पुल के बीच में क्यों होता है गैप आपने भी देखी होगी पट्टी! पीछे छिपा है साइंस

PHOTOS: अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में हम अक्सर किसी न किसी पुल से गुजरते हैं. लेकिन हमारा ध्यान इस ओर शायद ही जाता है कि कोई पुल सड़क की तरह एक समान नहीं होता है. पुल को अलग-अलग हिस्सों में बनाया जाता है. हम देखते तो हैं, लेकिन इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है. ये कोई डिजाइन का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे साइंस है. क्योंकि जब पुल में लगी सामग्री कंक्रीट और स्टील आदि गर्म होते हैं तो यह फैलते हैं, वहीं जब यह ठंडे होते हैं तो सिकुड़ जाते हैं.

पुल के बीच में क्यों होता है गैप आपने भी देखी होगी पट्टी! पीछे छिपा है साइंस
गुवाहाटी: असम के होम सेक्रेटरी शिलादित्य चेतिया को पत्नी की मौत का सदमा ऐसा लगा, उन्होंने खुद की भी जान ले ली. जी हां, असम के होम एंड पॉलिटिकल सेक्रेटरी शिलादित्य चेतिया ने मंगलवार को गुवाहाटी के एक प्राइवेट हॉस्पिटल के आईसीयू में पत्नी के शव के सामने ही अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. उन्होंने अपनी पत्नी की मौत के कुछ मिनटों बाद ही अपनी जान दे दी. उसी अस्पताल में कुछ देर पहले उनकी पत्नी की मौत कैंसर से हो गई थी. असम के होम सेक्रेटरी शिलादित्य चेतिया राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित आईपीएस अधिकारी थे. उनकी उम्र 44 साल थी. पुलिस के मुताबिक, 2009 बैच के आईपीएस अफसर शिलादित्य चेतिया ने आईसीयू के अंदर अपनी सरकारी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. यहीं पर कुछ मिनट पहले उनकी पत्नी की मौत हो गई थी. राज्य के गृह सचिव के रूप में तैनाती से पहले चेतिया तिनसुकिया और सोनितपुर जिलों के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और असम पुलिस की चौथी बटालियन के कमांडेंट के रूप में कार्य कर चुके थे. चेतिया की पत्नी कैंसर से लंबे समय से पीड़ित थीं और पिछले कुछ महीनों से अस्पताल में भर्ती थीं. अब चेन्नई में पुणे पोर्शे जैसा कांड! राज्यसभा सांसद की बेटी ने BMW से शख्स को कुचला, थाने से ही मिल गई जमानत पत्नी की मौत का लगा सदमा शिलादित्य चेतिया की पत्नी अगमोनी बोरबरुआ की उम्र 40 थी. नेमकेयर अस्पताल में शाम 4.25 बजे उनकी मौत हो गई. 10 मिनट बाद ही आईपीएस अधिकारी चेतिया ने भी दुनिया छोड़ दी. पत्नी की मौत के बाद पहले वह आईसीयू केबिन में गए और मेडिकल स्टाफ से गुहार लगाई कि वे अपनी पत्नी के शव के पास प्रार्थना करना चाहते हैं, इसलिए उन्हें कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दिया जाए. इसके बाद उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से जान दे दी. गोलियों की आवाज से अस्पताल में हड़कंप मच गया. पत्नी के शव के सामने दी जान टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, नेमकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर हितेश बरुआ ने बताया, ‘गोली की आवाज सुनती है हम दौड़े और उन्हें अपनी पत्नी के शव के पास लेटे हुए पाया. हमने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन बचा नहीं सके. उन्होंने खुद को गोली मार ली थी. अगमोनी का करीब दो महीने से अस्पताल में इलाज चल रहा था. तीन दिन पहले उनकी हालत बिगड़ गई. हमने चेतिया को उनकी हालत के बारे में बताया और उन्होंने हमारी बात समझ ली थी.’ बताया जा रहा है कि 12 मई, 2013 को उनकी शादी हुई थी और इस जोड़े का कोई बच्चा नहीं था. राष्ट्रपति से मिल चुका था सम्मान असम के डीजीपी जीपी सिंह ने चेतिया की मौत की पुष्टि की. उन्होंने इस घटना पर दुख जताया. चेतिया तिनसुकिया, नलबाड़ी, कोकराझार और बारपेटा जिलों में पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत रहे थे. उनके पिता भी पुलिस अधिकारी थे. अपनी वीरता और साहस के लिए जाने जाने वाले चेतिया ने आपराधिक और आतंकी संगठनों के खिलाफ कई अभियानों का नेतृत्व किया था. इसके लिए ही उन्हें साल 2015 में स्वतंत्रता दिवस पर वीरता के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक मिला था. Tags: Assam news, Assam Police, Crime NewsFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 09:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed