Exclusive: माओवादियों का दावा कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में भूमिका अग्निपथ में भी था सक्रिय

इस साल 21-27 सितंबर तक भाकपा (माओवादी) के गठन की 18वीं वर्षगांठ के अवसर पर अगस्त में पार्टी के भीतर प्रसार के लिए 21 पन्नों का दस्तावेज प्रकाशित किया गया था. दस्तावेज पार्टी के उद्देश्यों और उपलब्धियों का सार प्रस्तुत करता है. इसे न्यूज18 द्वारा एक्सेस किया गया है.

Exclusive: माओवादियों का दावा कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में भूमिका अग्निपथ में भी था सक्रिय
हाइलाइट्समाओवादी संगठन ने दावा किया है कि वह किसान आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल था.पार्टी का 21 पन्नों का दस्तावेज विशेष रूप से up24x7news.com द्वारा एक्सेस किया गया है. माओवादी संगठन अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों में भी सक्रिय था. (सौगत मुखोपाध्याय) कोलकाता. प्रतिबंधित अति-वामपंथी संगठन ने दावा किया है कि वह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल भर चलने वाले किसान आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल था. 11 साल पहले अपने केंद्रीय सैन्य आयोग के नेता मल्लोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की मुठभेड़ में मौत के बाद से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति द्वारा पहले दस्तावेज में यह खुलासा हुआ है. यह दस्तावेज विशेष रूप से up24x7news.com द्वारा एक्सेस किया गया है. up24x7news.com द्वारा एक्सेस किए गए दस्तावेज में कहा गया है कि हमारी पार्टी तीन कृषि कानूनों और कृषि के बाजारीकरण के खिलाफ किसान संघर्ष का हिस्सा बन गई. जो देश की राजधानी में एक वर्ष से अधिक समय तक चला था. दस्तावेज में आगे कहा गया कि मजदूरों, छात्रों, लोकतांत्रिक ताकतों और सभी उत्पीड़ित वर्गों की मदद से किसानों के जुझारू संघर्ष ने मोदी सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर किया. संघर्ष की इस सफलता ने संयुक्त मोर्चे के क्षेत्र में हमारी पार्टी के लिए एक अच्छा अनुभव प्रदान किया. मालूम हो कि 21-27 सितंबर तक भाकपा (माओवादी) के गठन की 18वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस साल अगस्त में पार्टी के भीतर प्रसार के लिए 21 पन्नों का दस्तावेज प्रकाशित किया गया था. पार्टी के उद्देश्यों और उपलब्धियों का सार प्रस्तुत करता है. यह दस्तावेज माओवादी दृष्टिकोण से कई राजनीतिक विकास और नीतिगत मुद्दों के आलोक में देश की वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण करता है और भारतीय प्रतिष्ठान के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए पार्टी की प्रतिज्ञा को नवीनीकृत करता है. ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ आंदोलन में भी शामिल माओवादी केंद्रीय समिति के दस्तावेज में देश भर में जन-आंदोलनों में शामिल होने और प्रभावित करने में पार्टी की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया है. दस्तावेज में संगठन ने अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद इस साल जून में देश भर से हिंसक विरोध प्रदर्शनों का भी जिक्र किया गया और इसे अपनी सफलताओं के रूप में पेश किया है. केंद्रीय समिति के बयान में कहा गया कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम, ईसाई, आदिवासी और दलित लोगों, महिलाओं, छात्रों और बुद्धिजीवियों पर ब्राह्मणवादी हिंदुत्ववादी ताकतों के अत्याचारों और नरसंहारों के खिलाफ कई संघर्ष हैं. देश के बेरोजगार युवाओं ने ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विद्रोह किया. बयान में आगे कहा गया कि हिंदुत्व मोदी सरकार इस योजना से भारतीय सेना का भगवाकरण और उसे कैजुअलाइज करने की कोशिश कर रही है. VIDEO: …और देखते ही देखते 15 मकान जलकर हो गए खाक, देखें 23 परिवारों का कैसे उजड़ा आशियाना  गोरिल्ला एक्शन की भी सूची जारी गोरिल्ला एक्शन को लेकर भी संगठन ने एक सूची जारी की इसमें झारखंड में मनोहरपुर के विधायक के सुरक्षा गार्डों पर हमला जिसमें दो सुरक्षा गार्डों को मार दिया गया था और 3 एके राइफलें जब्त कर ली गई थीं, ओडिशा में नौपाड़ा-पटाधारा में अचानक हमला जिसमें 2 एएसआई और 3 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे और 7 घायल हो गए थे. इसमें 3 एके राइफलें जब्त की गई थीं. इसके अलावा दंडकारण्य में जहां 9 अर्धसैनिक और विशेष पुलिसकर्मियों को मारा गया था और 34 अर्धसैनिक और विशेष पुलिस अलग-अलग गोरिल्ला एक्शन में घायल हो गए थे, शामिल है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Farmer Agitation, MaoistsFIRST PUBLISHED : October 28, 2022, 12:26 IST