Exclusive: सिसोदिया के खिलाफ छापेमारी के बीच CBI जांच के ये हैं अहम पहलू! जानिए मामले से जुड़ी हर बात

सीबीआई के अधिकारियों ने न्यूज18 को बताया कि जांच में यह भी पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने आबकारी नीति को फिर से जारी करने के आदेश से पहले मंत्रिपरिषद की मंजूरी क्यों ली, लेकिन उपराज्यपाल की राय नहीं ली गई.

Exclusive: सिसोदिया के खिलाफ छापेमारी के बीच CBI जांच के ये हैं अहम पहलू! जानिए मामले से जुड़ी हर बात
हाइलाइट्सCBI जांच का मुख्य बिंदु- L-G की राय के बिना विवादित आबकारी नीति को क्यों बढ़ाया गयाराष्ट्रीय राजधानी में ड्राई डे की संख्या कम क्यों की गईविदेशी शराब पर कितना लाभ कमाया गया नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी नीति के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच कुछ बड़े सवालों पर केंद्रित रहेगी. राष्ट्रीय राजधानी में ड्राई डे की संख्या कम क्यों की गई, विदेशी शराब पर कितना लाभ कमाया गया और उपराज्यपाल की राय लिए बिना विवादित नीति को क्यों बढ़ाया गया. इस तरह के मुद्दे सीबीआई की जांच का एक बड़ा हिस्सा हैं. न्यूज18 को सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि ‘हमारी प्राथमिकी में हम दिल्ली सरकार द्वारा विदेशी शराब के मामले में इम्पोर्ट पास फीस और लाभ मार्जिन की जांच करने जा रहे हैं. उन्होंने ड्राई दिनों की संख्या कम क्यों की? आबकारी नीति को अवैध ढंग से बढ़ाने से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ. अधिकारियों ने कहा कि जांच में इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि आबकारी विभाग के अधिकारियों ने नीति को फिर से जारी करने के आदेश से पहले मंत्रिपरिषद की मंजूरी क्यों ली, लेकिन उपराज्यपाल की राय नहीं ली गई. इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर एलजी वीके सक्सेना की पहल पर की गई. जिन्होंने नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों को लेकर आबकारी नीति की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. एलजी की सिफारिश जुलाई में दायर की गई दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर आधारित थी. जिसमें जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमों के लेनदेन (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 के कथित प्रथम दृष्टया उल्लंघन को दिखाया गया था. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि सभी आरोपों की जांच की जाएगी. शुरुआती जांच से पता चलता है कि आबकारी नीति को लागू करने के लिए कुछ फास्ट-ट्रैक रूट का पालन किया गया था, जो नियमों के दायरे में नहीं था. सिसोदिया और अन्य लोगों पर टेंडर दिए जाने के बाद शराब का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित वित्तीय लाभ देने का आरोप लगाया गया है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है. आबकारी विभाग ने कथित तौर पर कोविड-19 का हवाला देते हुए लाइसेंसधारियों को निविदा लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी थी. यह भी आरोप लगाया गया है कि सरकार ने हवाईअड्डा क्षेत्र के लाइसेंस के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि तब वापस कर दी, जब वह हवाईअड्डा अधिकारियों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त करने में विफल रहा. विशेषज्ञ समिति की एक रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई आबकारी नीति, 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था. इसके तहत बोली लगाने वालों को शहर भर में 32 क्षेत्रों में विभाजित 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे. मनीष स‍िसोद‍िया से सुबह 7:30 बजे से ही CBI मांग रही इन सवालों के जवाब; अब होगी ED की एंट्री! इसके कई प्रावधान जैसे ड्राई डे की संख्या को सालाना 21 से घटाकर तीन करना, खुदरा शराब की बिक्री से सरकार का बाहर निकलना, होटल, रेस्तरां में बार को सुबह 3 बजे तक खुला रहने की अनुमति (इसे पुलिस की मंजूरी का इंतजार है) और खुदरा लाइसेंसधारियों को पेशकश करने के लिए आबकारी विभाग द्वारा शराब पर छूट व स्कीमों को लागू करने को लेकर विवाद है. सीबीआई ने शुक्रवार को आप नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास सहित दिल्ली-एनसीआर में 10 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की. जिससे केंद्र की भाजपा सरकार के साथ आम आदमी पार्टी की खींचतान तेज हो गई. सिसोदिया ने शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: AAP, CBI, CBI investigation, CBI Raid, Manish sisodiaFIRST PUBLISHED : August 19, 2022, 14:43 IST