चुनाव लड़ने की आवश्यकता होगी. दिल्ली नगरीय निकाय चुनाव में हार AAP के लिए विनाशकारी साबित होगी, क्योंकि इससे यह धारणा पैदा होगी कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी शहर में अपनी पकड़ खो रही है.’
एमसीडी के एकीकरण के बाद यह शहर का पहला नगर निकाय चुनाव होगा
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि केंद्र द्वारा दिल्ली नगर निगम में पहले ही सीटों की अधिकतम संख्या 272 से घटाकर 250 कर दी है. परिसीमन का पहला चरण भी बहुत जल्द पूरा होने जा रहा है. इसके बाद प्रशासन को एमसीडी चुनाव की तैयारियों के लिए कुछ महीने का वक्त लगेगा. वास्तव में एमसीडी चुनाव, जिसके आगामी कुछ महीनों में कभी भी होने की संभावना है, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजधानी के मतदाताओं के मूड का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. क्योंकि दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर 2014 और 2019 के चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व स्पष्ट रूप से अरविंद केजरीवाल सरकार से मुकाबला करने की रणनीति तैयार करने के लिए आगे बढ़ा है, क्योंकि उसे शहर के महत्वपूर्ण और शक्तिशाली नगरीय निकाय में अपनी सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद है.
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने up24x7news.com से कहा, हमें अपनी तैयारी शुरू करने के लिए कहा गया है. परिसीमन जल्द ही पूरा होने की संभावना है और काम की गति को देखते हुए, हमें विश्वास है कि एमसीडी चुनाव दिसंबर में गुजरात चुनाव के साथ होंगे. एमसीडी देश के सबसे अमीर और शक्तिशाली नागरिक निकायों में से एक है. एमसीडी के एकीकरण के बाद यह शहर का पहला नगर निकाय चुनाव होगा, जिसमें भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों ही जीत हासिल करना चाहते हैं. आपको बता दें कि इससे पहले दिल्ली शहर 4 नगरीय निकायों में बंटा हुआ था, पूर्वी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगर निगम. केंद्र सरकार ने इसी साल संसद में कानून लाकर चारों नगर निगमों को भंग कर दिया और दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) नाम से सिर्फ एक नगरीय निकाय की बना दिया.
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Tags: AAP, BJP, Delhi MCD ElectionsFIRST PUBLISHED : September 13, 2022, 14:33 IST