Exclusive: चीन को काबू में रखने को लक्ष्यद्वीप में बना रहा नया एयरपोर्ट और मजबूत होगी नौसेना
Exclusive: चीन को काबू में रखने को लक्ष्यद्वीप में बना रहा नया एयरपोर्ट और मजबूत होगी नौसेना
वरिष्ठ अधिकारियों ने News18 से बातचीत में कहा कि प्रोजेक्ट को शुरुआती स्तर पर अनुमति मिल गई है और जल्द ही बजट भी तय हो जाएगा. माना जा रहा है कि नागरिक उड्डयन और गृह मंत्रालय, जल और वायुसेना के साथ ही कोस्ट गार्ड से सलाह लेने के बाद ये प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा हो जाना चाहिए.
हाइलाइट्सरिपोर्ट के अनुसार चीन लगातार ऐसी रणनीति पर काम कर रहा है जिससे हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ा सके.लक्षद्वीप एयरपोर्ट, एक तरह से श्रीनगर जैसा हो जाएगा जो भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित है.
नई दिल्ली : लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप पर सरकार 2500 मीटर लंबी हवाईपट्टी बनाने की योजना बना रही है ताकि बड़े वायुसेना और कमर्शियल विमान उड़ान भर सकें. ये प्रोजेक्ट रणनीतिक तौर पर अहमियत रखता है क्योंकि इसके जरिए भारत अपने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर नजर रख पाएगा, क्षेत्रीय पैठ बढ़ेगी और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. मिनिकॉय द्वीप, कोच्चि के करीब है जो कि जल सेना के सबसे बड़े बेस में से एक है और ये जगह कूटनीतिक तौर पर अहमियत रखती है. इसलिए ये हवाई पट्टी भारत को उस जल क्षेत्र पर भी नजर रखने में मदद करेगी जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान और चीन कर रहे हैं.
वरिष्ठ अधिकारियों ने up24x7news.com से बातचीत में कहा कि प्रोजेक्ट को शुरुआती स्तर पर अनुमति मिल गई है और जल्द ही बजट भी तय हो जाएगा. माना जा रहा है कि नागरिक उड्डयन और गृह मंत्रालय, जल और वायुसेना के साथ ही कोस्ट गार्ड से सलाह लेने के बाद ये प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा हो जाना चाहिए.
लक्षद्वीप एयरपोर्ट, एक तरह से श्रीनगर जैसा हो जाएगा जो भारतीय वायु सेना द्वारा संचालित है और जहां कमर्शियल एयरक्राफ्ट का आना-जाना सीमित है. कोस्ट गार्ड के पास विमान के लिए अलग से हैंगर होगा जो क्षेत्र की निगरानी करने के काम आएगा. सैन्य बल चॉपर्स के जरिए किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख सकते हैं. एक सलाहकार की सेवा ली गई है जो प्रोजेक्ट की संभावनाओं पर बात कर सके.
सूत्रों ने पुष्टि की है कि पहले छोटी हवाईपट्टी बनाने का इरादा था जिसे नकार दिया गया. क्योंकि इस पट्टी को हर तरह के एयरक्राफ्ट के लिए मुनासिब बनाने का इरादा था. ये प्रोजेक्ट कई सालों से चर्चा का विषय बना हुआ था लेकिन लक्षद्वीप के वर्तमान प्रशासक प्रफुल्ल खोदा पटेल ने इसे रफ्तार दी.
क्यों ये भारतीय सुरक्षा के लिए अहम है?
मिनिकॉय में एयरपोर्ट होने के फायदे बताते हुए प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने up24x7news.com को बताया कि इस रूट में 9 और 8 डिग्री चैनल हैं जो कि यूरोप समेत दुनिया भर की कई जगहों के बीच होने वाली शिपिंग की जीवन-रेखा है. यहां एयरपोर्ट होने से वायुसेना और कोस्टगार्ड का हाथ मजबूत होगा. ये मालदीव्स से भी करीब है जो कि स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स का हिस्सा है. वहीं ये हवाईपट्टी चीन के इस समुद्री रास्ते पर पैठ बनाने के सपने को चकनाचूर करेगी जो पाकिस्तान की मदद से लगातार ड्रग्स और हथियारों की तस्करी जैसे गैरकानूनी काम में लिप्त है.
एक रिपोर्ट के अनुसार चीन लगातार ऐसी रणनीति पर काम कर रहा है जिससे हिंद महासागर में अपना प्रभाव बढ़ा सके. ताकि इससे ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सके और इस क्षेत्र में भारतीय पकड़ को नियंत्रित किया जा सके. चीन से हिंद महासागर में चुनिंदा द्वीपों या बंदरगाहों पर नागरिक और सैन्य बुनियादों ढांचों का निर्माण करने की उम्नीद की गई थी.
वहीं दूसरी तरफ 9 डिग्री चैनल, 200 डिग्री का है जो कालपेनी और सुहेली को मिनिकॉय से अलग करता है और ये रास्ता यूरोप, मिडिल ईस्ट और पश्चिमी एशिया के दक्षिण पूर्वी एशिया और सुदूर पूर्व से होने वाले मर्चेंट शिपिंग का गवाह बनता है.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इसके साथ ही ये एयरपोर्ट पर्यटकों को तनाव रहित यात्रा में मदद करेगा क्योंकि वर्तमान में इस द्वीप के लिए उन्हें टिकट और रहने की व्यवस्था के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ती है. एयरपोर्ट के होने से क्षेत्र में और अधिक उड़ानों की आवाजाही देखी जाएगी.
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Tags: China vs india, Indian navyFIRST PUBLISHED : November 02, 2022, 14:35 IST