बेहद खास है वन विभाग का यह गेस्ट हाउस नेता से लेकर अफसर तक को है पसंद

कन्नौज के राजा जयचंद्र के सामंत इटावा के राजा सुमेर सिंह द्वारा निर्मित खंडहर हो चुके किले को गेस्ट हाउस की शक्ल में बनाया गया है. किलानुमा यह गेस्ट हाउस इटावा में यमुना नदी के किनारे एक छोटी सी पहाड़ी पर बना है. गेस्ट हाउस के ऊपर हैलीपेड भी बना हुआ है. इस गेस्ट हाउस में 4 रूम है. जिसमें अतिथियों को रुकने के लिए दिया जाता है.

बेहद खास है वन विभाग का यह गेस्ट हाउस नेता से लेकर अफसर तक को है पसंद
इटावा. महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़े उत्तर प्रदेश के इटावा में यमुना नदी के किनारे स्थापित राजा सुमेर सिंह किला वन विश्रामगृह बेहद खास है. यह देश और प्रदेश का एक मात्र ऐसा गेस्ट हाउस है, जहां  हैलीपेड भी मौजूद है. बाहर से यह गेस्ट हाउस पुराने किले के रूप में ही नजर आता है. वहीं अंदर से यह किसी फाइव स्टार होटल से काम नहीं दिखता है. इस गेस्ट हाउस में 4 रूम है. जिसमें अतिथियों को रुकने के लिए दिया जाता है. बाहर और भीतर दोनों जगह से नजर आता है भव्य किला कन्नौज के राजा जयचंद्र के सामंत इटावा के राजा सुमेर सिंह द्वारा निर्मित खंडहर हो चुके किले को गेस्ट हाउस की शक्ल में बनाया गया है. किलानुमा यह गेस्ट हाउस इटावा में यमुना नदी के किनारे एक छोटी सी पहाड़ी पर बना है. जिसका रास्ता पहाड़ों की तरह घुमावदार है और चढाई भी ठीक-ठाक है. किले का भव्य और भारी-भरकम दरवाजा नया बना है, लेकिन डिजाइन पुरानी है. इसके दोनों तरफ द्वारपाल की प्रतिमा लगी है और बिना पूरा दरवाजा खुले कोई भी गाडी किले के भीतर नहीं जा सकती है. इसके अंदर खूबसूरत बगीचा बना हुआ है. बाहर और भीतर से भी नजारा एक भव्य किले जैसा नजर आता है. सुमेर सिंह किला से दिखता है आकर्षक नजारा सुमेर सिंह किले की बनावट मध्यकालीन महीदुर्ग के समान ही थी. जिसमें सुरक्षा के कारण से सुरंग एवं टीले के नीचे दीवारे मोटी थी. सुरंग युमना नदी तक जाती थी. किले के अंदर बारहदरी थी जो अब नष्ट हो चुका है. बारहदरी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उसकी आज तक कोई गिनती नहीं कर पाया है. कभी 11 तो कभी 13 की संख्या गिनती के वक्त आती रही है, लेकिन जिसने भी 12 की संख्या की गणना कर ली उसकी हर मनोकामना जरुर पूरी हुई है. इस गेस्ट हाउस से इटावा शहर के मनमोहक नजारे का दीदार हो जाएगा. सीढियां चढकर भीतर जाएंगे तो किसी बेहतरीन होटल जैसा नजर आएगा. सबसे खास बात यह है कि बेडरूम से लगी बालकनी से उफनती हुई यमुना दिखती है. वन विभाग के गेस्ट हाउस पर बना है हैलीपेड यहां गेस्ट हाउस के निर्माण का खाका उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने तैयार करवाया था. दूसरे कार्यकाल में उन्होंने इस जर्जर किले को गेस्ट हाउस की शक्ल में तैयार करने के लिए हरी झंडी दी, लेकिन इसका निर्माण 5 मई 2005 को पूरा हुआ और उन्होंने ही इसका उद्घाटन भी किया. आज यह गेस्ट हाउस उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अति विशिष्ट गेस्ट हाउस बन कर सामने खड़ा है. इटावा के डीएफओ अतुल कांत शुक्ला ने बताया कि राजा सुमेर सिंह का किला वन विश्रम गृह है और यह विभाग के अधीन है. इस गेस्ट हाउस पर एक हैलीपेड भी बना हुआ है. काफी ऊंची पहाड़ी पर इस गेस्ट हाउस का निर्माण हुआ है. यह गेस्ट हाउस राजनेताओं और अधिकारियों की पहली पसंद है. Tags: Etawah news, Forest department, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 16:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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