115 दिनों में तैयारन की ये 3 वैरायटी किसानों को कर देगी मालामाल!

खरीफ सीजन में नई-नई वैरायटी के धान की खेती करने वाले ज्यादातर किसान इस उम्मीद में खेती करते हैं कि उन्हें अन्य फसलों के मुकाबले इससे बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा मिलेगा

115 दिनों में तैयारन की ये 3 वैरायटी किसानों को कर देगी मालामाल!
बाराबंकी. भारत में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. कुछ दिनों बाद धान की बुआई भी शुरू हो जाएगी. ऐसे में किसानों को अच्छे किस्म की बीज की तलाश है. किसानों को धान की ऐसी किस्मों की जरूरत रहती है, जो कम समय में तैयार हो और ज्यादा पैदावार दे. दरअसल धान की कुछ ऐसी टॉप वैरायटी है जो कम पानी में विकसित होती है और अच्छी पैदावार देती है. बाराबंकी जिले में खरीफ सीजन में नई-नई वैरायटी के धान की खेती करने वाले ज्यादातर किसान इस उम्मीद में खेती करते हैं कि उन्हें अन्य फसलों के मुकाबले इससे बेहतर उत्पादन और अधिक मुनाफा मिलेगा. वहीं मई का अंतिम सप्ताह आते-आते कई राज्यों के किसान धान की बुआई यानी नर्सरी लगाना भी शुरू कर देते हैं. किसान ये भी चाहते हैं कि वे ऐसी किस्मों की खेती करें जिससे उनकी फसल जल्दी तैयार हो जाए और बढ़िया उत्पादन भी मिले. 115 दिनों में पककर तैयार कृषि उपनिदेशक श्रवण कुमार ने बताया वैसे तो हमारे यहां कई ऐसी धान की वैरायटी हैं जो कम समय में अच्छी पैदावार देती है.  जिनमें से एक है पीआर… इस किस्म की खास बात यह कि यह 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, यही नहीं इतने कम दिनों में इसका औसत उत्पादन 55 से 64 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलता है. सूखे क्षेत्रों में रामबाण वहीं पंत 24 धान प्रजाति की खेती खारी और सामान्य दोनों प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. यह जमीन पर तेजी से विकसित होती है. सूखे क्षेत्रों में तो इस प्रजाति की खेती और अधिक लाभदायक हो जाती है. उत्तर भारत के लिए यह प्रजाति बहुत अनुकूल है. रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा वहीं तीसरी वैरायटी है सबौर मंसूरी धान. इसका औसत उत्पादन 65 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. अधिकतम उत्पादन क्षमता 122 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पाया गया है. धान की इस प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है. जीवाणु झुलसा, झोंका रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है. तना छेदक और भूरा पत्ती लपेटक कीट के प्रति सहनशील है. साथ ही इसका तना भी बहुत मजबूत है, जिससे ये बदलते जलवायु में बार-बार आने वाले आंधी और तूफान में नहीं गिरेगी. साथ ही यह किस्म किसानों की आय बढाने में काफी मददगार साबित होगी और किसान इन फसलों से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. Tags: India agriculture, Paddy cropFIRST PUBLISHED : May 22, 2024, 10:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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